बहुत से लोगों को लगता है कि बिना मिट्टी के पौधे नहीं उगाये जा सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। ‘हाइड्रोपोनिक्स विधि’ (जल संवर्धन) से आप बिना मिट्टी के, सिर्फ पानी और कुछ पोषक तत्वों का उपयोग करके साग-सब्जियां उगा सकते हैं। केवल पानी या बालू में अथवा कंकड़ों के बीच नियंत्रित जलवायु में, बिना मिट्टी के पौधे उगाने की तकनीक को हाइड्रोपोनिक तकनीक कहते हैं। हाइड्रोपोनिक शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों ‘हाइड्रो’ (Hydro) और ‘पोनोस’ (Ponos) से मिलकर हुई है। हाइड्रो का मतलब है पानी, जबकि पोनोस का अर्थ है कार्य।
इस तकनीक से आप कम जगह और कम पानी में, ज्यादा अच्छी उपज ले सकते हैं। आज बहुत से लोग, खासकर शहरी किसान इस तरीके से साग-सब्जियों का उत्पादन ले रहे हैं। इस तकनीक से, लोग अपनी छतों पर भी खेती कर सकते हैं और कोई भी व्यक्ति इस तकनीक को सीखकर या कहीं से ट्रेनिंग लेकर, अपने घर की छत पर खेती शुरू कर सकता है। बहुत से लोग अपनी नौकरी के साथ-साथ, एक अतिरिक्त आय के साधन के तौर पर भी, इस तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स से आज हम आपका परिचय करा रहे हैं। पंजाब के लुधियाना में रहने वाले 39 वर्षीय बैंक क्लर्क अंकित गुप्ता, अब एक शहरी किसान बन चुके हैं।
अंकित लगभग दो साल से, अपनी छत पर बिना मिट्टी के साग-सब्जियों का उत्पादन ले रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस तरह से उगाई गई उनकी सब्जियां, लुधियाना और आसपास के शहरों में ग्राहकों तक पहुँच रही हैं। ग्राहकों तक उपज पहुँचाने के साथ-साथ, वह ऑर्डर पर ‘हाइड्रोपोनिक्स’ सेट-अप लगाने में लोगों की मदद भी करते हैं। उन्होंने अपना स्टार्टअप भी शुरू कर दिया है।
कैसे हुई शुरुआत:
अंकित ने भारतीय नौसेना में काम किया है और रिटायरमेंट के बाद वह बैंक में बतौर क्लर्क काम करने लगे। उन्हें बागावनी का बेहद शौक है। वह छत पर अलग विधि से बागवानी करना चाहते थे। इसके बारे में उन्होंने बताया, “मैं छत पर बागवानी करना चाहता था। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि छत पर मिट्टी की वजह से काफी वजन हो जाता है। इसलिए, मैंने अलग विधि से बागवानी करने की योजना बनाई। एक दिन मुझे यूट्यूब पर हाइड्रोपोनिक्स के बारे में पता चला। मुझे यह तरीका अच्छा लगा लेकिन, आसपास ऐसा कोई नहीं था, जो इसके बारे में ज्यादा जानकारी रखता हो। इसलिए लगभग छह महीने तक मैंने यूट्यूब के जरिए ही इसके बारे में पढ़ा और समझा।”
जब उन्हें थोड़ा आत्मविश्वास आया कि वह हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती शुरू कर सकते हैं तब उन्हें अपने आसपास, कोई इसका सेटअप तैयार करके देने वाला नहीं मिला। वह कहते हैं, “पहले तो परिवार को भी इस काम के लिए, मनाने में थोड़ी मेहनत करनी पड़ी। क्योंकि, उन्होंने कभी ऐसे किसी तरीके के बारे में नहीं सुना था। इसलिए वे थोड़ा झिझक रहे थे। दूसरा, जब मैंने लोगों से हाइड्रोपोनिक्स सेटअप के बारे में पूछा तो मुझे कोई जबाब नहीं मिला। ऐसे में, मैंने सोशल मीडिया के जरिए अलग-अलग शहरों में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती कर रहे लोगों से मदद ली और अपना सेटअप लगाया।”
पहले उन्होंने सिर्फ 50 पौधों वाला सेटअप लगाया और पालक से शुरूआत की। इसमें जब उन्हें सफलता मिली तो उन्होंने अपना सेटअप बढ़ाया। आज उनका सेटअप दो हजार पौधों का है, जिन्हें वह ‘डीप फ्लो तकनीक‘ (DFT) से उगा रहे हैं। इसके अलावा, उनके पास 50 ग्रोबैग भी हैं, जिनमें वह कोकोपीट, और पर्लाइट जैसे पोषक तत्वों का इस्तेमाल करके साग-सब्जियां उगाते हैं। वह पालक, लेटस, सेलरी जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ-साथ टमाटर, मिर्च, मटर और खीरा आदि भी उगा रहे हैं। इस पूरे सेटअप पर उनकी लागत 1.25 लाख रुपए आई थी।
बना अतिरिक्त आय का साधन:
अंकित बताते हैं कि उन्होंने यह शुरुआत सिर्फ अपने परिवार के लिए की थी। लेकिन लॉकडाउन के दौरान, उनके जानने वाले भी उनसे सब्जियां मांगने लगे। पहले उन्होंने सिर्फ कुछ लोगों को सब्जियां पहुँचाई। लेकिन, जैसे-जैसे मांग बढ़ने लगी तो उन्होंने अपना खुद का स्टार्टअप शुरू कर दिया। अब वह अपने स्टार्टअप, ‘सेवनसीज हाइड्रोपोनिक्स‘ के जरिये लगभग 70 ग्राहकों को नियमित रूप से सब्जियां पहुँचा रहे हैं।
उन्होंने बताया, “लोग हमें व्हाट्सअप या कॉल पर ऑर्डर देते हैं और हम उसी हिसाब से उन्हें सब्जियां पहुँचाते हैं। पहले मैं अपने हिसाब से साग-सब्जियां उगा रहा था। लेकिन, अब ग्राहकों की मांग के हिसाब से फल-सब्जियों का उत्पादन करता हूँ। धीरे-धीरे हमारे ग्राहक भी बढ़ रहे हैं क्योंकि, आजकल हर कोई स्वास्थ्य और फिटनेस को लेकर सजग है। इसलिए, लोगों को रसायन मुक्त और पोषण से भरपूर साग-सब्जियां ही चाहिए।”
ग्राहकों को जैविक और स्वस्थ सब्जियां पहुँचाने के साथ-साथ अंकित, कोकोपीट, ग्रो बैग और हाइड्रोपोनिक्स सेटअप करने के लिए, जरूरी चीजों की भी बिक्री करते हैं। वह बताते हैं कि जैसे-जैसे लोगों को इस तकनीक के बारे में पता चल रहा है तो बहुत से लोग इसे सीखना चाहते हैं और अपने यहाँ सेटअप भी करना चाहते हैं। फिलहाल, वह अपने इस स्टार्टअप से हर महीने 40 हज़ार रुपए से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं। अंकित कहते हैं कि उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था कि उनकी एक छोटी-सी कोशिश एक बिजनेस में बदल जाएगी।
लेकिन अब, वह और उनके परिवार वाले इस काम को आगे ले जाना चाहते हैं। वह लोगों को हाइड्रोपोनिक्स तकनीक पर ट्रेनिंग देने की भी योजना पर काम कर रहे हैं। वह सबके लिए यही सलाह देते हैं कि अगर आप बागवानी में दिलचस्पी रखते हैं और कुछ अलग करना चाहते हैं तो एक बार हाइड्रोपोनिक्स तकनीक जरूर ट्राय करें।
अगर आप अंकित गुप्ता से संपर्क करना चाहते हैं तो उन्हें sevenseashydroponics@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं या उनका इंस्टाग्राम पेज देख सकते हैं।
संपादन- जी एन झा
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