‘क्योंकि स्कूल में नहीं पढ़ाते’, दो दोस्तों ने उठाया हर बच्चे को फाइनेंस सिखाने का ज़िम्मा

Founders of Finance4Teens

मुंबई के आर्यन चौधरी और चेन्नई के अर्नव बजाज ने किशोरों के लिए भारत के पहले फाइनेंस लिट्रेसी प्लेटफॉर्म, Finance4teens की शुरुआत की है। यहां वह पाठ पढ़ाया जाता है, जो स्कूलों में शायद ही कभी पढ़ाया जाता हो।

मुंबई के रहनेवाले आर्यन चौधरी 12वीं कक्षा के छात्र हैं और उनका मानना है कि वित्तीय साक्षरता यानी फाइनेंशियल लिट्रसी हर व्यक्ति के लिए ज़रूरी है और इसके बारे में कम उम्र से ही सीखना अच्छा रहता है। आर्यन ने अपने दोस्त, अर्नव बजाज के साथ मिलकर, ‘फाइनेंस फॉर टीन्स (Finance4teens)’ की शुरुआत की है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो किशोर बच्चों की फाइनेंस के बारे में समझ को विकसित करने में मदद करता है। 

आर्यन कहते हैं, “बैंकिंग और फाइनेंस की बारीकियों को समझने से लोग सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट से जुड़े बेहतर फैसले ले सकते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से यह हमें स्कूलों में शायद ही कभी पढ़ाया जाता है।”

अर्नव और आर्यन की मुलाकात, कोलंबिया बिज़नेस स्कूल से ऑन्त्रप्रेन्यॉरशिप पर एक ऑनलाइन कोर्स करने के दौरान हुई थी। लॉकडाउन के समय जब दुनियाभर में लोग घरों में कैद थे और कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे थे, तब उन्हें यह बिज़नेस शुरू करने का विचार आया।

अर्नव ने बताया, “2021 की शुरुआत में, जब आर्यन और मैंने ऑनलाइन कोर्स पूरा किया, तो हमारे सामने कई सर्वेक्षण और आंकड़े आए, जो हमारे देश में वित्तीय साक्षरता की कम दरों की ओर इशारा करते थे। हमने कई अलग-अलग स्कूलों के छात्रों के साथ भी बातचीत की और महसूस किया कि वित्तीय साक्षरता सच में कम है। इसलिए, हमने इसके बारे में कुछ करने का फैसला किया।”

किशोरों ने किशोरों के लिए तैयार किया एक मंच

From the online sessions
From the online sessions

साल 2019 में नेशनल सेंटर फॉर फाइनेंशियल एजुकेशन के एक सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 27 प्रतिशत भारतीय ही आर्थिक रूप से साक्षर हैं और ये आंकड़े ब्रिक्स देशों में सबसे कम थे। कुछ महीने रिसर्च करने के बाद, दिसंबर 2021 में, आर्यन और अर्नव ने एक गैर-लाभकारी बिज़नेस ‘फाइनेंस फॉर टीन्स’ शुरू किया, जिसका मकसद किशोरों में फाइनेंस से जुड़ी समझ पैदा करना है। 

17 वर्षीय अर्नव कहते हैं, “हमारे पास एक बेहतरीन नेटवर्क भी है, जो दुनियाभर में फैला हुआ है। यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, स्पेन और ग्रीस जैसे देशों सहित दुनियाभर में हमारे पास सात चैप्टर्स हैं।”

यह प्लेटफॉर्म ब्लॉग, वीडियो लेसन, निवेश प्रतियोगिताओं, वेबिनार, आदि के ज़रिए रिसोर्स प्रदान करता है। यह किशोरों को उनकी फाइनेंशियल ज़रूरतों के मुताबिक एक व्यक्तिगत वित्तीय रोडमैप योजना भी मुहैया कराता है।

इन दोनों दोस्तों ने अपने काम की शुरुआत इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया के साथ की थी। अर्नव बताते हैं, “धीरे-धीरे हमने एक टीम बनाना शुरू किया और अलग-अलग कामों को मैनेज करने के लिए लोगों को काम पर रखा। हमने कोर्स तैयार करने और पढ़ाने के लिए वॉलंटियर्स को इंटर्न के रूप में लेना भी शुरू कर दिया।” उन्होंने आगे कहा कि हमारे इंटर्न भी किशोर ही हैं, लेकिन वेबसाइट डेवलपर और मार्केटर, पूरी तरह से अनुभवी प्रोफेशनल हैं।

कितने सदस्य हैं फाइनेंस फॉर टीन्स की टीम में?

चेन्नई में रहने वाले अर्नव कहते हैं, “हमारे सभी सेशन ऑनलाइन आयोजित किए जाते हैं और अब हम अपने सेशन को चैप्टर्स की तरह संचालित कर रहे हैं। हम अपने इंटर्न छात्रों में से कुछ ऐसे लोगों को चुनते हैं, जो अकादमिक रूप से बेहतर हैं और चैप्टर हेड बनने के लिए उनमें लीडरशिप गुण हों।”

उन्होंने यह भी कहा कि वॉलंटियर्स जो कोर्स तैयार करते हैं, उसे छात्रों के साथ साझा करने से पहले इंडस्ट्री एक्सपर्ट द्वारा अच्छी तरह से देखा जाता है।

वह आगे बताते हैं कि वर्तमान में, उनके पास कुल सात चैप्टर्स हैं, जिनमें से तीन वैश्विक हैं और चार खास भारत के लिए हैं – दो चैप्टर दिल्ली पर, एक मुंबई पर और एक बेंगलुरु पर हैं। 

उनकी टीम में फिलहाल 25 सदस्य हैं और दुनिया भर के विभिन्न देशों में मौजूद है। वह बताते हैं, “हमारे पास यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, स्पेन और ग्रीस सहित देशों से वॉलंटियर करने वाले छात्र हैं। हालांकि, हम पहले भारत पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन अब हमारे पास इन सभी देशों के दर्शकों का अच्छा मिश्रण है।”

500 लोगों ने लिया फाइनेंस फॉर टीन्स के वेबिनार में भाग

Online sessions by the Finance4teens
Online sessions by the teens.

टीम के सदस्यों के बीच रोज़ाना और साप्ताहिक मीटिंग्स होती हैं और नियमित तौर पर मासिक वेबिनार और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अर्नव कहते हैं, “किशोर, वेबिनार या वीडियो सेशन के लिए मुफ्त में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। अब हमारे पास हमारा YouTube चैनल है, जिसपर पहले से रिकॉर्ड किए गए हमारे किसी भी सेशन को देखा सकता है।” अब तक लगभग 500 से ज्यादा छात्रों ने उनके वेबिनार में भाग लिया है।

कक्षा में क्या पढ़ाया और बताया जाता है इस बारे में बात करते हुए, दिल्ली के 12वीं कक्षा के छात्र रणवीर सिंह साही ने अपने विचार साझा किए हैं। रणवीर नियमित तौर से वेबिनार और सेशन में भाग लेते हैं।

वह कहते हैं, “Finance4teens ने कॉर्पोरेट्स और फाइनेंस सेवाओं की दुनिया में मेरी समझ को बढ़ाने में मदद की है। चूंकि इसका मकसद वित्तीय साक्षरता देना है, इसलिए यह छात्रों के सामने इन विषयों की पूरी लाइब्रेरी खोलकर रख देता है, जैसे कि अर्थव्यवस्था कैसे काम करती है, कैसे दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं आपस में जुड़ी हुई हैं और कैसे राजनीतिक शक्तियों और कॉरपोरेट्स के फैसलों का एक माइक्रो-इकोनोमिक स्तर पर भी प्रभाव पड़ता है।”

रणवीर आगे बताते हैं, “साप्ताहिक मीटिंग्स और वेबिनार ने मुझे सिखाया कि पैसा कैसे काम करता है। हम भविष्य में कोई गलती ना करें, इसके लिए आर्थिक खामियों और उतार-चढ़ाव के ऐतिहासिक सबूतों को पेश करने से लेकर, वैकल्पिक फैसलों तक, Finance4teens ने मेरी समझ को काफी हद तक बढ़ाया है।” रणवीर अब इस प्लेटफॉर्म के लिए वॉलंटियर का काम भी कर रहे हैं।

“हमारी कम उम्र कई बार बन जाती है समस्या”

गैर-लाभकारी मॉडल संगठन को ज्यादातर फंड, डोनेशन से मिलता है और और इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं होता। आर्यन बताते हैं, “शुरू में हमारी योजना तीसरे पक्ष के साथ जुड़ने की थी और हमारे पास कुछ स्पॉन्सर्स भी थे, जो हमारे बिज़नेस ‘फाइनेंस फॉर टीन्स’ को फंड देने के लिए तैयार थे। लेकिन हमने महसूस किया कि हमें अपनी वेबसाइट पर उनके प्रोडक्ट का विज्ञापन करना होगा, जो हमारे मकसद के अनुरूप नहीं है। इसलिए, हमने डोनेशन मॉडल के साथ ही आगे बढ़ने का फैसला किया।”

उन्होंने आगे कहा, “हम दोनों ने व्यक्तिगत रूप से काफी अच्छी रकम निवेश की है और बाकी का फंड डोनेशन से मिलता है।”

कॉमर्स में विशेषज्ञता रखने वाले अर्नव का कहना है कि बिज़नेस चलाने के साथ-साथ, पढ़ाई कर पाना मुश्किल हो गया है। वह मुस्कुराते हुए कहते हैं, “यह काफी कठिन काम रहा है, लेकिन हम इसे टाइम मैनेजमेंट, शेड्यूल सेट करके, टीम के सदस्यों के बीच काम बांटकर,  मैनेज करने की कोशिश कर रहे हैं।”

स्टार्टअप के सह-संस्थापक होने के नाते, अर्नव आउटरीच को संभाल रहे हैं, जबकि आर्यन की जिम्मेदारी संगठन का पूरा ट्रैक रखने की है। 

आर्यन कहते हैं, “हमारी उम्र हमेशा से एक चुनौती रही है। यह तो एक फैक्ट है कि हम अभी स्टूडेंट्स हैं, लेकिन जब हम निवेशकों के पास जाते हैं, तो हमारी कम उम्र एक समस्या बन जाती है। वे छात्रों के बिज़नेस में निवेश करने के लिए तैयार नहीं होते हैं, क्योंकि हमारे पास ज्यादा अनुभव नहीं है। लेकिन हम कोशिश करना कभी नहीं छोड़ेंगे।”

मूल लेखः अंजली कृष्णन

संपादनः अर्चना दुबे

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