आप बाज़ार जाएंगे तो आपको स्टील-प्लास्टिक के तरह-तरह के टिफ़िन बॉक्स मिलेंगे। टिफ़िन बॉक्स खरीदने का अपना अलग ही आनंद है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे टिफ़िन बॉक्स के बारे में बता रहे हैं जो न स्टील का बना है और न ही प्लास्टिक का।
यह टिफ़िन बॉक्स बना है बांस का। जी हाँ, इससे पहले आपने बांस के बने बहुत से उत्पाद देखे होंगे फर्नीचर के अलावा बांस की बोतल भी और अब हम आपको बांस का टिफ़िन बॉक्स दिखा रहे हैं। इस टिफ़िन बॉक्स को बनाया है मणिपुर के चुराचांदपुर स्थित ज़ोगम बैम्बू वर्क्स नामक स्टार्टअप ने।
इस स्टार्टअप की शुरुआत, वी. गिनखनपाओ और गोलान सौन्ज़ामु नौलक ने मिलकर की थी। जिसके ज़रिए वह बांस के उपयोगी व इको-फ्रेंडली आर्टिफेक्ट्स और हेंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बनाते हैं। उनके बनाए प्रोडक्ट्स की काफी मांग है। कुछ समय पहले उन्होंने कुछ अलग ट्राई करते हुए टिफ़िन बॉक्स बनाने की ठानी और इसमें सफल रहे।
गिनखनपाओ बताते हैं कि उनका बचपन बांस के जंगलों में खेलते-कूदते बीता। उनके यहाँ बांस का उपयोग हर दैनिक ज़रूरत की चीजों में होता है। घर-निर्माण, फर्नीचर, फेंसिंग, छड़ी, ज्वेलरी और भी न जाने क्या-क्या। वह हमेशा अपने माता-पिता की बांस काटने-छांटने में मदद करते थे। कई बार उन्होंने खुद भी बुजुर्गों के लिए बांस की छड़ी बनाई थी। इसलिए 12वीं कक्षा के बाद उन्हें अच्छी तरह से पता था कि उन्हें क्या करना है।
जब उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू करने की ठानी, तब वह बांस के आसान उत्पाद तो बना लेते थे लेकिन उनकी कोई औपचारिक ट्रेनिंग नहीं हुई थी। साल 2014 में उन्होंने देहरादून के बैम्बू हेंडीक्राफ्ट से एक महीने का कोर्स किया ताकि उनकी स्किल अच्छी हो सके। इसके बाद उन्होंने असम के केन एंड बैम्बू टेक्नोलॉजी सेंटर से भी एक कोर्स किया।
वहीं, दूसरी तरफ नौलक ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन से स्कॉलरशिप पर मास्टर्स की डिग्री की है। वह पहले सोशल सेक्टर में काम कर रहे थे लेकिन फिर उन्होंने गिनखनपाओ के साथ उनके स्टार्टअप पर काम करना शुरू किया।

गिनखनपाओ, डिज़ाइन और प्रोडक्शन सम्भालते हैं तो वहीं नौलक मार्केटिंग और बिज़नेस डेवलपमेंट संभालते हैं। आज ज़ोगम बैम्बू वर्क्स बांस से पेन, कप, पेन-स्टैंड, बोतल आदि बना रहे हैं। बांस का टिफ़िन बॉक्स उनका हाल ही में किया गया नया आविष्कार है।
इस टिफ़िन बॉक्स के बारे में लोगों को तब जानकारी हुई, जब आईएफएस अफसर सुधा रमन ने इस बारे में ट्वीट किया। उन्होंने पोस्ट में टिफ़िन बॉक्स की वीडियो साझा करते हुए लिखा कि इस टिफ़िन को मणिपुर के चुराचांदपुर में स्थित ज़ोगम बैम्बू ने बनाया है। यह टिफ़िन आकर्षक होने के साथ-साथ इको-फ्रेंडली भी है और यह बहुत से लोगों को रोज़गार भी दे सकता है।
Look at this Bamboo Tiffin carrier made by Zogam Bamboo at Churachandpur, Manipur. Beautiful and innovative design using local resources.
Use natural products – they are not just attractive, but also eco-friendly and it also supports many to have a livelihood. pic.twitter.com/7OFUpfvvWV
— Sudha Ramen IFS 🇮🇳 (@SudhaRamenIFS) July 6, 2020
उनके ट्वीट का जोर इस इनोवेशन और भारत में कैसे प्राकृतिक संसाधनों का बढ़िया इस्तेमाल हो सकता है, उस पर जोर दिया गया था। 33 वर्षीय गोलान कहते हैं कि टिफिन बॉक्स पर लोगों की प्रतिक्रिया से उन्हें बहुत ख़ुशी हुई और वह दिन -रात लोगों के ऑर्डर्स पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। उनके मुताबिक, अगर उनके स्टार्टअप को लोगों की इतनी तवज्जो मिले तो यक़ीनन वह प्रकृति के संरक्षण और स्थानीय लोगों को रोज़गार देने के लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे।
टिफ़िन बॉक्स के आईडिया के बारे में बात करते हुए गिनखनपाओ कहते हैं, “पहले मैं बांस से डेकोरेटिव आईटम, पेन, बोतल, पेन ड्राइव और दूसरे किचन आइटम बना रहा था। लेकिन मैं कुछ ऐसा बनाना चाहता था जो लोगों के लिए अलग और उपयोगी हो। ऐसा कुछ जो आकर्षक तो दिखे ही पर काम की चीज़ भी हो। और तब मैंने टिफिन बॉक्स का डिजाईन तैयार किया।”
स्टील के पारंपरिक टिफ़िन डिब्बे की ही तरह इसका भी डिज़ाइन है। इसमें भी तीन टिफ़िन हैं और फिर इन्हें पैक करने के लिए लॉक सिस्टम है। फ़िलहाल, टिफ़िन सेट दो वैरायटी में है, एक सूखे खाने जैसे रोटी, चावल आदि और दूसरा, तरल चीजें जैसे सब्ज़ी, करी आदि के लिए बनाया गया है। वह आगे कहते हैं कि यह टिफ़िन तीन साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे बेहतर क्वालिटी के बांस से बनाया गया है जिसमें ठंडा और गरम दोनों ही तरह का खाना रखा जा सकता है।
आगे उनकी योजना, टिफ़िन के डिज़ाइन को और मॉडिफाई करने की है। वह इसमें अंदर कॉपर या स्टील की लाइनिंग लगाने पर काम कर रहे हैं ताकि इसे और भी ज्यादा समय तक के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
आईएफएस सुधा के वायरल ट्वीट के बाद उन्हें एक ही दिन में 150 आर्डर मिले हैं। वह कहते हैं कि लोगों के सपोर्ट से हमें काफी उत्साह मिला है। लेकिन हर एक टिफिन हैंडमेड है इसलिए प्रक्रिया में थोड़ा वक़्त लगेगा और फिलहाल, उनकी टीम में सिर्फ 5 लोग काम कर रहे हैं। लेकिन अगर उन्हें इसी तरह काम मिलता रहे तो वह और भी स्थानीय लोगों को रोज़गार दे पाएंगे।
सूखे खाने के लिए टिफ़िन बॉक्स की कीमत अभी 599 रुपये है और वहीं तरल खाने वाले टिफ़िन की कीमत 799 रुपये है। उनके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप उनका फेसबुक पेज देख सकते हैं!
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