पवन ऊर्जा (wind energy) का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो सके, इसके लिए न्यूयॉर्क में रहनेवाले डिजाइनर जो डौसेट ने एक कमाल की विंड टरबाइन वॉल बनाई है, जो हवा से ऊर्जा को खींचता है। डौसेट का यह प्रॉजेक्ट आर्ट और टेक्नोलोजी का मिश्रण है, जो हमारे घरों तक पहुंचने वाली बिजली की समस्या को दूर कर सकता है। वह हमेशा से कुछ ऐसा बनाना चाहते थे, जो दिखने में आकर्षक भी हो और जिससे ऊर्जा का भी भरपूर इस्तेमाल किया जा सके।
ऐसा माना जा रहा है कि डौसेट के इस रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स से एक साल में करीब 10,000 किलो वाट बिजली बनाई जा सकती है। भारत के एक शहरी घर में हर महीने करीब 150–200 KwH बिजली की खपत होती है। यानी इस विंड टरबाइन वॉल से प्रोड्यूस होने वाली बिजली से भारत में एक साल तक चार घरों में बिजली आपूर्ति की जा सकती है।
जो डौसेट एक डिजाइनर, उद्यमी, आविष्कारक और क्रिएटिव डायरेक्टर हैं। उनके काम को विश्व स्तर पर काफी सराहना मिली है और इसे ‘लंदन डिजाइन म्यूजीयम’ और सेंट-इटियेन स्थित ‘बिएनेल इंटरनेशनल डिज़ाइन’ में भी प्रदर्शित किया गया था। डौसेट को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया है, जिसमें डिजाइन इनोवेशन के लिए ‘वर्ल्ड टेक्नोलोजी अवॉर्ड’ भी शामिल है। इतना ही नहीं, सरफेस मैगज़ीन ने उन्हें ‘एवंतगार्डियन’ का टाइटल भी दिया है।

साल 2017 में, वह स्मिथसोनियन कूपर, हेविट नेश्नल अवॉर्ड के विजेता भी रहे हैं। इस क्षेत्र में यह सर्वोच्च सम्मान है।
Wind Energy से कम हुई जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता
डौसेट अपनी वेबसाइट पर लिखते हैं, “क्या आर्ट में इतनी शक्ति है कि उससे हमारे घरों को बिजली मिल सके? ऊर्जा उत्पन्न करने में पवन ऊर्जा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और दुनिया भर के राष्ट्रीय ग्रिड की जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) पर निर्भरता कम हुई है। लेकिन घरों के लिए विंड टरबाइनों का इस्तेमाल कम ही होता है और इसका कारण शायद इसका आकार है।”
वह आगे कहते हैं कि इस प्रोडक्ट को आकर्षक तरीके से डिजाइन किया गया है। डौसेट ने कहा, “इस दीवार को रोटरी ब्लेड की एक सीरीज से बनाया गया है। ये अलग-अलग घूमती हैं, जिससे एक मिनी जनरेटर चलता है और बिजली उत्पन्न होती है। बिजली का इस्तेमाल घर या बिजनेस में किया जाता है, इसे दीवार पर लगे बैटरी में स्टोर किया जा सकता है। इस बिजली को राष्ट्रीय ग्रिड में वापस सप्लाई भी किया जा सकता है और बदले में मालिक को राजस्व मिलता है।”
कैसे करता है ये काम?
होमक्रक्स के अनुसार, विंड टरबाइन कई रोटरी ब्लेड से बना होता है। ये ब्लेड अलग-अलग घूमते हैं, जिससे एक मिनी जनरेटर चलाता है और यह जेनरेटर बिजली उत्पन्न करता है। इस विंड टरबाइन का प्रोटोटाइप समतल दीवार पर बनकर तैयार है और यह लगभग आठ फीट लंबा और 25 फीट चौड़ा है।
यह विंड टरबाइन वॉल रेक्टैंगुलर आकार का है और इसमें 25 ऑफ-द-शेल्फ विंड टरबाइन जनरेटर हैं, जो वर्टिकल रॉड्स और स्क्वायर पैनल के साथ जुड़े हैं। यह स्क्वायर पैनल बिजली उत्पन्न करने वाली 25 ब्लेड के साथ घूमती हैं। पर्यावरण के अनुकूल यह प्रोडक्ट, डिजाइन और टेक्नोलोजी का अद्भुत उदाहरण है।
कौन सी जगह है इसे लगाने के लिए सबसे बेहतर
विंड टरबाइन को ऐसी जगह रखना अच्छा होता है, जहां लगातार हवा बहती रहे। ऐसे में घनी आबादी वाले शहरी परिवेश में इसे रखना शायद संभव नहीं है। लेकिन, शहरी इलाकों में जहां विशाल टरबाइन नहीं रखे जा सकते हैं, वहां विंड टरबाइन वॉल आसानी से रखा जा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जैसा कि पवन ऊर्जा (wind energy) तक पहुंचने की कोई सीमा नहीं है, ऐसे में इस वॉल को रखने की सबसे अच्छी जगह हाईवे, बाड़ों, रिटेनिंग वॉल या इमारतों के आसपास हैं।
इसका मूल प्रोटोटाइप, सितंबर 2021 में पेश किया गया था, डौसेट द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, काइनेटिक वॉल को बाजार में लाने के लिए कई निर्माताओं के साथ उनकी बातचीत हो रही है। कई रिपोर्ट्स से पता चलता है कि जो इस प्रोडक्ट की कीमत कम ही रखना चाहते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे खरीद सकें।
मूल लेखः विद्या राजा
संपादनः अर्चना दुबे
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