किसानी एक ऐसा पेशा है, जिसमें मशीन की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। खेत की जुताई से लेकर फसल की तैयारी करने तक किसान मशीनों से घिरा रहता है। ऐसे में यदि कोई किसानों के लिए कम मूल्य में मशीनें तैयार करता है, तो उसकी तारीफ तो करनी ही होगी। अब सरकार भी ऐसे लोगों को सम्मानित करने लगी है। इस बार कर्नाटक के एक ऐसे ही शख्स को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है, जो पिछले चार दशकों से किसानों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए इनोवेशन कर रहे हैं।
अब्दुल खादर नदकत्तिन (Abdul Khadar) को ग्रासरूट्स इनोवेशन श्रेणी के तहत उनके कार्यों के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उनके प्रमुख नवाचारों, जैसे इमली के बीज को अलग करने का उपकरण, जुताई ब्लेड बनाने की मशीन, बीज और खाद ड्रिलिंग मशीन, वाटर-हीटिंग बॉयलर, स्वचालित गन्ना बुवाई ड्रिलर और व्हील टिलर आदि की सराहना की है।
उनका सबसे पहला नवाचार “A Wa(h!)ter Alarm” था। उन्होंने खुद के लेट उठने की आदत के कारण, यह नवाचार किया था। आगे चलकर उन्होंने किसानों की जरूरतों और आधुनिक कृषि के साथ तालमेल बनाते हुए कई मशीनें तैयार की।
नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (NIF) ने साल 2015 में अब्दुल खादर नदकत्तिन को 8वें राष्ट्रीय ग्रासरूट इनोवेशन समारोह में, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया था। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों उन्हें सम्मानित किया गया था। ग्रासरुट इनोवेशन और किसानों की भावनाओं को दर्शाने के लिए वह नंगे पैर अवार्ड लेने पहुंचे थे। इसके बाद ही उन्हें “Barefoot scientist” का नाम दिया गया।
अब्दुल खादर नदकत्तिन के सारे नवाचार सस्टेनेबल, कम लागत वाले और ईको-फ्रेंडली होते हैं। खुद किसान होते हुए, उन्होंने किसानों की समस्याओं को समझकर ये सारे अविष्कार किए हैं।
पद्म श्री पुरस्कार मिलने की खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, “देश किसानों के सहारे चल रहा है, इसलिए मैंने उनके लिए काम किया है। ‘नदकत्तिन बुवाई मशीन’ से कई किसान लाभान्वित हो रहे हैं। मेरे नवाचार से किसानों का जीवन आसान बना है। पद्म श्री पुरस्कार को लेकर मैं बहुत खुश हूं।”
संपादन- जी एन झा
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