8 सालों से खुद घोंसले बनाकर मुफ्त में बांट रहे हैं शम्भू, अब तक बना चुके हैं 31 हजार चिड़ियों के घर

shmabu bhai

गुजरात धांगध्रा में लकड़ी के फर्नीचर का काम करनेवाले, शम्भू भाई को चिड़ियों से विशेष प्यार है। अपने जीवन की एक करुण घटना से प्रेरित होकर, उन्होंने पक्षियों के मजबूत घोंसले बनाना शुरू किया। वह अब तक 31 हजार घोंसले बनाकर मुफ्त में बांट चुके हैं।

बात साल 2013 की है, जब धांगध्रा (गुजरात) के शम्भू भाई ने चिड़ियों के लिए गत्ते का एक घोंसला लगाया था। लेकिन उस घोंसले में धीरे-धीरे कई दूसरे पक्षी भी आने ल।गे एक दिन अचानक उनका घोंसला टूटकर गिर गया और इसके साथ ही घोंसले में पड़े बेचारी चिड़िया के अंडे भी टूट गए। कई दिनों तक चिड़िया अपने घर और अंडे के लिए परेशान हुई।  

इस छोटी सी घटना ने शम्भू भाई के मन पर काफी  गहरा असर किया और उन्होंने  तय कर लिया  कि वह अब चिड़ियाों के लिए पक्का घोंसला बनाएंगे, जिसमें दूसरे बड़े पक्षी न आ सकें। पेशे से कारपेंटर शम्भू भाई के पास कई छोटे-छोटे लकड़ी के टुकड़े पड़े थे,  जिससे उन्होंने बढिया घोंसला बनाकर लगाया। 

उन्होंने ऐसे दूसरे घोंसले भी बनाए, ताकि किसी और को भी वह इसे बांट सकें। उनका एक छोटा सा वर्कस्टेशन भी है, जहां वह लकड़ी का काम करते हैं।  उन्होंने बचपन में अपने पिता से लकड़ी का काम करना सीखा था। 

shmabhu bhai making nest

 एक दिन उनकी दुकान में आए एक ग्राहक की नज़र घोंसले पर पड़ ही गई। उस ग्राहक ने कहा की मेरे घर में बिजली के मीटर के ऊपर हमेशा एक चिड़िया  घोंसला बनाती है, अगर मैं ऐसा घोंसला वहां रख दूं, तो चिड़िया को अच्छा घर मिल जाएगा। उन्होंने मुफ्त में उन्हें एक घोंसला दे दिया। तक़रीबन एक महीने बाद, उस इंसान ने शम्भू को घोंसले के फोटोज भेजे, जहां चिड़िया ने अपना घर बसा लिया था। यह देखकर शम्भू भाई को इतनी ख़ुशी मिली कि उन्होंने मुफ्त में ऐसे और घोंसले बांटना शुरू कर दिया।  

शम्भू भाई कहते हैं, “हर एक घोंसला बनाने में तक़रीबन 100 से 150 रुपये का खर्च आता है। मैं पक्षियों के लिए ज्यादा से ज्यादा पक्के मकान बनाना चाहता था, इसलिए मैंने दूसरे लोगों से मदद मांगना शुरू किया। मैं सोशल मीडिया के जरिए लोगों से अपने घर पर पड़ी टूटी-फूटी लकड़ियां आदि मुझे देने को कहता हूँ।  घरों में फर्नीचर का काम होने के बाद कई टुकड़े बच जाते हैं, मेरी अपील के बाद लोग मुझे वे टुकड़े लाकर देने लगे।”

…बस कुछ इसी तरह, एक घोंसले से शुरू हुआ यह सफर आठ साल में 31 हजार घोंसलों तक पहुंच गया। शम्भू भाई से कई लोग मुंबई, अहमदाबाद, वड़ोदरा जैसे शहरों से  भी घोंसले मंगवाते हैं। जिसके लिए उन्हें मात्र कूरियर का खर्च ही देना पड़ता है। शम्भू भाई ने बताया कि बाहर से ज्यादातर बल्क ऑर्डर आते हैं। लेकिन शम्भू भाई पहले पूरी तहकीकात करते हैं कि मंगवाने वाला इंसान इसे बेच तो नहीं रहा। 

shambhu bhai at his workstation

जिसे भी वह घोंसले देते हैं, उनसे इसका फोटो खींचकर भेजने को जरूर कहते हैं। 31 हजार चिड़ियों का घर बनाकर बांटने के बाद भी उनका काम रुका नहीं है। साल 2024 तक कुल 51 हजार घोंसले बांटना उनके जीवन का लक्ष्य है।  

शम्भू भाई अपने इस काम के कारण इतने मशहूर हो गए हैं कि पर्यावरण दिवस, जल दिवस या चिड़िया दिवस जैसे समरोह में लोग उन्हें जरूर बुलाते हैं  और शम्भू भाई वहां भी अपने घोंसले लेकर पहुंच जाते हैं।  

अगर आप भी उनकी तरह पक्षियों, खासकर चिड़ियों से लगाव रखते हैं, तो शम्भू भाई आपको भी एक घोंसला जरूर बनाकर देंगे। आप उन्हें 98791 20105 पर  सम्पर्क कर सकते हैं। 

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