आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। यह बात हर उस छोटी-बड़ी तकनीक के लिए बिल्कुल सटीक बैठती है, जिसने हमें बेहतर जीवन जीने में मदद की है। बाढ़ग्रस्त नदियों को पार करने वाली साइकिल से लेकर, कम लागत वाले ‘बेड एसी’ तक, हमने इन सभी बेहतरीन आविष्कारों और उन्हें बनाने वालों की कहानियां (Affordable Innovations of Genius) लिखी हैं।
आज हम ऐसे ही कुछ अनोखे भारतीय आविष्कारकों और उनके आविष्कारों की कहानियां लेकर आए हैं, जिन्होंने हर वर्ग के जीवन जीने के तरीके को आसान और सुरक्षित बना दिया है।
1. जयपुर फुट

‘भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (BMVSS)’, जयपुर का एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी स्थापना देवेंद्र राज मेहता ने की है। उन्होंने लाखों जरूरतमंद लोगों को मुफ्त कृत्रिम अंग दिए हैं।
दरअसल, पूर्व आईएएस अधिकारी मेहता (Affordable Innovations of Genius), साल 1969 में पोखरण में एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे, जिसमें लगभग उनकी जान चली ही गई थी। उस एक्सीडेंट में भले ही उन्होंने अपना कोई अंग नहीं खोया, लेकिन उन्हें इसपर होने वाले खर्च का एहसास हो गया और इसी वजह से उन्होंने इस संगठन का गठन किया। अब तक 18 लाख से अधिक लोग इसका लाभ उठा चुके हैं।
2. मिट्टी कूल
एक पारंपरिक मिट्टी के शिल्पकार और आविष्कारक, मनसुखभाई प्रजापति को मिट्टी का उपयोग करके नई चीजें बनाने का शौक़ है। उनके आविष्कारों में सबसे बेहतरीन प्रोडक्ट है- मिट्टी से बना एक फ्रिज (Affordable Innovations of Genius)। सबसे अच्छी बात तो यह है कि यह फ्रिज, बिना बिजली का इस्तेमाल किए खाने-पीने की चीज़ों को खराब होने से बचाता है। राजकोट के रहनेवाले मनसुखभाई के इस आविष्कार को सेंटर फॉर इंडिया एंड ग्लोबल बिजनेस, जज बिजनेस स्कूल और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यूके) ने मई 2009 में आयोजित एक सम्मेलन में फीचर भी किया था।
3. बुलेट सैंटी
गुजरात के खेतों में अब खेत जोतने के लिए, बाइक से बनी तीन पहियों वाली मशीन का दिखना आम बात हो गई है। इसे किसान मनसुख जगनी ने विकसित किया था। दरअसल, गरीबी के कारण उन्हें अपने बैल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन वह खेती जारी रखना चाहते थे। चूंकि जानवरों को संभालना मुश्किल और महंगा होता है, इसलिए वह एक ऐसा विचार लेकर आए, जिसका अन्य किसानों ने भी स्वागत किया। अब खेत जोतना उतना ही आसान है, जितना कि सवारी को बैठाने के लिए गाड़ी चलाना।
4. वॉइस बॉक्स
डॉ विशाल राव ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जिसकी कीमत मात्र 50 रुपये है। बंगलोर के रहनेवाले ऑन्कोलॉजिस्ट विशाल की यह वॉयस प्रोस्थेसिस डिवाइस (Affordable Innovations of Genius), बाजार में उपलब्ध इस तरह की अन्य डिवाइसेस की तुलना में बेहद सस्ती है। यह डिवाइस थ्रोट कैंसर के मरीजों की बोलने की क्षमता वापस लाने में मदद करती है।
5. एम्फीबियस साइकिल
अपने प्यार से मिलने की बेताबी ने बिहार के मूल निवासी मोहम्मद सैदुल्लाह को आविष्कारक बना दिया। उन्होंने एक ऐसी एम्फीबियस साइकिल बनाई है, जिसकी मदद से उफनती नदी को आसानी से पार किया जा सकता है।
उन्होंने पहलघाट से महेंद्रूघाट तक जाने के लिए गंगा में अपनी साइकिल की सवारी की और साइकिल का नाम अपनी पत्नी नूर के नाम पर रखा।
6. सोलर रिक्शा होम
तमिलनाडु के आर्किटेक्ट अरुण प्रभु, मेट्रो शहरों में अवैध अतिक्रमण से चिंतित थे और समस्या का समाधान खोजना चाहते थे। इसलिए 23 वर्षीय प्रभु ने एक ऑटोरिक्शा के ऊपर ऐसा घर बनाया, जिसमें एक शौचालय, फ़ोयर, छत, लिविंग रूम और एक किचन है। सेट-अप पोर्टेबल है और इसे किसी भी वाहन से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मजदूर, यात्री, कलाकार और विक्रेता, सब इसे एक बेहतरीन आइडिया मानते हैं। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी इस घर का उपयोग किया जा सकता है।
7. स्पंदन
साल 2016 में, रजत जैन ने अपने प्रिय मित्र को कार्डियक अरेस्ट से खो दिया। तब से, वह एक ऐसी मशीन विकसित करना चाहते थे, जो हृदय की समस्याओं का पता लगा सके। देहरादून के रजत जैन ने जल्द ही ऐसी मशीन बना भी ली और नाम रखा- ‘स्पंदन'(Affordable Innovations of Genius)। यह एक माचिस के आकार का पोर्टेबल ईसीजी उपकरण है, जो प्रारंभिक अवस्था में हृदय की असामान्यताओं का पता लगा सकता है।
रोगी की छाती पर तीन बिंदुओं पर इलेक्ट्रोड लगाने के बाद, इसे किसी के भी फोन से जोड़ा जा सकता है। फिर एक ऐप की मदद से रीडिंग, फोन पर दिखाई देगी। यह तेज़ और प्रभावी तो है ही, साथ ही यह किसी की जान भी बचा सकता है।
8. तुपिक बेड एसी
कभी सोचा है कि आराम से सोने के लिए हमें एयर कंडीशनर का उपयोग करके पूरे बेडरूम को ठंडा क्यों करना पड़ता है और इसमें कितनी बिजली की खपत होती है? रवि पटेल ने इस बारे में सोचा और ऊर्जा की बचत करने वाले एक ऐसे एसी का आविष्कार किया, जो केवल बिस्तर को ठंडा करता है। 13 किलो वजनी यह छोटा एसी 400 वॉट बिजली की खपत करता है, जो सिर्फ तीन बल्ब के इस्तेमाल के बराबर है। इसे टेबल फैन की तरह ही बिना किसी टेक्नीशियन की मदद के सेल्फ इंस्टाल भी किया जा सकता है।
9. मल्टी हार्वेस्टर
दीपक रेड्डी तेलंगाना के एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं। उन्होंने अपने गांव के किसानों को सालों से बंजर पड़ी जमीन पर खेती शुरू करने में मदद करने के लिए एक मल्टी-हारवेस्टर मशीन (Affordable Innovations of Genius) का निर्माण किया। ज़मीन में बड़ी मात्रा में पत्थर का मलबा था, जिसे हटाना मुश्किल होता है और इसे ठीक करने के लिए भारी खर्च उठाना पड़ता है। दीपक को पता चला कि पूरे दक्षिण भारत में ऐसी कई एकड़ जमीनें हैं। इस काम को करने के लिए कम लागत वाले प्रभावी उपकरण की जरूरत थी और वह इसे विकसित करने में सफल रहे। इसका उपयोग फसलों की कटाई के लिए भी किया जा सकता है।
10. सीवेज पाइप होम
पेरला मानसा रेड्डी, जब सिविल इंजीनियरिंग की छात्रा थीं, तब उन्होंने गरीबों के लिए स्वच्छ पेयजल और सेनिटाइजेशन सुविधाओं की समस्या को बहुत करीब से देखा था। इससे उन्हें कम लागत वाले घर के विकल्पों के बारे में अधिक अध्ययन करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने ओपोड (OPod) घरों का एक भारतीय संस्करण विकसित (Affordable Innovations of Genius) किया। यह घर पुराने सीवेज पाइप से, बेहद कम लागत में बना है। इसमें बाथरूम, एक रसोईघर और बेडरूम हैं। यह गरीबों के लिए आवास का बेहतर विकल्प है।
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