अहमदाबाद के राजेश शाह सही मायनों में सुपर डैड हैं।
अहमदाबाद के राजेश शाह जब स्कूल में थे तभी उन्हें आशा से प्यार हो गया था। दोनों ने साथ में कॉलेज पूरा किया और शादी भी की।
उनकी लव स्टोरी किसी परियों की कहानी से कम नहीं थी।
शादी के कुछ सालों बाद उन्हें दो बच्चे भी हुए, निसर्ग और शैली।
इस तरह उनका परिवार भी पूरा हो गया।
अपने माता-पिता के प्रेम के बारे में बात करते हुए शैली बताती हैं, 'मेरे माता-पिता जीवन के छोटे-बड़े हर फैसले मिलजुल कर ही लेते थे।'
इस प्यारे से परिवार में सब कुछ तब बदल गया, जब आशा को उनकी बीमारी लिवर सिरोसिस का पता चला।
बीमारी से एक लम्बी लड़ाई लड़ने के बाद, साल 2007 में आशा ने आख़िरकार दम तोड़ दिया।
उस समय शैली 12वीं में पढ़ती थीं। वह जानती थीं कि माँ को खोने को गम हम दोनों भाई-बहनों से कही ज़्यादा उनके पिता को था। क्योंकि उन्होंने अपने पहले प्यार और जीवन साथी को खोया था।
उस समय शैली 12वीं में पढ़ती थीं। वह जानती थीं कि माँ को खोने को गम हम दोनों भाई-बहनों से कही ज़्यादा उनके पिता को था। क्योंकि उन्होंने अपने पहले प्यार और जीवन साथी को खोया था।
लेकिन टूटने और हताश होने के बजाय, उनके पिता राजेश शाह ने अपने आप को बखूबी संभाला और बच्चों की भी पूरी जिम्मेदारी उठा ली।
वह छोटे-छोटे काम जो पहले माँ करती थीं अब वह पिता करने लगें। पिता को माँ बनने में महज दो साल लगें।
हालांकि माँ कि कमी को तो शायद कोई पूरा न कर पाए।लेकिन शैली बड़े गर्व से कहती हैं कि आज मैं अपनी माँ को उतना याद नहीं करती जितना पहले किया करती थी क्योंकि पिता ने कभी उनकी कमी महसूस ही नहीं होने दी।
आज, शैली अहमदाबाद में एक जाना-पहचाना नाम है। वह एक गायिका हैं और Mortantra नाम का एक ज्वेलरी ब्रांड भी चलाती हैं।
वहीं उनका भाई भी ख़ुशी-ख़ुशी पारिवारिक बिज़नेस बिज़नेस संभाल रहा है।
अपने परिवार की खुशियों और एकता का पूरा श्रेय शैली अपने पिता को देती हैं, जिन्होंने अपने दुःख के ऊपर अपने बच्चों की खुशियों को रखा।
यह Father's Day राजेश जैसे सभी पिताओं के लिए हैं, जिन्होंने पिता के साथ-साथ समय आने पर माँ का फर्ज भी बखूबी निभाया है।