IITian ने बनाया, इलेक्ट्रिक गाड़ी में बदलने वाला व्हीलचेयर

IIT मद्रास के इन्क्यूबेशन सेंटर की मदद से यहां के पूर्व छात्र स्वास्तिक दाश ने NeoMotion स्टार्टअप की शुरुआत की, जिसके ज़रिए वह दिव्यांगजनों के लिए कस्टमाइजेबल व्हीलचेयर बना रहे हैं!

अक्सर हम और आप सोशल मीडिया पर दिव्यांगों के लिए ट्रेंड होने वाले हैशटैग देखते हैं, लेकिन जितनी चर्चा हम अपने घर-ऑफिस में बैठकर दिव्यांगों की परेशानियों और उनके हल के बारे में करते हैं क्या उतना ही ज़मीनी स्तर पर उनके लिए काम हो रहा है? नहीं, आज भी देश में दिव्यांगों के लिए अनुकूल वातावरण नहीं है। आज भी वह अपने कामों के लिए दूसरों पर ही निर्भर रहते हैं।

देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो चल नहीं पाते लेकिन उनके पास व्हीलचेयर तक की सुविधा नहीं है, जिनके पास यह सुविधा है, वह भी खुद को पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं कह सकते हैं। क्योंकि उन्हें भी दूसरों की मदद की ज़रूरत पड़ती ही है। इन सभी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए ही आईआईटी मद्रास के एक पूर्व-छात्र ने इस बारे में कुछ करने की ठानी। अपने स्टार्टअप के ज़रिए वह दिव्यांगों के लिए कस्टमाइजेबल व्हीलचेयर बना रहे हैं ताकि दिव्यांगों को अपनी ज़रूरत के हिसाब से व्हीलचेयर मिले। हम बात कर रहे हैं ‘नियोमोशन स्टार्टअप’ और इसके फाउंडर स्वास्तिक दाश के बारे में।

स्वास्तिक ने द बेटर इंडिया को बताया, “भारत में आप कितनी बार स्कूल, दफ्तर, दुकानों या किसी अन्य जगह पर व्हीलचेयर इस्तेमाल करने वालों को देखते हैं? देश में बिकने वाले लगभग 95% व्हीलचेयर सभी के लिए एक ही आकार के बनते हैं और यह लोगों की गतिशीलता को प्रतिबंधित करता है, स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है, और कई बार उनका आत्मविश्वास कम करता है।”

इसलिए उन्होंने अपने स्टार्टअप, NeoMotion के ज़रिए एक व्यक्तिगत व्हीलचेयर, Neofly बनाई है। इसके साथ ही एक बैटरी-संचालित क्लिप-ऑन डिवाइस, NeoBolt विकसित किया है जो NeoFly व्हीलचेयर को सड़क पर चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करता है।

 

NeoMotion Startup based in Chennai
A user riding the NeoFly attached with NeoBolt.

स्टार्टअप के बारे में:

स्वास्तिक के पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और आईआईटी-मद्रास से प्रोडक्ट डिजाइन में एमटेक की डिग्री है। अपनी पढ़ाई के दौरान, उन्होंने कई ऐसी परियोजनाओं पर काम किया, जो शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को सशक्त बनाने के लिए सहायक समाधान विकसित करने के बारे में थीं। यहाँ उन्होंने दिव्यांगों की रोज़मर्रा की चुनौतियों को समझा।

वह बताते हैं कि इस दौरान उन्होंने कई ऐसे लोगों से बात की जो व्हीलचेयर इस्तेमाल करते हैं। उन्हें पता चला कि वह लोग बहुत ही कम खुद से कहीं बाहर जा सकते हैं और स्वतंत्र तौर पर रह सकते हैं। उनमें से लगभग सभी को व्हीलचेयर पर भी दूसरों की मदद की ज़रूरत होती है।

उन्होंने 2013 में पढ़ाई पूरी कर ली थी लेकिन आईआईटी मद्रास में अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम करते रहे। आखिरकार, 2016 में, IIT मद्रास में पुनर्वास अनुसंधान और उपकरण विकास प्रयोगशाला के संस्थापक सुजाता श्रीनिवासन के साथ, उन्होंने NeoMotion की शुरुआत की। सुजाता पिछले 25 वर्षों से सहायक उपकरणों के क्षेत्र में काम कर रही हैं।

स्वास्तिक आगे बताते हैं कि उनके प्रोडक्ट डेवलपमेंट को पुनर्वास अनुसंधान और उपकरण विकास के TTK सेंटर और भारत सरकार के इंप्रिंट इंडिया प्रोग्राम से सहयोग मिला। साथ ही, उन्हें आईआईटी मद्रास की इन्क्यूबेशन सेल और विलग्रो से सीड फंडिंग मिली।

आज चेन्नई में स्थित उनके संगठन में 16 लोग काम कर रहे हैं।

इस अनोखे व्हीलचेयर के बारे में:

 

IIT Madras Alumnus
The NeoFly.

NeoFly एक ऐसी व्हीलचेयर है जो हर एक दिव्यांग व्यक्ति की ज़रुरत के हिसाब से कस्टमाइज होती है। इसकी लंबाई-चौड़ाई को समायोजित करने से लेकर पहियों के प्रकार और यहाँ तक ​​कि रंग के अनुसार, इसे प्रत्येक व्यक्ति के शरीर और उनके वातावरण के हिसाब से 18 अलग-अलग तरीकों से समायोजित किया जा सकता है।

“नियमित व्हीलचेयर की तुलना में, NeoFly हर एक धक्के में सही मुद्रा, कठोर फ्रेम, और एर्गोनोमिक पुश-रिम के कारण तीन से पाँच गुना अधिक दूरी तय करती है। व्हीलचेयर को इस्तेमाल करने वाले के शरीर के माप के हिसाब से बनाया गया है जो व्हीलचेयर को कॉम्पैक्ट बनाता है। इसका समग्र आकार 30% छोटा है, जो इसकी पहुँच को बढ़ाता है। इसके अलावा, इस्तेमाल करने वाले लोग अपने पसंद से रंग का चुनाव कर सकते हैं। साथ ही, इसकी सीट में नियोकुशन लगे हुए हैं,” स्वास्तिक ने बताया।

“हर एक NeoFly व्हीलचेयर कस्टमाइज है। सबसे पहले, उपयोगकर्ता को ट्यूटोरियल वीडियो के आधार पर अपने शरीर का माप लेना होगा। यह सही आयाम सुनिश्चित करने के लिए है। दूसरा, उन्हें अपने स्वास्थ्य, चिकित्सा की स्थिति और किस तरह के वातावरण में वह रहते हैं- इस सबके बारे में एक संरचित प्रश्नावली का जवाब देना होता है। इससे हमें उनकी आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है। आखिरकार, हम उन्हें विस्तृत निर्देशों के साथ व्हीलचेयर का एक दृश्य प्रतिनिधित्व भेजते हैं, जिसके बाद हम ऑर्डर को अंतिम रूप देते हैं,” नियोमोशन में यूजर चैंपियन सैमसन डेनियल ने बताया।

डिवाइस को चेन्नई में उनके कारखाने में निर्मित किया जाता और फिर वहाँ से ग्राहकों को शिप किया जाएगा। यदि किसी को संशोधन की आवश्यकता होती है, तो सैमसन कहते हैं कि यह वह खुद कर सकते हैं। उन्हें बस कंपनी द्वारा तैयार किया गया विस्तृत ट्यूटोरियल वीडियो देखना होता है।

तीन साल के अनुसंधान और विकास के बाद, उनका यह प्रोडक्ट नवंबर 2019 में लॉन्च किया गया था, और आज लगभग 125 लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। इसका बेसिक मूल्य 46,750 रुपये है और अगर कोई इसे अपग्रेड कराता है तो मूल्य बढ़ सकता है।

NeoBolt : व्हीलचेयर बन जाएगा इलेक्ट्रिक वाहन

 

Customisable Wheelchair

 

NeoFly बनाने के बाद, NeoMotion ने फैसला किया कि वह न केवल कस्टमाइज व्हीलचेयर दिव्यांगों को देना चाहते हैं, बल्कि शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को स्वतंत्र होने में सक्षम बनाना चाहते हैं।

“बाहर आने-जाने के लिए व्हीलचेयर उपयोग करने वालों के पास वर्तमान में उपलब्ध उत्पाद संशोधित स्कूटर या संशोधित कारें हैं। लेकिन इनमें में भी उन्हें अक्सर वाहन में चढ़ने और बाहर निकलने में मदद की आवश्यकता होती है। NeoBolt एक बैटरी चालित क्लिप-ऑन डिवाइस है जो NeoFly को एक सुरक्षित, सड़क पर चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करता है। इस डिवाइस को चंद सेकंड के भीतर उपयोगकर्ता द्वारा खुद अटैच किया जा सकता है,” स्वास्तिक कहते हैं।

इसके अलावा, फिटिंग में दो सामने के पहिए भी होते हैं, जो इसे उबड़-खाबड़ इलाके में चलने में सुलभ बनाते हैं। लीथियम-आयन बैटरी द्वारा संचालित यह उपकरण अधिकतम 25 किमी प्रति घंटे की गति तक जा सकता है और 30 किमी प्रति चार्ज को कवर करता है। बैटरी को घर पर चार्ज किया जा सकता है और पूरा चार्ज होने के लिए चार घंटे लगते हैं।

“यह संशोधित कारों, या स्कूटरों की तुलना में दिव्यांगों को बाहर-आने जाने में कम-लागत मोड के साथ मददगार है,” स्वास्तिक कहते हैं।

 

IIT Madras Alumnus

 

हैदराबाद के रहने वाले जस्टिन जेसुदास, जो एक आईटी कंपनी में काम करते हैं, पैरालंपिक तैराक और राइफल शूटर भी हैं। उन्होंने 2018 एशियाई पैरालिंपिक खेलों में भाग लिया और उन्हें 50 मीटर पुरुष की फ्रीस्टाइल श्रेणी में शीर्ष 15 में रखा गया। रीढ़ की हड्डी में चोट के बाद उन्होंने 10 साल पहले व्हीलचेयर का इस्तेमाल शुरू किया था।

तीन साल पहले, उसने NeoFly और NeoBolt का उपयोग करना शुरू कर दिया क्योंकि उन्हें कुछ ऐसा चाहिए था जिससे उनकी निर्भरता दूसरों पर कम से कम हो।

“हालांकि मेरे पास शहर में कहीं भी आने-जाने के लिए एक संशोधित कार है, लेकिन यह सुविधाजनक नहीं है। जब मुझे असपास में किसी किराने की दुकान या मेरे माता-पिता के घर जो कुछ ही दूर है, वहाँ जाना होता है तो मुझे गाड़ी में जाने और अपनी व्हीलचेयर को लोड करने में 15 मिनट लग जाते हैं। लेकिन NeoBolt के साथ, कुछ ही मिनटों के भीतर, मैं खुद डिवाइस को फिट कर लेता हूँ और कहीं भी ले जा सकता हूँ। पहिए अच्छी क्वालिटी के हैं जो मुझे खराब सड़कों को पार करने में मदद करते हैं और सामने के दो पहिए व्हीलचेयर को असमान सतहों पर आसानी से चढ़ने में मदद करते हैं। डिवाइस न केवल आपके भौतिक आयामों के अनुसार अनुकूलित है, बल्कि आपकी मेडिकल कंडीशन पर भी आधारित है,” जस्टिन ने बताया।

यदि आप NeoFly या NeoBolt के लिए ऑर्डर देना चाहते हैं, तो आप NeoMotion से info@neomotion.co.in पर संपर्क कर सकते हैं।

मूल लेख: रौशनी मुथुकुमार

संपादन – जी. एन झा 

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