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खुशबू ने बनाया लाइट वेट जैकेट, जो करेगा इंडियन आर्मी की कई मुश्किलें दूर, जानिए कैसे?

light weight jacket for army officer

हिमालय इलाके में तैनात आर्मी के जवान, भीषण ठंड से बचने के लिए 10 किलो का भारी जैकेट और साथ में खाने का सामान उठाए पेट्रोलिंग के लिए दूर-दूर तक का सफर तय करते हैं। उनकी समस्या के लिए अहमदाबाद की खुशबू पटेल और उनके स्टार्टअप ने एक अनोखा आविष्कार किया है।

हम और आप जब ठंडे के समय घर से बाहर जाने से भी कांपते हैं, ऐसे में लद्दाख़ के सियाचिन जैसे इलाकों में इंडियन आर्मी माइनस 45 डिग्री के तापमान में इतनी दूर-दूर तक पेट्रोलिंग के लिए जाते हैं कि हम और आप सुनकर भी सिहर जाएं। ऊपर से ठंड से बचने के लिए उन्हें कई लेयर वाली मोटी जैकेट और बूट आदि पहनकर चलना पड़ता है। उन्हें अपने साथ खाने का सामान और पानी भी ढोना पड़ता है। 

इंडियन आर्मी की इन्हीं मुश्किलों को देखकर, गुजरात की खुशबू पटेल को अपनी पढ़ाई के दौरान उनके लिए एक लाइट वेट जैकेट बनाने का ख्याल आया। खुशबू अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद National Institute of Design (NID) में अपैरल डिजाइनिंग की पढ़ाई कर रही थीं। 

उन्होंने इसे अपने ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर के प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया,  जिसमें उन्होंने अपने प्रोफ़ेसर डॉ. केतन वडोदरिया की मदद ली और एक ऐसा जैकेट बनाया, जो हाल में इस्तेमाल हो रही जैकेट की चार परतों को कम करता है। यह एक ग्राफीन-आधारित मटेरियल से बना है, जो सामान्य जैकेट जैसा मजबूत है और कम तापमान का सामना भी आराम से कर सकता है। 

इतना ही नहीं जो चीज़ इसे बेहद खास बनाती है,  वह है इसमें इस्तेमाल की हुई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक। इस तकनीक के ज़रिए जैकेट पहनने वाला इंसान,  इसे बाहर के तापमान के हिसाब से नियंत्रित भी कर सकता है। इन सारी खूबियों के होते हुए भी इस जैकेट का वज़न दो किलो से ज्यादा नहीं है।  

पढ़ाई के बाद, शुरू किया स्टार्टअप

साल 2019 में खुशबू का बनाया जैकेट, इंडियन आर्मी अफ़सर और रेलवे के अधिकारीयों के बीच पेश किया गया। उस दौरान उन्होंने ARTECH 2019 सम्म्मेलन में भाग लिया था। तभी खुशबू को अपने इस प्रोडक्ट को और बेहतर बनाने की प्रेरणा मिली।

अपनी पढ़ाई के बाद, उन्होंने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर एक स्टार्टअप की शुरुआत की। उनके दोस्त नील पांचाल, भूषण सोनवले और सौरभ पटेल इंजीनियरिंग के छात्र हैं, जबकि खुशबू ने डिजाइनिंग की पढ़ाई की है।  

Tetrel Innovations नाम का उनका स्टार्टअप, इस जैकेट को बनाता है।  उन्होंने इसे ‘प्रोजेक्ट हेक्सागॉन’ नाम दिया। खुशबू और उनकी टीम जैकेट पर तो काम कर ही रहे थे, लेकिन उनके इस बेहतरीन आविष्कार को सफलता तब मिली,  जब साल 2020 में उनकी टीम ने इंडियन आर्मी दिवस के अवसर पर एक प्रदर्शनी में भाग लिया। 

presenting light weight jacket for army
आर्मी प्रदर्शनी

Tetrel Innovations, उस इंडियन आर्मी प्रदर्शनी में भाग लेने वाली एकमात्र सिविलियन टेक फर्म थी। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी को भी उनका जैकेट दिखाया गया था।  

हाल में खुशबू और उनकी टीम Society of Indian Defense Manufacturers (SIDM) और Army Design Bureau (ADB) के सदस्य हैं और अपने इस प्रोडक्ट को बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं। जल्द ही उनके बनाए प्रोटोटाइप जैकेट्स हिमालय क्षेत्र में तैनात सिपाहियों को टेस्ट के लिए भेजे जाएंगे और पास होने के बाद, ये पूरी तरह से इस्तेमाल के लिए तैयार माने जाएंगे। 

यानी यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर सब कुछ ठीक रहा, तो जल्द ही सेना के जवान खुशबू के बनाए जैकेट्स में नज़र आएंगे।  

संपादनः अर्चना दुबे

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