Placeholder canvas

सेल्फी लेने से लेकर घर जाकर मिलने तक – जानिये क्या क्या कर रही है दिल्ली और पुणे पुलिस, हमारे बुजुर्गो के लिए !

पुणे एवं दिल्ली की पुलिस वरिष्ट नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठा रही है और उन्हें अपनी परिशानियों और समस्यायों को बताने का मौका दे रही है। पुलिस न केवल उनकी समस्याओं को सुन रही है बल्कि जहाँ तक सम्भव हो उन्हें सुलझाने की भी कोशिश कर रही है।

पुणे एवं दिल्ली की पुलिस वरिष्ट नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठा
रही है और उन्हें अपनी परिशानियों और समस्यायों को बताने का मौका दे रही
है। पुलिस न केवल उनकी समस्याओं को सुन रही है बल्कि जहाँ तक सम्भव हो
उन्हें सुलझाने की भी कोशिश कर रही है।

रिष्ठ नागरिकों की सूरक्षा बढ़ाने के लिए पुलिसकर्मी अब हर १५ दिन बाद उनके घर जा कर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।

police

Photo Credit: Espen Klem/Flickr

नगर के सभी पुलिस स्टेशनों को इसकी शुरुवात करने के निर्देश मिले हैं। इसकी
घोषणा शुक्रवार को पुणे पुलिस कमिशनरेट की एक मीटिंग में पुलिस कमिशनर
के.के.पाठक ने की, जहाँ १०० से ज्यादा वरिष्ठ नागरिक मौजूद थे। इस मीटिंग
को  हाल ही में विमाननगर में एक ८६ वर्षीय वृद्ध की हत्या के बाद रखा गया था।

कमिशनर के मुताबिक उन्होंने पुलिस स्टेशनों पर कुछ नोडल ऑफिसर्स को
चिन्हित किया है, जो अपने इलाके के वरिष्ठ नागरिकों से समय समय पर मिलते
रहेंगे। साथ ही साथ समय समय पर उनके साथ  बैठक करके उनकी सम्स्याओं को सुनकर उन्हें यथाशीघ्र सुलझाने का प्रयास करेंगे।

“नोडल ऑफिसर एक सब इंस्पेक्टर या असिस्टेंट इंस्पेक्टर होगा जिसके साथ ४ या उससे अधिक पुलिसवाले होंगे ”

-डिप्टी कमिशनर (क्राइम) पी आर पाटिल ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया।

पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में ४ लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक रहते हैं और यहाँ उनके द्वारा संचालित ३७० एनजीओ एवं समाजसेवी संगठन हैं। 3,000 ऐसे लोग हैं जो पुलिस की एक स्कीम के तहत  रजिस्टर्ड हैं, जिसमे वरिष्ठ नागरिकों को उनकी सुरक्षा के मद्देनजर निकटतम पुलिस स्टेशन मे रजिस्टर करने को कहा गया था। २०१३ की एक रिपोर्ट के मुताबिक ९४० वरिष्ठ नागरिक अकेले रह रहे थे जबकि २,६४६ अपने परिवार के साथ रह रहे थे।

के. के. पाठक ने बताया कि वे एनजीओ के साथ मिल कर ज्यादा वृद्धों तक पहुचेंगे
और शीघ्र ही पुलिस के पास रजिस्टर्ड वृद्धों को पहचान पत्र मुहैया करवाएंगे जिनपर उनका नाम, उम्र, पता,फ़ोन नंबर ,ब्लड ग्रुप और दूसरी जानकारी लिखी होगी।  इस पूरे कार्य को, पुणे की क्राइम ब्रांच की सोशल सिक्यूरिटी सेल अंजाम देगी।

पहली मीटिंग में वृद्धों ने, पार्किंग, पार्कों में बेंच न होना जैसी समस्याओं को उठाया। पुलिस विभाग पुणे की नगरपालिका और दूसरी एजेंसीयों के साथ मिल कर  इन समस्याओं का निदान करेगी।

ऐसा ही एक कदम दिल्ली के वसंत विहार स्टेशन  में इस साल सितम्बर में उठाया गया था| वहाँ पुलिस ने वृद्धों के साथ सेल्फी खीच कर उनसे बातचीत करना शुरू किया था।  पुलिस स्टेशन ने “सीनियर सिटीजन वेलफेयर ऑफिसर्स” को नियुक्त किया  है, और वो लोग २०० वरिष्ठ नागरिकों का ख्याल रख रहे हैं। सितम्बर से २२ पुलिसकर्मी हर दिन २०-२५ वरिष्ठ नागरिकों से मिल कर उनसे मित्रता कर के उनका विश्वास जीतने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वे बेझिझक पुलिस से मदद ले सकें।

“जब जब हम एक सेल्फी लेते हैं, हमारे बीच एक रिश्ता सा बन जाता है। ये रिश्ता इतना मजबूत होता है कि लगता है ये लोग हमें अपना बेटा मान लेते हैं। ऐसा लगता है मैं उनके बच्चों की कमी पूरी कर रहा हूँ, जो उनसे दूर रहते हैं। जिन लोगों का संपत्ति का विवाद चल रहा होता है वो क़ानूनी राय मांगते हैं, तो कुछ को घरेलु काम में मदद चाहिए होती है।”

-१८० सेल्फी लेने वाले एक पुलिसवाले ने  टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया।

वृद्धों ने पुलिस के इस कदम की सराहना की है और कहा कि पुलिसवाले उनकी
बहुत सी चीज़ों में मदद कर रहे हैं, मसलन बैंक से पैसे निकालना , ऑटो मे चढ़ाना, घरेलू कार्यों में मदद के लिए किसी विश्वसनीय व्यक्ति को ढूंढना इत्यादि।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

X