बिहार में पटना के रहने वाले अशोक कुमार श्रीवास्तव को बचपन से ही बागवानी का शौक रहा। बागवानी के प्रति यह लगाव उन्हें अपने पिता से मिला है। फार्मा इंडस्ट्री से जुड़े अशोक कुमार श्रीवास्तव ने अपने घर में एक सुंदर बगीचा बनाया है, जहां अलग-अलग किस्म के पेड़-पौधे आपको देखने को मिल सकते है।
अशोक कुमार श्रीवास्तव पिछले 45 सालों से अपने घर में गार्डनिंग कर रहे हैं। आज उनके गार्डन में 100 से ज्यादा किस्म के देशी और विदेशी पेड़-पौधें हैं!
उनका कहना है, “ मेरे बगीचे में निंबू, अमरूद, अनार और संतरा के भी पेड़ हैं। सिर्फ दो निंबू के पेड़ से मुझे हर मौसम में लगभग 1000 निंबू मिल जाते हैं। मेरे यहाँ के अमरूद भी बहुत स्वादिष्ट हैं। मैं मौसमी सब्ज़ियाँ जैसे टमाटर, हरी मिर्च आदि भी उगता हूँ। इससे मेरा बाग हर मौसम में फला-फूला रहता है।”
द बेटर इंडिया ने अशोक कुमार से खास बातचीत की, जिसके कुछ अंश आप यहाँ पढ़ सकते हैं!
1. अगर कोई अपना गार्डन/बगीचा लगाना चाहता है तो उसे सबसे पहले क्या करना चाहिए?
अशोक कुमार: सबसे पहले, यह तय करें कि आप किस जगह पर पेड़-पौधे लगाना चाहते हैं, गमलों में या फिर खुली ज़मीन पर। इसके बाद आप तय कर सकते हैं कि आप किस तरह के कितने पेड़ लगाएंगे। अगर आप गमलों में पेड़ लगा रहे हैं तो छोटे पौधों से शुरूआत करें जैसे कि मौसमी फूल या फिर मौसमी सब्ज़ियाँ। लेकिन अगर ज़मीन में लगा रहे हैं तो आप कोई भी पेड़-पौधे लगा सकते हैं।
2. अगर कोई पहली बार गार्डनिंग कर रहा है तो उन्हें किस तरह के पेड़-पौधे लगाने चाहिए?
अशोक कुमार: मुझे लगता है कि आपको सबसे पहले कुछ फूल और सब्ज़ियों के पौधे लगाने चाहिए। फलों के पेड़ जैसे आम, पपीता, केला आदि खुली जगह में लगाएं।
3. गार्डनिंग के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें?
अशोक कुमार: गार्डनिंग के लिए सबसे पहले हमें मिट्टी को तैयार करना होता है। 50% सामान्य मिट्टी लें, 10% इसमें रेत मिलाएं, 25% गाय का गोबर और बाकी 20% बर्मीपोस्ट। सभी चीज़ों को अच्छे से मिलाएं और फिर इसे गमलों में भरें। गमलों में मिट्टी भरने के बाद इसमें पानी दें, फिर इसे 2 दिन तक सूखने के लिए रखें। इससे मिट्टी का मिश्रण अच्छे से सेट हो जाएगा। अब आप इसमें पौधे या बीज लगा सकते हैं।
4. क्या छत पर पेड़-पौधे लगाने से इसे कोई नुकसान हो सकता है?
अशोक कुमार: अगर आप छत पर पेड़-पौधे लगा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपकी छत वाटरप्रूफ हो। क्योंकि फिर लीकेज होने की समस्या रहती है।
5. गार्डनिंग करने के कुछ आसान और कम लागत के तरीके क्या हैं?
अशोक कुमार: शुरूआत में थोड़ी कम लागत वाले पेड़-पौधे और बीज खरीदें क्योंकि पहली बार गार्डनिंग करने में पौधों के खराब होने का डर भी है। आप किसी स्थानीय नर्सरी या फिर सरकारी नर्सरी से सस्ते दाम पर पौधे ले सकते हैं। मेरे हिसाब से ऑनलाइन पेड़-पौधे खरीदने में एक रिस्क है। ज़रूरी नहीं कि जहां से आप मंगवा रहे हैं, वह सही ही भेजें।
6. पौधे लगाने के लिए कौन-सा मौसम उपयुक्त है?
अशोक कुमार: सबसे सही समय है मानसून। सर्दियों में आप फूलों के पौधे लगा सकते हैं। आप सितंबर के मध्य से अपने गमलों को तैयार करने शुरू करें और अक्टूबर में पेड़-पौधे लगाएं। बाकी गर्मियों में पेड़-पौधों का भरपूर ख्याल रखें क्योंकि इस मौसम में पेड़ों के खराब होने का डर रहता है। सबसे ज्यादा ज़रूरी है कि आप नियमित रूप से पानी दें।
7. पेड़ों के लिए घर पर ही खाद कैसे तैयार करें?
अशोक कुमार: खाद तैयार करने में थोड़ी मेहनत है और जो लोग पहली बार कर रहे हैं उन्हें पहले-पहले पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने पर ध्यान देना चाहिए। बाकी आप धीरे-धीरे गीले कचरे से कम्पोस्टिंग शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, आप फलों और सब्ज़ियों के छिलके सीधे भी मिट्टी या पेड़ों में डाल सकते हैं। 4-5 दिनों में ये डीकंपोज हो जाएंगे और खाद का काम करेंगे।
8. पेड़-पौधों की देखभाल कैसे करें, कब पानी दें और कितनी धूप उनके लिए ज़रूरी है?
अशोक कुमार: गर्मियों में पौधों को नियमित रूप से पानी दें, सुबह और शाम। सर्दियों में आप एक-एक दिन के अंतराल पर पानी दे सकते हैं। साथ ही, मिट्टी को भी हर महीने ऊपर-नीचे करते रहें और इसमें समय-समय पर कुछ उर्वरक तत्व मिलाते रहें जैसे कि पोटाश, बर्मीपोस्ट आदि। खाद मिलाने के बाद ज़रूर पानी दें। धूप पेड़ों के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए पेड़ों को 5-6 घंटे धूप मिले, इस बात का ध्यान रखें। बाकी इंडोर पेड़ों को 2-3 दिन में एक बार धूप दिखाएँ।
9. कोई घरेलू नुस्खा बताइए जिससे पेड़-पौधों को पोषण दिया जा सकता है?
अशोक कुमार: शैम्पू अच्छा पेस्टिसाइड है और इसके अलावा आप नीम का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर घरेलु पेस्टिसाइड जैसे लाल मिर्च, लहसुन की बराबर मात्रा लें और पेस्ट बना लें। इसमें थोड़ा हैंड वॉश मिलाएं। अब इस पेस्ट को फिल्टर करके पानी में मिलाएं। आप इसका स्प्रे पेड़ों पर कर सकते हैं।
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आप लिक्विड खाद भी बना सकते हैं- 5 लीटर पानी में 2-3 किग्रा गाय का गोबर मिलाएं। इसमें दो कप बोन डस्ट, एक कप डीएपी, आधा कप पोटाश मिलाकर इस मिश्रण को अच्छे से हिलाएं। इसे ढक दें और हर दिन एक बार इसे हिलाएं। 7 दिन बाद इस मिश्रण को 10 लीटर पानी में मिला लें। फिर इसे पौधों की ज़रूरत के हिसाब से डालें।
10. अंत में, हमारे पाठकों के लिए कोई सलाह या फिर टिप्स?
अशोक कुमार: मैं यही कहूँगा कि गार्डनिंग का कोई शॉर्टकट नहीं है। अगर आप पौधों की उचित देख-रेख नहीं करेंगे तो आपको सफलता नहीं मिलेगी। इसके अलावा, मिट्टी अच्छे से तैयार करें, पौधों को पानी वक़्त पर दें, खाद समय पर डालें, हर 15 दिन-एक महीने में मिट्टी ऊपर-नीचे करें, खरपतवार आदि को हटाते रहें। पौधों को सही धूप मिले और सूखे हुए पत्ते पेड़ों से हटायें ताकि ये स्वस्थ रहें!
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