क्या आपको पता है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर एक फूल भी है? जी हाँ, इस फूल का नाम है – गुलदाउदी (Guldaudi)।
दरअसल, बात यह है कि साल 2017 में, पीएम मोदी के सम्मान में इज़राइल ने अपने देश में गुलदाउदी का नाम बदलकर “मोदी फूल” रख दिया था।
गुलदाउदी के फूल पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं। अपने सुंदर और मोहक रूप के कारण इसे भारत में भी बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। यहाँ इसका इस्तेमाल मुख्यतः सजावटी उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
भारत में इस सदाबहार फूल की खेती व्यापारिक तौर पर कर्नाटक, तामिलनाडू, पंजाब और महाराष्ट्र में की जाती है। देश के विभिन्न हिस्सों में इसे शेवंती, शतपत्री, गुलदावरी, चंद्रमुखी जैसे कई नामों से जाना जाता है।
अपनी खूबसूरती के साथ ही, इसमें कीटनाशक गुण भी होते हैं। जिसके कारण इसके अर्क या पाउडर का इस्तेमाल उद्योग क्षेत्रों में मच्छरों को खत्म करने में भी किया जाता है।
इसके अलावा, यह रक्त-प्रवाह और हृदय-रोग में भी कारगर है।
गुलदाउदी के फूलों से घर में एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। तो, आइये उत्तर प्रदेश के बरेली में रहने वाली मंजू लता मौर्य से जानते हैं कि आप इसे गमले में कैसे उगा सकते हैं?
अपनी छत पर 200 से अधिक पौधों की बागवानी करने वाली मंजू कहती हैं, “भारत में गुलदाउदी फूल का इस्तेमाल मुख्यतः सजावटी तौर पर किया जाता है। इसके फूल सर्दियों में खिलते हैं। यह इतना मोहक होता है कि इसका एक पौधा आपके पूरे बगीचे की रौनक को बढ़ा देगा।”
वह बताती हैं कि गुलदाउदी कई प्रकार के होते हैं और इसे कटिंग और बीज, दोनों तरीके से तैयार किया जा सकता है।
तो, सबसे पहले जानते हैं कि कटिंग से पौधा कैसे तैयार करें?
मंजू लता बताती हैं, “कटिंग से गुलदाउदी का पौधा तैयार करना सबसे आसान है। इसके लिए जुलाई-अगस्त का महीना सबसे अच्छा होता है। क्योंकि, इस दौरान पौधों की जड़ें काफी आसानी से विकसित होती हैं।”
वह बताती हैं, “गुलदाउदी की कटिंग के लिए कोई खास प्रक्रिया नहीं है। यदि आप पौधे के निचले हिस्से से 3-6 इंच की शाखा लगाते हैं, तो यह काफी आसानी से लग जाता है।”
वहीं, वह कहती हैं कि यदि किसी के पास पुराना गुलदाउदी का पौधा है, तो अप्रैल-मार्च में इससे कई नए पौधे निकलते हैं। आप उन पौधों को लाकर भी लगा सकते हैं। जो काफी आसानी से लग जाते हैं।
बीज से कैसे तैयार करें पौधा
गुलदाउदी को बीजों से उगाना अपेक्षाकृत मुश्किल है। यदि आप इसे बीजों से उगाना चाहते हैं, तो गुलदाउदी के बीज बाजार में काफी आसानी से मिल जाते हैं।
गुलदाउदी के बीजों के लिए जून से लेकर अक्टूबर तक का महीना उपयुक्त है। बीज को पहले किसी मिट्टी की बेड पर 1-2 सेमी गहराई में लगाएं।
4-6 हफ्ते में आपका पौधा गमले में लगाने के लिए तैयार हो जाता है, इस दौरान ध्यान रखें कि मिट्टी हमेशा भुरभुरी हो और इसमें पर्याप्त नमी बनी रहे।
कैसे तैयार करें मिट्टी
गमले में पौधा लगाने से पहले आपको इसके लिए मिट्टी तैयार करने के लिए कुछ जरूरी चीजों का ध्यान रखना है।
मंजू लता बताती हैं, “गुलदाउदी उगाने के लिए बगीचे की मिट्टी सबसे अच्छी होती है। क्योंकि, इसकी जड़ें काफी छोटी होती हैं और आप यदि इसे कड़ी मिट्टी में लगाएंगे, तो इसे बढ़ने में दिक्कत होगी।”
वह कहती हैं, “मिट्टी में किचन वेस्ट या एनपीके (NPK) का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इससे पौधों को जल्दी बढ़ने में मदद मिलती है। गुलदाउदी के पौधे को लगाने के बाद, तैयार होने में लगभग तीन महीने का वक्त लगता है। इसके फूल नवंबर से मार्च तक उगते हैं।”
मंजू बताती हैं कि यदि आप नर्सरी से पौधा खरीद रहे हैं, तो इसे कभी भी लगाया जा सकता है। यदि आप नर्सरी से पौधा खरीदते हैं, तो आप हमेशा वैसे पौधे को ही खरीदें, जिसमें फूल लगे हुए हैं। इससे आप आश्वस्त रहते हैं कि आपका फूल कैसा होगा।
किन रखरखावों की होती है जरूरत
मंजू बताती हैं कि गुलदाउदी फूल को ज्यादा रखरखाव की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन, कभी-कभी इस पर काले रंग के छोटे-छोटे कीड़े लग जाते हैं। जिन्हें हटाना जरूरी है, नहीं तो पौधे को इससे काफी नुकसान होता है।
इससे बचाव के लिए वह बताती हैं कि इन कीड़ों को 3-4 दिनों तक लगातार गीले कपड़े से साफ कर दें। यदि इसके बाद भी राहत नहीं है, तो आप नीम ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वहीं, गुलदाउदी के लिए 5-6 घंटे की धूप पर्याप्त होती है। इसलिए इसे गर्मियों के मौसम में अतिरिक्त धूप से बचाना जरूरी है, नहीं तो पौधा सूख सकता है।
यदि आप ठीक से लग जाने के बाद, गमले में मिट्टी को बदलने की योजना बना रहे हैं, तो इसके लिए अगस्त-सितंबर का महीना सबसे अच्छा होगा। क्योंकि, यदि आप इसके बाद ऐसी कोई कोशिश करते हैं, तो पौधों में फूल आने में दिक्कत हो सकती है।
गमले का चयन
गुलदाउदी का पौधा ज्यादा बड़ा नहीं होता है। इसलिए इसे लगाने के लिए 8-10 इंच का गमला पर्याप्त होगा।
क्या करें
- पौधे को गीली मिट्टी में लगाएं।
- हमेशा बगीचे की मिट्टी में लगाएं।
- नर्सरी से पौधा खरीद रहे हैं, तो कली देखकर खरीदें।
- मिट्टी को अगस्त-सितंबर में बदलें।
- जरूरत पड़ने पर नीम ऑयल का इस्तेमाल करें।
- खाद के तौर पर किचन वेस्ट का इस्तेमाल करें।
क्या न करें
- अक्टूबर के बाद कटिंग न करें। इससे फूल आने में दिक्कत होगी।
- ज्यादा सिंचाई न करें।
- पौधा लगाने के लिए कड़ी मिट्टी का इस्तेमाल न करें।
- मिट्टी को कभी सूखने न दें।
वीडियो देखें –
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संपादन – मानबी कटोच
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