साल भर मिलने वाला स्वास्थ्यवर्धक केला, कई गुणों से भरपूर होता है, जिसका वज़न कम हो वह भी इसका सेवन करता है और जिसका वजन ज्यादा हो वह भी इसे अपनी डाइट में शामिल करता है। ज्यादातर माताएं अपने छोटे बच्चों को सबसे पहले केला ही खिलाती हैं। वहीं, बूढ़े होने पर बिना दांत के भी इसे आराम से खाया जा सकता है।
हालांकि, यह दूसरे फलों की तुलना में सस्ता फल जरूर है, लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी गुणकारी भी है। इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन और विटामिन पाया जाता है।
इसके पौधे आकर में बड़े होते हैं, इसलिए ज्यादातर होम गार्डनिंग करने वाले लोग इसे लगाने से परहेज करते हैं। वहीं कुछ का कहना है कि इसका पेड़ तो उग जाता है, लेकिन इसमें फल नहीं आ पाते। हिन्दू धर्म में तो इसके पेड़ की पूजा भी की जाती है, इसलिए कई लोग तो इसका पौधा सिर्फ पूजा करने के लिए ही लगाना चाहते हैं।
यह एक ऐसा पेड़ है, जिसका हर हिस्सा काम का होता है। इसकी पत्तियों को खाना परोसने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके फल और फूल, खाने के काम आते हैं और इसके तने को सुखाकर फाइबर बनता है, जिसे हैंडीक्राफ्ट बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
केले के किस पेड़ को लगाना चाहिए, इसकी देखभाल कैसे करें और इसमें फल कैसे आएँगे? जैसे कुछ सवालों के जवाब के लिए ही हमने पटना में गार्डनिंग करनेवाली प्रभा कुमारी से बात की। वह सालों से गार्डनिंग कर रही हैं और उनके गार्डन में कई फल और सब्जियों के पौधे लगे हैं, जिसमें से एक पेड़ केले का भी है।
वह कहती हैं, “केले के पेड़ में फल लाने के लिए सही और पोषक खाद देना बेहद जरूरी है। आप किसी भी बड़े कंटेनर का उपयोग करके आराम से इसे लगा सकते हैं।”
किन बातों का रखें ध्यान?
प्रभा कहती हैं कि केले का पौधा उगाने के लिए आपको इसके छोटे पौधे की जरूरत होगी। इसे बीज या कटिंग से नहीं लगा सकते। आजकल बाजार में कई हाइब्रिड किस्म के पौधे उपलब्ध हैं। इन हाइब्रिड किस्म के पौधों में साल भर के अंदर फल आने लगते हैं। आप अपनी शहर की किसी नर्सरी से इसका पौधा लाकर लगा सकते हैं। केले के पौधे की कीमत सामान्य रूप से 60 से 100 रुपये के बीच होती है।
पौधा खरीदते समय आप नर्सरी वाले से पौधे की किस्म के बारे में जरूर पूछ लें। साथ ही पौधा चुनते समय ध्यान दें कि पौधा स्वस्थ हो और इसकी पत्तियां पीली न हों।
प्रभा ने बताया, “नर्सरी से लाए गए पौधे को आप पहले एक छोटे ग्रो बेग में उगाएं, क्योंकि शुरुआत में आपको इस पौधे को तेज धूप से बचाकर रखना होगा। अगर गमला छोटा होगा, तो आप आराम से इसकी जगह बदल सकते हैं।” तक़रीबन 10 दिन बाद, जब पौधा सेट हो जाए, तब इसे बड़े ग्रो बेग, गमले या ड्रम में लगाएं।
कैसे लगाएं केले का पौधा ?
इसके लिए आप तक़रीबन 38 इंच का ग्रो बेग ले लें। आप किसी पुराने ड्रम का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
केले के पौधे के लिए उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होगी। इसके पॉटिंग मिक्स के लिए भुरभुरी मिट्टी का उपयोग करना चाहिए।
पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए, आप 50% सामान्य बगीचे की मिट्टी, 25% रेत और 25% केचुआ खाद या गोबर की खाद और थोड़ी नीम की खली ले लें।
बाहर से पेड़ लाकर, इसे छोटे ग्रो बेग के बीचों-बीच लगाएं और धूप से बचा कर रखें।
तक़रीबन 10 दिन सेट हो जाने के बाद, इसे बड़े गमले में लगा दें और सामान्य धूप में रखें।
हर दिन थोड़ा-थोड़ा पानी देते रहें।
पेड़ पर समय से फल लगें , इसके लिए हर 15 दिन में पोटाश वाली खाद देते रहें। घर के गीले कचरे से बनी कम्पोस्ट इसके लिए बेहतरीन होगी।
आमतौर पर केले का पेड़ लगाने के बाद, इसके आस-पास कई छोटे-छोटे पेड़ उग जाते हैं। जिसे हटाना बेहद जरुरी होता है। आप उन छोटे-छोटे पौधों को निकालकर दूसरे गमले में लगाएं। अगर छोटे-छोटे पौधों को उसी में उगने देंगे, तो वे मुख्य पौधे का सारा पोषण ले लेंगे।
कीट और रोगों से बचाव के लिए, आप इसमें नीम के तेल का छिड़काव करें। हफ्ते में एक दिन ऐसा करते रहें, जिससे रोग लगने की सम्भावना कम हो जाएगी।
हाइब्रिड किस्म के केले के पेड़ में फल आने में लगभग आठ से 10 महीने लगते हैं। अगर सही से देखभाल की जाए, तो आप साल भर के अंदर अपने गमले में उगे केलों का स्वाद चख पाएंगे। गार्डनिंग से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए आप प्रभा कुमारी से इंस्टाग्राम पर संपर्क कर सकते हैं।
संपादन-अर्चना दुबे
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