आटे और गुड़ से बने हैं ये कप, जिनमें चाय पीने के बाद, बिस्किट की तरह खा सकते हैं आप

Attaware Edible Cutlery Startup Saves Tons Of Plastics & Lakhs Lt Water

Edible cutlery startup ‘आटावेयर’ को पुनीत दत्ता ने प्लास्टिक डिस्पोजेबल के विकल्प के रूप में शुरू किया था। इन बर्तनों को आप इस्तेमाल करने के बाद खा भी सकते हैं।

किसी भंडारे या फिर घर में होने वाले छोटे-मोटे समारोह में अक्सर थर्माकोल या प्लास्टिक से बने बर्तनों में खाना परोसा जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ये प्लास्टिक, पर्यावरण के लिए कितनी हानिकारक हैं और क्या इसका कोई और विकल्प है? अगर हम आपसे कहें कि इसका विकल्प है आटे और गुड़ से बनने वाले बर्तन (Edible cutlery startup), तो?

जी हां, ‘आटावेयर’ कटलरी स्टार्टअप (Edible cutlery startup), आटे और गुड़ से कुछ ऐसे बर्तन तैयार कर रहा है, जिन्हें इस्तेमाल करने के बाद खाया भी जा सकता है। इंसानों के साथ-साथ, ये जानवरों के लिए सुरक्षित और इको फ्रेंडली भी हैं।

यमुना नदी में तैरते थर्माकोल ने किया सोचने को मजबूर

अपने इस अनोखे स्टार्टअप के सफर की शुरुआत के बारे में पुनीत बताते हैं, “एक बार दिल्ली से वृंदावन जाते हुए मैंने देखा कि यमुना नदी में कुछ तैर रहा था। मैंने सोचा कि गाड़ी रोककर देखते हैं कि आखिर यह है क्या और जब गाड़ी रोकी तो पाया कि वह काफी सारा थर्माकोल था। उस दिन पानी में मैंने जो देखा, उससे मुझे बहुत निराशा हुई। दिमाग में काफी समय तक पानी में तैरता थर्माकोल ही घूम रहा था।”

पुनीत जब वृंदावन पहुंचे, तो देखा कि वहां खाने के लिए लोगों की लंबी कतार लगी हुई थी और वहां भी डिस्पोजेबल प्लेट्स की भरमार थी। पुनीत ने बताया, “उन सभी लोगों को खाने के लिए थर्माकोल की प्लेट्स दी गई थीं, लेकिन वहां खड़े एक व्यक्ति को जब प्लेट नहीं मिली, तो उसने एक पूड़ी को ही अपनी प्लेट बना ली। उसने खाना परोसने वाले व्यक्ति से पूड़ी पर छोले डालने के लिए कहा। यह मेरे लिए एक दम नया तरीका था।”

इस घटना ने पुनीत को एक ऐसी कटलरी के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया, जिसे इस्तेमाल करने के बाद खाया भी जा सकता हो। उन्होंने शोध पर तकरीबन 6 साल बिताए और फिर 15 अगस्त 2019 को रजिस्टर्ड, आटावेयर बायोडिग्रेडेबल प्राइवेट लिमिटेड (Edible cutlery startup) की शुरुआत की।

सेहत के लिए भी है अच्छा

Attaware founder with all the different Edible Cutlery products
Puneet Dutta

पुनीत का पहला इनोवेटिव प्रोडक्ट, चाय का कप था, जिसे इस्तेमाल के बाद खाया भी जा सकता है। उन्होंने बताया, “चाय या कॉफी के साथ हमें कुछ न कुछ खाने की आदत होती है। अब चाहे वह बिस्किट हो या रस्क, या फिर मठरी। खाने वाला चाय का कप, हमारी खाने की जरूरत को भी पूरा कर देता है।”

कई चीज़ों के साथ प्रयोग करने के बाद, पुनीत ने गुड़ के साथ गेहूं, बाजरा, ज्वार, मक्का और कई दूसरे अनाज को मिलाकर एक एडिबल कप तैयार किया। उन्होंने कहा, “स्नैक्स को आमतौर पर हेल्दी नहीं माना जाता है। लेकिन हमारा यह खाने वाला कप, सेहत के लिए भी काफी अच्छा है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन और खनिजों की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद है।”

कप के साथ-साथ अब उन्होंने कई और एडिबल प्रोडक्ट (Edible cutlery startup) बनाए हैं, जैसे- प्लेट, चम्मच आदि। पुनीत का कहना है कि हर चीज़ की तरह कोविड-19 के दौरान उनके कारोबार में भी बदलाव आया।

6 से 12 महीने की सेल्फ लाइफ 

पुनीत ने बताया, “जिन उत्पादों की हम खुदरा बिक्री कर रहे थे, उसमें से कई तो काफी लोकप्रिय हो गए। जबकि कुछ बिल्कुल भी नहीं बिक पाए। चूंकि उस दौरान कोई बड़ी सभा या पार्टी नहीं हो रही थी। इस वजह से प्लेट और सर्ववेयर की मांग में भारी कमी आई। हमारे बहुत सारे थोक ऑर्डर्स रद्द हो गए और तब हमने सिर्फ एडिबल कप बनाने का फैसला किया।”

वह आगे कहते हैं कि इन दो सालों में उन्हें बहुत सारी चीजें सीखने को मिलीं। सबसे बड़ी सीख तो यही थी कि इन बर्तनों को सिर्फ गेहूं से नहीं, बल्कि दूसरे अनाजों और गुड़ के साथ भी बनाया जा सकता है। इससे उनकी सेल्फ लाइफ 6 से 12 महीने तक बढ़ गई। इन कपों को ‘आटावेयर’ के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए 10 से 12 रुपये के बीच खरीदा जा सकता है।

ब्राण्ड हर हफ्ते करीब 9.5 लाख कप बेचता है। साथ ही वे अभी दूसरे नए आइडियाज़ पर भी काम कर रहे हैं। आटावेयर (Attaware edible cutlery), साल 2021 में कप के नौ नए फ्लेवर्स लेकर आए, जिनमें अदरक, केरामल, सौंफ, इलायची, सन्तरा, तुलसी, स्ट्रॉबेरी, वनीला और कॉफी शामिल हैं। उन्होंने बताया, “जो दुकानदार ग्राहकों की अलग-अलग पसंद का ध्यान रखते हैं, उनके लिए इन्हें बनाया गया है। ये उनके काम को आसान बना देता है।”

35 लाख लीटर पानी की बचत और 50 से ज्यादा लोगों को रोजगार

पुनीत का कहना है कि दूसरे स्टार्टअप्स की तरह ही उनका सफर भी उतार-चढ़ाव से भरा रहा, लेकिन कुछ कारण हैं जिनकी वजह से उन्हें लगातार आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रही है। वह कहते हैं, “हमारी एक स्टडी से पता चलता है कि आटावेयर की वजह से लगभग 90 टन प्लास्टिक कटलरी को लैंडफिल तक जाने से रोकने में मदद मिली है।”

अपने इस इको फ्रेंडली स्टार्टअप के जरिए, उन्होंने 35,00,000 लीटर से ज्यादा पानी की बचत की है और महामारी के दौरान 50 से ज्यादा कर्मचारियों के लिए 6000 दिनों का रोजगार भी पैदा किया। पुनीत का कहना है, “ये कुछ ऐसी संख्याएं हैं, जिनपर हमें गर्व है। ये हमें और अधिक बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करती हैं।”

अगर आप भी आटावेयर (Attaware Edible Cutlery) कप खरीदना चाहते हैं, तो उनके इंस्टाग्राम पेज या फेसबुक पेज पर जा सकते हैं।

मूल लेखः विद्या राजा

संपादनः अर्चना दुबे

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