साल 2018 से, पोरबंदर (गुजरात) के एक छोटे से गांव बेरन में रहनेवाले रामदे और भारती खुटी, यूट्यूब (Youtuber) पर एक चैनल चला रहे हैं। जिसमें वे गांव के जीवन और यहां की जीवन शैली के बारे में लोगों को बताते हैं। पेशे से किसान रामदे, खेती और पशुपालन से जुड़े वीडियो अपने चैनल में डालते रहते हैं। गांव से जुड़े उनके वीडियोज़ लोगों को इतने पसंद आते हैं कि अब यूट्यूब उनकी कमाई का एक जरिया भी बन गया है।
हालांकि, साल 2015 तक रामदे और उनकी पत्नी भारती, गांव की ज़िंदगी से कोसों दूर, लंदन में रहते थे। वहां, वे दोनों अच्छी नौकरी करके, अच्छे पैसे कमा रहे थे। लेकिन गांव से और अपने परिवार से दूर रहकर वह खुश नहीं थे, जिसके बाद उन्होंने सबकुछ छोड़कर गांव लौटने का फैसला किया।
द बेटर इंडिया से बात करते हुए रामदे कहते हैं, “यूट्यूब चैनल की शुरुआत बिना किसी प्लानिंग के हुई थी। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक सामान्य सा भैंस का दूध निकालने वाला हमारा वीडियो सबसे पहले वायरल हुआ था, तब यूट्यूब पर भैंस का दूध निकालने का कोई वीडियो था ही नहीं।”
चार साल के बाद, आज ‘Live Village Life with Om & Family’ नाम से उनके यूट्यूब चैनल को एक मिलियन से ज्यादा लोग सब्सक्राइब कर चुके हैं।
खुद 12वीं तक पढ़े, पत्नि को विदेश में दी हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट की शिक्षा
किसान परिवार से ताल्लुक रखनेवाले रामदे और भारती एक ही गांव से हैं। साल 2006 में खेती में नुकसान के कारण रामदे ने गांव छोड़कर पैसे कमाने के लिए विदेश जाने का फैसला किया। लंदन में उनकी बहन का ससुराल भी है, इसलिए उन्होंने लंदन जाकर काम करने की सोची। रामदे 12वीं पास हैं और वहां वह रिटेल सेक्टर में काम करते थे।
धीरे-धीरे वहां का जीवन उन्हें अच्छा लगने लगा, लेकिन गांव में रहना और खेतों में पिता के साथ काम करना उन्हें हमेशा याद आता था। साल 2012 में शादी के बाद, उन्होंने अपनी पत्नी को विदेश में पढ़ाने का फैसला किया। रामदे कहते हैं, “मैंने ज्यादा पढ़ाई नहीं की है, लेकिन जब मैं लंदन में था और अच्छे पैसे भी कमा रहा था, तो मैंने अपनी पत्नी को लंदन में ही पढ़ाने का फैसला किया।”
भारती ने लंदन में ही हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। भारती भी पढ़ाई के बाद, ब्रिटिश एयरवेज़ में नौकरी कर रही थीं और रामदे, रिटेल सेक्टर में मैनेजर का काम कर रहे थे। सब कुछ बहुत बढिया चल रहा था लेकिन तभी उन्होंने भारत लौटने का फैसला किया।
जब उन्होंने तय किया कि अब गांव लौटना है, तब सबने उन्हें बहुत समझाया कि गांव में कुछ नहीं रखा है, क्यों एक अच्छे-खासे जीवन को छोड़कर यहां आ रहे हो?
रामदे कहते हैं , “अपने बेटे ओम के जन्म के बाद, हम दोनों ने उसे भारत में ही बड़ा करने का फैसला किया और वापस लौट आए। हमने यहां आकर थोड़े और खेत खरीदे और पशुपालन भी शुरू किया। मुझे तो खेती और पशुपालन की जानकारी पहले से थी, लेकिन अब भारती भी मेरा साथ देती है, उसने भी सब सीख लिया है।”
कैसे यूट्यूब बना कमाई का नया जरिया?
शुरुआत में जब भारती खेती और पशुपालन सीख रही थीं, तब उन्होंने इन सारी जानकारियों का वीडियो बनाना शुरू किया। रामदे कहते हैं, “भारती को पहले से ही वीडियो बनाने का शौक रहा है। इसलिए वह हमारे बेटे के और गांव के अलग-अलग वीडियोज़ बनाती रहती थी। पहले हमारा कोई व्यवस्थित चैनल नहीं था। लेकिन पहला वीडियो हिट होने के बाद हमने और ऐसे वीडियोज़ बनाना और चैनल बनाकर अपलोड कर शुरू किया।”
रामदे और भारती गुजरात के पहले (vloggers) व्लॉगर परिवार में से एक हैं, जिसमें वह जैविक खेती, गांव की परम्परा, ग्रामीण भोजन से लेकर पारिवारिक जीवन जैसे कई पहलुओं को दिखाते हैं।
उनके वीडियोज़ की सबसे खास बात यह है कि ये सारे ही वीडियो बिना किसी स्क्रिप्ट और एडिटिंग के अपलोड किए जाते हैं। शायद यही कारण है कि लोग इनसे जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
फिलहाल, वे अपने 15 एकड़ खेत में ऑर्गेनिक फार्मिंग से सलाना सात से आठ लाख का मुनाफा कमा रहे है और यूट्यूब चैनल से महीने के एक लाख से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं।
रामदे अंत में कहते हैं, “हम सिर्फ गांव में ही रहने की वकालत नहीं करते। लेकिन हमें गांव का जीवन ज्यादा पसंद है, इसलिए हम वापस आ गए और आज हम खुश हैं, क्योंकि हम वह कर रहे हैं, जिससे हमें ख़ुशी मिलती है और इसीलिए हमें सफलता भी मिली।”
रामदे और भारती, आज सिर्फ अपने गांव ही नहीं, बल्कि पूरे देश के युवाओं को परिवार और देश से जुड़े रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
आप भी उनके बेहतरीन वीडियोज़ देखने के लिए ‘Live Village Life with Om & Family’ चैनल से जुड़ सकते हैं।
यह भी पढ़ेंः गुजरात: 62 साल की सफल बिज़नेसवुमन, बेच चुकी हैं एक करोड़ का दूध
We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons: