भारत में लोगों को चाय इतनी पसंद है कि यहां इसे इश्क से कम नहीं मानते। कुछ लोगों के लिए तो यह दिन की शुरुआत करने के लिए सिर्फ एक ड्रिंक नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है और इस चीज़ को प्रफुल्ल बिल्लौरी ने बखूबी समझ लिया था, तभी तो चाय बेचने के काम को चुना और ‘MBA चायवाला’ नाम से महज़ एक दुकान नहीं, बल्कि पूरी चेन खड़ी कर दी।
CAT की तैयारी करने से लेकर, Mcdonald’s में पोछा लगाने तक, चाय के एक छोटे ठेले से, करोड़ों का बिज़नेस बनाने तक। 25 साल के प्रफुल्ल बिल्लौरी की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं। दरअसल, इंदौर के एक आम परिवार में पले-बढ़े प्रफुल्ल के पिता चाहते थे कि वह MBA करें और उनके सपने को पूरा करने के लिए प्रफुल्ल CAT की तैयारियों में भी लग गए थे।
लेकिन रोज़ 8 से 10 घंटों की पढ़ाई के बावजूद, वह लगातार 3 बार परीक्षा में फेल हुए। इन असफलताओं से वह इतने निराश हुए कि सब कुछ छोड़कर घर से निकल पड़े, हालंकि जाना कहां है उन्हें कुछ पता नहीं था। कई शहरों से होते हुए जब वह अहमदाबाद पहुंचे, तब उनके पास न तो पैसे बचे थे और न ही करने को कोई काम था।
…जब लोगों ने बंद करवा दी दुकान
काफी खोजबीन के बाद, आज MBA चायवाला के फाउंडर प्रफुल्ल को उस समय McDonald’s में काम मिल गया, जहां उन्होंने सफाई कर्मचारी, वेटर और बर्गर बनाने का काम किया। यहां काम करते-करते उन्होंने बिज़नेस की बारीकियों को काफी करीब से समझा और फिर एक दिन उनके मन में ख्याल आया कि क्यों न अपना काम शुरू किया जाए, लेकिन करें तो करें क्या?
प्रफुल्ल ने सोचा कि भारत में ऐसी कौन सी चीज़ है जो लोगों को सुबह शाम, उठते बैठते किसी भी वक़्त, अपनी ओर खींच लाए और जवाब आया ‘चाय’। प्रफुल्ल के पास पूरा कैफ़े खोलने के लिए पैसे तो थे नहीं। लेकिन कुछ पैसे जोड़कर, वह चाय के बर्तन ले आए। इसके बाद प्रफुल्ल ने हिम्मत जुटाई और पिता से 10 हज़ार रूपए लेकर चाय का एक ठेला शुरू किया।
समय बीतता गया और उनके चाय की बिक्री 100 से हज़ार तक पहुंची। लेकिन बढ़ती बिक्री के साथ, परेशानियां भी आईं। आस-पास के लोगों ने प्रफुल्ल की दुकान बंद करा दी। अच्छी-खासी चल रही दुकान छूटी, कस्टमर्स छूटे और प्रफुल्ल ज़िन्दगी में एक बार फिर निराश हो गए।
देश भर में हैं 100 से भी ज़्यादा आउटलेट्स हैं MBA चायवाला के
इस बार प्रफुल्ल की निराशा ज़्यादा समय तक टिकी नहीं। एक जगह से दुकान बंद हुई, तो उन्होंने एक अस्पताल के बाहर ठेला लगाना शुरु किया और नाम रखा ‘MBA चायवाला’ यानि ‘Mr. Billorie Ahmedabad Chaiwala’। उन्होंने एक सफेद बोर्ड भी लगाया, जिस पर लिखा था, “जो भी लोग नौकरी की तलाश में हों, वह यहां अपनी डिटेल्स भेजें।”
अब लोग अपना नाम, नंबर या मैसेज लिखने आते और इसी बहाने चाय की चुस्की भी लेकर जाते। धीरे-धीरे प्रफुल्ल की दुकान इतनी फेमस हो गई कि उन्हें अलग-अलग जगहों से इवेंट्स और पार्टीज़ में स्टॉल लगाने के लिए बुलाया जाने लगा। फिर तो चाय का यह एक छोटा सा ठेला, कब एक बड़ी चेन में बदल गया पता ही नहीं चला और प्रफुल्ल एक जानी मानी हस्ती बन गए।
आज MBA चायवाला के 100 से भी ज़्यादा आउटलेट्स और 1 लाख से भी अधिक डेली कस्टमर्स हैं। प्रफुल्ल इस बात को साबित करते हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बस इंसान की सोच बड़ी होनी चाहिए।
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