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2016 में हुई 6 घटनाएं जिन पर हर भारतीय को सदा गर्व रहेगा!

2016 ने हमे ऐसे कई ऐतेहासिक क्षण दिए जिनकी वजह से भारत के हर नागरिक को भारतीय कहलाने पर गर्व महसूस हुआ। आईये फिर एक बार याद करते है उन्ही सुखद क्षणों को!

2016 ख़त्म हो चूका है और एक नए साल की शुरुआत हो चुकी है। यूँ तो बीता पूरा साल भारत के लिए बेहद रोमांचक रहा जहाँ जाट आन्दोलन, कश्मीर में तनाव तथा कावेरी नदी के विवाद से लेकर नोटबंदी तक कई परेशानियों का हमे सामना करना पडा। पर हमेशा की तरह हर भारतीय ने इन मुश्किल घड़ियों में एक दुसरे का साथ देकर हर परेशानी का हल निकला।

पर 2016 भारतियों के लिए केवल परेशानियाँ नहीं लेकर आया था। इस साल ने हमे ऐसे कई ऐतेहासिक क्षण भी दिए जिनकी वजह से हर भारत के हर नागरिक को भारतीय कहलाने पर गर्व महसूस हुआ। आईये फिर एक बार याद करते है उन्ही सुखद क्षणों को –

1. भारतीय वायुसेना में शामिल हुई पहली 3 महिला फाइटर पायलट !

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इंडियन एयरफोर्स ऐकेडमी में हुए पासिंग आउट परेड के बाद अवनी चतुर्वेदी, मोहना सिंह और भावना सिंह भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बन गईं।

इतनी कम उम्र में इतने ऊँचे शिखर पर पहुँचीं इन तीन लड़कियों को देखकर हर भारतीय का सर  गर्व से उठ जाता है।

2. भारत बना MTCR का सदस्य!

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भारत नेइस साल औपचारिक रूप से मिसाईल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजिम (MTCR) की सदस्यता ग्रहण कर ली। विदेश सचिव एस.जयशंकर ने कागजी औपचारिकताएँ पूरी कर के भारत को MTCR में शामिल किया।

 

MTCR में शामिल हो जाने से भारत को अपने मिसाइल और स्पेस कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता आसानी से मिल सकेगी।

3. ऑपरेशन संकटमोचन: भारतीयों को हिंसाग्रस्त दक्षिण सूडान से लाने में कामयाब !

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साल के मध्य में दक्षिण सूडान में राष्ट्रपति सल्वा कीर और उपराष्ट्रपति रिएक मचर के समर्थकों के बीच युद्ध छिड़ा हुआ था। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक सूडान में युद्ध की वजह से करीब 36,000 लोग अपने घरों से पलायन कर चुके थे।

ऐसे में हिंसाग्रस्त दक्षिण सूडान में फंसे हुए भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए वायुसेना ने 2 एयरक्राफ्ट, जूबा भेजा। वायुसेना के दो C-17 एयरक्राफ्ट से सूडान में फँसे लगभग 600 भारतीयों को वापस लाया गया।

विदेश राज्यमंत्री जनरल वी.के सिंह के नेतृत्व में होने वाले इस अभियान को “ऑपरोशन संकटमोचन” नाम दिया गया था।

4. ओलंपिक में क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट बनी दीपा करमाकर!

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इस साल हुए रिओ ओलंपिक्स में 22 साल की दीपा करमाकर ने एक ऊंची छलांग लगाते हुए भारतीय इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। प्रोदुनोवा वॅाल्ट खेल के अंतिम आठ प्रतियोगियों में जगह बनाकर दीपा ओलम्पिक के फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट बन गई।

5. सिंधु की लगन ने आखिर भारत को दिलाया रजत पदक!

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सिंधु ने ओलंपिक्स में रजत पदक जीतकर देश की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी व पहली महिला एथलीट बनने का कीर्तिमान हासिल किया।

सिन्धु और दीपा की तरह ही साक्षी मलिक ने भी कांस्य पदक जीतकर रिओ ओलंपिक्स में भारत का नाम रौशन किया।

6. मरियप्पन ने जीता स्वर्ण पदक!

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रियो में चल रहे दिव्यांगों के ओलम्पिक में भारत के लिए हाई जम्प में पहला गोल्ड जीतने वाले मरियप्पन थंगावेलु की कहानी हमें जीने के साथ जीतने की प्रेरणा भी देती है।

भारत ने 32 साल बाद एक ही ईवेंट में दो मैडल जीते हैं, हाई जम्प में मरियप्पन ने स्वर्ण पदक जीता है, उनके साथ वरुण भाटी ने देश को कांस्य पदक दिलाया।

महिला क्रिकेट: पाकिस्तान को हराकर भारत बना एशिया कप विजेता!

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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इस साल के अंत में बैंकॉक के एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ग्राउंड पर खेले गए फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को 17 रनों से हराकर लगातार दूसरी बार एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) महिला टी-20 एशिया कप खिताब हासिल किया।

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