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स्वच्छता का वादा और औरतों का साम्मान करने पर मुफ्त सवारी करवाता है नोयडा का यह ऑटोचालक!

देश में स्वच्छता मिशन की लहर पिछले दो सालो से काफी तेजी से फैला है। ऐसे में कई नागरिक ऐसे है जो अपने छोटे-छोटे कदमो से देश को स्वच्छ बनाने की मुहीम में जुट गए है। इनमे से एक नॉएडा के ऑटो चालक सचिन शर्मा भी है। इन्होने देश को स्वच्छ बनाने का सन्देश लोगो तक पहुंचाने का एक अनोखा तरीका ढूंड निकाला है। नए साल की शुरुआत उन्होंने अपने यात्रियों को रात 12 बजे और सुबह 4 बजे के बीच मुफ्त में उनकी मंजिल तक पहुंचा कर की। पर शर्त ये थी कि यात्रियों को उनसे ये वादा करना था कि वे देश को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान देंगे।

देश में स्वच्छता मिशन की लहर पिछले कुछ सालो से काफ़ी तेजी से फैला है। ऐसे में कई नागरिक ऐसे है जो अपने छोटे-छोटे कदमो से देश को स्वच्छ बनाने की मुहीम में जुट गए है। इनमे से एक नोयडा के ऑटोचालक सचिन शर्मा भी है। इन्होने देश को स्वच्छ बनाने का सन्देश लोगो तक पहुंचाने का एक अनोखा तरीका ढूंड निकाला है। नए साल की शुरुआत उन्होंने अपने यात्रियों को रात 12 बजे और सुबह 4 बजे के बीच मुफ्त में उनकी मंजिल तक पहुंचा कर की। पर शर्त ये थी कि यात्रियों को उनसे ये वादा करना था कि वे देश को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान देंगे।

देश में महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा की घटनाओं को देखते हुए सचिन अपने यात्रियों से महिलाओं से इज्ज़त से पेश आने का भी वादा मांगते है।

सचिन अपने ऑटो के पीछे डस्टबिन रखते है। और सवारियों से अनुरोध करते है कि वे कचरा इसी में फेंके।

Autorickshaw 1

Image for representation. Photo source

मूलरूप से फर्रुखाबाद के पट्टीखुर्द गांव के रहने वाले सचिन शर्मा यहां ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के तिगरी गांव में किराए पर रहते है। एक साल से सचिन एनसीआर में ऑटो चला रहे है। इससे पहले वे बाकी ऑटो चालको की तरह ही ऑटो चलाते थे। पर एक जनवरी से वे ऑटो में डस्टबिन रखकर चलाने लगा। सचिन का कहना है कि स्वच्छता हमारे जीवन में सकारात्मक संदेश देकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

इसके अलावा उनका मानना है कि संगीत का भी हमारे जीवन में काफी महत्व है। इसी वजह से उन्होंने अपने ऑटो में अब  म्यूजिक सिस्टम लगवा लिया है और वह सवारी की पसंद के हिसाब से गाने या भजन भी चलाते है। ऑटो पर एक तरफ महिलाओं व माता-पिता के सम्मान से जुड़े स्लोगन भी लिखे हुए हैं।

सचिन का कहना है कि अगर रात 12 से सुबह 4 बजे तक उसके घर पर आकर कोई मुसीबत में कहीं चलने को कहता है तो वे मना नहीं करते। इसलिए इस समय सफर कर रहे शख्स से वे पैसे नहीं लेते है।

स्टैंड पर खड़ा करने से विवाद के कारण सचिन ऑटो लेकर घूमते रहते है और जो भी सवारी मिल जाए उसको अपना नंबर दे देते है। ऐसे में सचिन के ऑटो की अधिकतर बुकिंग फोन से हो जाती है। सचिन ने अपने ऑटो से घर बैठे बुक कराने वाले जुगनू एप से अनुबंध करा रखा है।
सचिन के इस बेहतरीन पहल के बारे में सुनके अधिकारियों ने उन्हें 26 जनवरी को सम्मानित करने का फैसला किया है।

आशा है सचिन से प्रेरित होकर अन्य ऑटोचालक भी देश को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान देंगे।

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