Placeholder canvas

मात्र 300 वर्ग फ़ीट टेरेस पर उगाए 2500+ पौधे, फेसबुक पर देते हैं Free Gardening Tips

कोलकाता के CA संतोष मोहता ने, अपनी छत पर बागवानी करने के साथ-साथ, शहरों में हरियाली फ़ैलाने के मकसद से ‘Concern For Earth’ नाम की संस्था भी बनाई है, जहाँ वह free gardening tips देते हैं।

हम सभी जानते हैं कि शहर में बढ़ता प्रदूषण और हरियाली की कमी एक चिंता का विषय है। वहीं, जगह और समय की कमी के कारण, पेड़-पौधे लगाना और उनकी देखभाल करना, लोगों को काफी मुश्किल काम लगता है। लेकिन, आज हम आपको जिनके बारे में बताने जा रहे हैं, वह अपने घर के टेरेस पर पेड़-पौधे लगाने के साथ-साथ, शहर के दूसरे लोगों को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। हम बात कर रहे हैं, कोलकाता के 59 वर्षीय CA संतोष मोहता की। वह पिछले 15 साल से अपने घर में गार्डनिंग कर रहे हैं। वह अपने व्यस्त रूटीन से समय निकालकर, इन पौधों की देख-रेख करते हैं। संतोष ने तीन साल पहले शहर में गार्डनिंग को बढ़ावा देने के लिए, एक संस्था की शरुआत भी की है, जिसका नाम है ‘Concern For Earth’। इस संस्था के जरिये, वह लोगों को टेरेस गार्डनिंग से जुड़े टिप्स (Free Gardening Tips), पौधों की कटिंग, बीज आदि देते हैं। साथ ही, वह गिफ्टिंग के लिए लोगों को पौधे और गमले भी देते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि वह अपने घर से ही एक नर्सरी चला रहे हैं।   

मात्र 300 वर्ग फ़ीट के टेरेस पर उगाये 2500 पौधे  

Free Gardening

द बेटर इंडिया से बात करते हुए संतोष ने बताया, “पेड़-पौधे और हरियाली मुझे बहुत पसंद है। गांव में तो हमें हरियाली दिख जाती है, लेकिन शहरों में हम हरियाली देखने को तरस जाते हैं। पहले यह बात मुझे बहुत परेशान करती थी। इसलिए, अपने आसपास हरियाली लाने के लिए, मैंने टेरेस गार्डनिंग से शुरुआत की।” फ़िलहाल उनके 300 वर्ग फ़ीट के टेरेस पर आपको 2500 से ज्यादा पौधे दिख जाएंगे, जिनमें 200 से ज्यादा तरह के पेड़-पौधों की किस्में शामिल हैं। 

उनके गार्डन में हर तरह की मौसमी सब्जियां और औषधीय पौधे लगे हुए हैं। इनमें आम, अमरूद, जामुन, पपीता, सीताफल, अनार जैसे फलों के पौधों के साथ ही, पीपल, बरगद, नीम जैसे बड़े पेड़ भी शामिल हैं। पौधों को सही ढंग से उगाने के लिए, उन्होंने कोलकाता की ‘एग्री हॉर्टिकल्चर सोसाइटी’ से गार्डनिंग की ट्रेनिंग भी ली है। टेरेस गार्डन की समस्या के बारे में बात करते हुए वह बताते हैं, “मेरा घर काफी पुराना है। शुरुआत में टेरेस पर गमलों का भार बढ़ने की वजह से घर में दरार पड़ने लगी थी, लेकिन मैंने उसका भी उपाय ढूंढ निकला। मैंने सारे गमलों से मिट्टी निकाल कर, कोकोपीट का इस्तेमाल करना शुरु किया। जिससे टेरेस के भार में काफी कमी आ गयी।” इसके अलावा, वह मिट्टी के गमलों के साथ लकड़ी और प्लास्टिक के हल्के डिब्बों का इस्तेमाल भी करते हैं। 

‘Concern For Earth’  

संतोष, ‘Concern For Earth’ की शुरुआत के बारे में बात करते हुए कहते हैं, “मेरे गार्डन से प्रभावित होकर, मेरे ऑफिस के कई दोस्त और जान-पहचान के लोग, मुझसे गार्डनिंग की जानकारी लेने आते थे। मैंने देखा कि कई लोग ऐसे हैं, जो अपने घर पर पौधें उगाना तो चाहते हैं, लेकिन जानकारी के आभाव में उगा नहीं पाते। ऐसे प्रकृति प्रेमियों की मदद के लिए, मैंने ‘Concern For Earth’ नाम की एक संस्था बनाई, जहाँ मैं लोगों को गार्डनिंग से जुड़े टिप्स (Free Gardening Tips) देने के साथ-साथ उनका गार्डन सेट-अप करने में भी मदद करता हूँ।”

Concern for earth

संतोष का मानना है कि जन्मदिन या दूसरे किसी विशेष अवसर पर, लोगों को ग्रीन गिफ्ट यानी एक पौधा गिफ्ट में देना चाहिये। इसलिए इस संस्था के ज़रिए, वह गिफ्टिंग के लिए, औषधीय और सजावटी पौधों की कई किस्में मुहैया करवाते हैं। वह खुद ही पौधों को अलग-अलग सजावटी गमलों में डालकर, इन्हें गिफ्ट के तौर पर सजाते हैं। जूट, टेराकोटा, कांच, लकड़ी, बांस आदि के गमलों में सजने के बाद ये पौधें वाकई गिफ्टिंग का बेहतरीन विकल्प बन जाते हैं। इनकी कीमत 100 से 5000 रुपये तक होती है। साथ ही, वह गमले में लगे पौधे की जानकारी, उसके इस्तेमाल और उसकी देखभाल से जुड़ी बातें भी लिख कर देते हैं। ताकि जिसे भी वह पौधा मिले, वह उसकी देख-रेख ठीक से कर सके। 

कोरोना काल में जब औषधीय गुण वाले गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा आदि पौधों का उपयोग काफी ज्यादा किया जा रहा है, ऐसे में, संतोष अपनी संस्था की ओर से लोगों को गिलोय का पौधा मुफ्त में देने का काम कर रहे हैं। साथ ही, वह गिलोय के पौधे के रखरखाव की जानकारी भी देते हैं। वह कहते हैं, हर किसी को अपने घर में एक औषधीय गुण वाला पौधा जरूर लगाना चाहिए।

इसके अलावा संतोष, किचन से निकलने वाले गीले कचरे को फेंकने की बजाय, खाद बनाकर पेड़-पौधों में डालते हैं और दूसरे लोगों को भी इस तरह खाद बनाना भी सिखाते हैं।

संतोष की यह संस्था ‘पश्चिम बंगाल सोसाइटी’ में रजिस्टर्ड है। साथ ही, उन्होंने अपनी संस्था के नाम पर एक फेसबुक पेज भी बनाया है, जहाँ आपको सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएँगी।

अपनी इस अनोखी संस्था के ज़रिए संतोष, अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मदद कर चुके हैं।

Santosh mohta Free Gardening tips

उन्होंने 2020 में, ‘कोलकाता चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स’ की ओर से आयोजित एक प्रदर्शनी में, अपने ग्रीन गिफ्टिंग उत्पादों को पेश किया था। पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फ़ैलाने के लिए, वह समय-समय पर शहर में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रमों में भाग लेते रहते हैं। इसके साथ ही, वह अपने फेसबुक पेज पर भी पौधों से जुड़ी जानकारियां और टिप्स (Free Gardening Tips) आदि के वीडियो बनाकर डालते रहते हैं। 

संपादन – प्रीति महावर

यह भी पढ़ें: लॉकडाउन का किया सही इस्तेमाल, 350 दुर्लभ पेड़ों का बीज बैंक बनाकर बांटते हैं मुफ्त

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।



Free Gardening Tips

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X