स्किन केयर से होम क्लीनर तक, सबकुछ खुद बनाकर ज़ीरो वेस्ट लाइफ जी रही हैं यह ISRO साइंटिस्ट

minimalist lifestyle

अगर आप भी ज़ीरो वेस्ट या सस्टेनेबल लाइफस्टाइल अपनाना चाहते हैं, तो इसके लिए कैसे शुरुआत करें, क्या बदलाव लाएं? इन सभी सवालों के जवाब के लिए, मिलिए अहमदाबाद की पंक्ति पांडे से, पिछले कुछ सालों से ज़ीरो वेस्ट लाइफ जीने के लिए सभी जरूरी प्रयास कर रही हैं।।

जाने-अनजाने में हम अपने रोजमर्रा के कामों के दौरान कुछ न कुछ ऐसा जरूर करते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। प्लास्टिक की थैली में आया दूध हो या कोई दूसरा सामान। सब्जियों से निकला कचरा हो या आपके पुराने कपड़े या फिर घर का कबाड़। क्या हम इन सभी चीजों को सही तरीके से डिस्पोज़ कर पाते हैं? जरूरत के बाद हमारे लिए यह कचरा बन जाता हैं, लेकिन यही कचरा हमारे पर्यावरण के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। 

आप कहेंगे कि इसे बदलना या रोकना आपके अकेले के बस की बात नहीं। हममें से ज्यादातर लोग यही मानते हैं और कुछ नहीं कर पाते। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो बदलाव की शुरुआत करते हैं और अपने साथ दूसरों को भी प्रेरित करते हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक इंसान से मिलावाने वाले हैं, जो मानती हैं कि भले ही एक के बदलने से सब कुछ नहीं बदल सकता, लेकिन कोई एक इंसान दूसरों के लिए प्रेरणा तो बन ही सकता है। 

अहमदाबाद की रहनेवाली पंक्ति पांडे, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हैं और इसरो में साइंटिस्ट के तौर पर काम करती हैं। द बेटर इंडिया से बात करते हुए पंक्ति बताती हैं, “मैं एक सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ,  जहां हमने बचपन से रीयूज़ और रीसायकल करना सीखा है।” भारत में घर की आम जरूरतों के लिए देशी नुस्खों का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। जिन्हें समय के साथ हम भूलते जा रहे हैं। पंक्ति ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके, ऐसे ही कुछ नुस्ख़े लोगों के साथ शेयर करना शुरू किया। 

minimalist lifestyle

छोटे बदलाव, बड़े फायदे 

उन्होंने एक ईको-फ्रेंडली, ज़ीरो वेस्ट लाइफस्टाइल के लिए, अपने रूटीन में कई छोटे-छोटे बदलाव किए। वहीं कुछ चीजें तो ऐसी थीं, जो वह बचपन से करती आ रही थीं। वह बताती हैं, “हमारे घर में हमेशा से केमिकल वाले स्किन केयर प्रोडक्ट्स के बजाय घर के दादी-नानी के नुस्खों का इस्तेमाल होता था। इसलिए मैंने कभी महंगे कॉस्मेटिक्स नहीं खरीदे।”


रोज़मर्रा में घर की सफाई के लिए उपयोग होने वाले केमिकल, लैंडफिल या पानी के स्रोतों में पहुंचकर प्रदूषण का कारण बनते हैं। इसे रोकने के लिए उन्होंने घर पर ही, ईको-फ्रेंडली बायोएंजाइम बनाना शुरू किया। 

वह पिछले तीन सालों से, अपने बाल धोने के लिए घर में बनाए शैम्पू के साथ होममेड बॉडी स्क्रब आदि का उपयोग कर रही हैं।  

वहीं पिछले चार सालों से, वह अपने किचन से निकलने वाले सारे कचरे से कम्पोस्ट बनाकर पौधों में इस्तेमाल करती हैं। आपको उनके इंस्टाग्राम पेज पर कुछ ऐसे तरीके भी दिख जाएंगी,  जिसमें आलू, केले और कद्दू के छिल्कों का बढ़िया इस्तेमाल किया गया है। वह कहती हैं कि किराना या घर का दूसरा ज़रूरी सामान लेने के लिए, वह अपने खुद के डिब्बे या थैली ले जाना कभी नहीं भूलतीं। 

इसके साथ ही, जो एक चीज़ उन्हें हमेशा परेशान करती थी, वह था Menstrual waste,  जिसके लिए उन्होंने पैड के बदले Menstrual cup का इस्तेमाल करना शुरू किया। वह कहती हैं, “जब मैंने सोशल मीडिया पर इस बारे में अपना अनुभव बताना शुरू किया, तो कई लड़कियों ने मुझसे इस बारे में जानकारी मांगी और कई लोगों ने मुझे बताया कि अब वे भी Menstrual cup का इस्तेमाल करने लगी हैं। जिससे मुझे बेहद खुशी मिली।”

स्लो फैशन और मिनिमल लाइफस्टाइल  

आज के दौर में ज्यादातर लोग फैशन के अनुरूप अपने कपड़े बदलते रहते हैं। ऐसे में पंक्ति मानती हैं कि फैशन इंडस्ट्री से निकलने वाला कचरा भी हमारे पर्यावरण को दूषित करता है। इसके लिए वह स्लो फैशन और मिनिमल लाइफस्टाइल अपनाती हैं। वह कहती हैं, “मैं अपने हर कपड़े को सालों साल इस्तेमाल करती हूँ। वहीं, पुराने कपड़ों को भी फेंकने के बजाए, किसी दूसरे रूप में उपयोग में लाने की कोशिश करती हूँ।” 

zero waste life

वह ज्यादा से ज्यादा हैंडलूम और ईको-फ्रेंडली फैशन पर जोर देती हैं। जिसे बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बनाया गया हो। उनका कहना है कि इस तरह के मिनिमल लाइफस्टाइल से आपका पैसा और बहुत समय बचता है। 

उनका कहना है, “मैंने अपनी एक ही टॉप और स्कर्ट को अलग-अलग स्टाइल के साथ सालों तक पहना है। टॉप को अलग-अलग रूप में स्टाइल करके पहनी हुई मेरी फोटो को लोगों ने बहुत पसंद किया। कई लोग मुझे बताते हैं कि वह भी अब बस जरूरत की चीजें ही खरीदते हैं।”

पंक्ति ने लॉकडाउन के दौरान, यूं ही अपने अनुभव लोगों तक पहुंचाने के लिए DIY वीडियो बनाकर, इंस्टाग्राम पर डालना शुरू किया। तब उन्हें भी नहीं पता था कि यह सबको इतना पसंद आएगा। आज उन्हें  80 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। पंक्ति भी समय-समय पर नई-नई जानकारियां लाती रहती हैं। 

अंत में वह कहती हैं, “मुझे फॉलो करके 10 लोग पूरी तरह से ज़ीरो वेस्ट लाइफ जीने लगें, यह शायद संभव न हो, लेकिन वह सभी अपने हिसाब से कुछ छोटे-छोटे प्रयास तो जरूर करेंगे।”

आप भी उनकी लाइफस्टाइल से प्रेरणा लेने के लिए, उनके पेज zerowasteadda को जरूर देखें। 

संपादन- अर्चना दुबे

यह भी पढ़ें – इंदौर ने बनाया देश का पहला Zero Waste वार्ड, कचरे से होती है अब वार्ड-वासियों की कमाई

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X