घर पर उगाएं सांस और पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद ये 11 औषधीय पौधे

how to grow herbal medicinal plants at home

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने हर्बल गार्डन चलाने वाली सुबाश्री का ज़िक्र किया था। उन्हीं से जानें, घर पर लगाए जाने वाले 11 खास औषधीय पौधों की खासियतों के बारे में।

जिन लोगों को पेड़-पौधों से लगाव होता है, वे अपने शौक़ को पूरा करने के लिए रास्ते तलाश ही लेते हैं। उनकी इस चाहत को न तो शहरों की भीड़-भाड़ रोक पाती है और ना ही छोटे से घर में जगह की किल्लत। वे घर के एक कोने या फिर गमलों में ही अपने लिए एक हरा-भरा बाग बना लेते हैं। मदुरै (तमिल नाडु) में पली-बढ़ीं सुबाश्री को भी पेड़-पौधों से कुछ ऐसा ही लगाव था और इसी लगाव ने उन्हें औषधीय पौधों (Medicinal Plants) की राह दिखाई।

बचपन से ही उन्हें पेड़-पौधों के बीच रहना और बागवानी करना पसंद था। शादी के बाद, अपने अपार्टमेंट में भी उन्होंने गार्डन के लिए एक जगह तलाश ही ली और अपने शौक़ को बरकरार रखा। लेकिन उनका यह शौक उन्हें इतनी शोहरत दिला सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी भी उनका जिक्र ‘मन की बात’ में करेंगे, इसका उन्हें एहसास नहीं था।

सुबाश्री ने हमसे बात करते हुए का, “शादी के बाद मेरा परिवार ही मेरी प्राथमिकता बन गया। लेकिन जब हम एक अपार्टमेंट में रह रहे थे, तब भी मैंने हमेशा वहां एक मिनी-गार्डन बनाए रखने की कोशिश की।”

PM ने ‘मन की बात’ में क्यों लिया नाम?

सुबाश्री ने बताया, “कुछ समय बाद, मैं श्री नेल्लई नायकम से मिली, जो चेन्नई के एक पारंपरिक सिद्ध (दवा) व्यवसायी थे। मैंने उनके साथ बतौर सहायक काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने ही मुझे जड़ी-बूटियों से परिचित कराया और फिर यह मेरा जुनून बन गया। मैंने औषधीय पौधों (Medicinal Plants) के बारे में ज्यादा से ज्यादा सीखना शुरू कर दिया था।”

चेन्नई में रहनेवाली 50 साल की सुबाश्री, फिजिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वह एक सफल उद्यमी हैं, जो खाने से लेकर सौंदर्य प्रसाधन तक, कई हर्बल प्रोडक्ट बेचती हैं। पिछले दो दशकों से, वह 400 से ज्यादा तरह के औषधीय पौधों वाले एक हर्बल गार्डन का रख-रखाव करती आ रही हैं। वह ‘अटरिया’ नाम से अपनी खुद की कंपनी भी चलाती हैं। 

इसके अलावा स्कूल, कॉलेजों में हर्बल गार्डन लगाने में मदद भी करती हैं। उनका खुद का एक सीड बैंक है और औषधीय पौधे बेचती हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में हर्बल पौधों को लेकर उनके प्रयासों और नेफ़थलीन बॉल्स के विकल्प के तौर पर हर्बल डिओडराइज़र बनाने के लिए उनका उल्लेख किया था।

थोड़ी सी देखभाल में उगाए जा सकते हैं Medicinal Plants

Subashree's herbal garden on the terrace
Subashree’s herbal garden on the terrace

सुबाश्री बड़े विश्वास के साथ कहती हैं, “हर घर के बगीचे में हर्बल प्लांट होने चाहिए। ऐसे बहुत से औषधीय पौधे हैं, जिन्हें थोड़ी सी देखभाल के साथ छोटी सी जगह में भी आसानी से उगाया जा सकता है।”

कौन से ऐसे पौधे हैं और उनकी खासियत क्या है? इसका जवाब देते हुए, उन्होंने हमारे साथ ऐसे 11 औषधीय पौधों की सूची साझा की, जो सांस की बीमारी और पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत पहुंचाने में आपकी मदद कर सकते हैं।

सांस संबंधी परेशानियों के लिए Medicinal Plants

  1. तुलसीः ‘जड़ी-बूटियों की रानी’ मानी जाने वाली तुलसी, सांस की समस्याओं को दूर कर स्वास्थ्य को ठीक बनाए रखने में मदद करती है। तुलसी के पत्तों को पाउडर या कषायम (काढ़े) के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। चाहें तो हल्दी और काली मिर्च से बनी इसकी चाय का जायका लें। 
  2. अजवाईन या करपुरवल्ली (एरिसोचिलस कैरोसस या मैक्सिकन मिंट): इसकी पत्तियों को या तो यूं ही चबाकर खाएं या फिर इसके अर्क को शहद के साथ लें। इससे गले की खराश और सर्दी का इलाज किया जा सकता है। ठंड के दिनों में इन पत्तों का इस्तेमाल ‘भाजी’ बनाने के लिए भी किया जाता है।
  3. थूथुवलाई (सोलनम त्रिलोबेटम): इसकी पत्तियों से चटनी बनाई जाती है। सूखे पत्तों का इस्तेमाल ‘ढल’ पाउडर में किया जाता है। वैसे आप इसे सूप में डालकर स्वाद और सेहत दोनों का मजा ले सकते हैं। सुबाश्री कहती हैं, “खांसी ठीक करने के लिए इसके फूलों को दूध में उबालकर पिया जा सकता है।” 
  4. आडाथोडाई या वासाका (जस्टिसिया अधातोदा): आदाथोडा मनापागु, तमिलनाडु में एक प्रभावी कफ सिरप है। सुबाश्री ने कहा, “इसकी पत्तियों से बना काढ़ा, सांस में होने वाली खरखराहट को ठीक करने में मदद कर सकता है।” 
  5. चिथरथाई या कुलंजन (अल्पिनिया गलांगल): सुबाश्री के अनुसार, इस पौधे की जड़ों को सुखाकर पाउडर बनाया जाता है और “खांसी और सर्दी के इलाज” के लिए इसे शहद में मिलाकर खा सकते हैं। आप चाहें तो इसकी पत्तियों को हर्बल टी में भी इस्तेमाल करें, आपको इससे काफी फायदा मिलेगा। 
  6. नोची या संभालो (विटेक्स नेगुंडो): सुबाश्री कहती हैं, “सिर दर्द, साइनसाइटिस और सांस में होने वाली खरखराहट को ठीक करना है, तो नोची की पत्तियों को पानी में उबालकर उसकी भाप लें। शरीर के दर्द और बुखार को कम करने के लिए नहाने के पानी में भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।”

पाचन शक्ति बढ़ाने वाले औषधीय पौधे

  1.  पिरंदई या हडजोद (वेल्ड अंगूर): यह हड्डियों को मजबूत करने वाली एक जानी-मानी जड़ी-बूटी  है। वह कहती हैं, “पिरंदाई के कोमल तनों से चटनी बनाई जाती है। जो अपच और बवासीर ठीक करने में आपकी मदद कर सकती है।” 
  2. पुदीना: ठंडक का अहसास देने वाली पुदीना की पत्तियों को आमतौर पर चटनी बनाकर खाया जाता है। कई लोग इससे सूप और चाय बनाकर भी पीते हैं। सुबाश्री ने कहा, “पुदीना पाचन क्रिया में सुधार करता है। यह मुंह के छालों और सूजन को भी ठीक कर सकता है।”
  3. लेमन ग्रास: चाय का ये एक बेहतरीन साथी है और पुलाव के स्वाद को भी मजेदार बना देता है। इसके फायदे बताते हुए वह कहती हैं, “ये पाचन के लिए अच्छा है। ब्लड सर्कुलेशन और मेटाबॉलिज्म को ठीक बनाए रखता है।”
  4. लेमन बेसिल: आमतौर पर इसका इस्तेमाल सलाद और चाय में किया जाता है। स्वाद काफी अच्छा होता है और पेट को आराम भी पहुंचाता है।
  5. करी पत्ता: भारतीय खान-पान में करी पत्ते को स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वैसे यह हमारी पाचन शक्ति को बढ़ावा देने के साथ-साथ गैस्टिक समस्याओं को भी काफी हद तक दूर कर सकता है। इसके अलावा, यह आयरन और विटामिन का अच्छा स्रोत भी है।

हड्डियों और लिवर के लिए फायदेमंद

सुबाश्री के अनुसार, “इन सबके अलावा गुडुची, अश्वगंधा, पोन्ननगनी (अल्टरनेथेरा सेसिलिस), भृंगराज, जैसे पौधे भी हैं, जो हड्डियों को मजबूत और लिवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं।”  

वह कहती हैं, “जिन भी पौधों का ज़िक्र किया गया है, इन सभी को थोड़े से प्रयास से घर की छत या बालकनी में आसानी से उगाया जा सकता है। बस जरूरत है पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी, पर्याप्त धूप और थोड़ी सी देखभाल की।”

अब तो आपको मेडिसिनल प्लांट (Medicinal Plants) की अच्छी-खासी जानकारी हो ही गई होगी, फिर देर किस बात की? अपने घर में एक छोटा से हर्बल गार्डन भी लगा ही लीजिए।

मूल लेखः अंजलि कृष्णन

संपादनः अर्चना दुबे

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