मल्लिका-ए- ग़ज़ल या फिर ग़ज़ल की रानी बेगम अख्तर भारत की प्रसिद्ध गायिका थीं, जिन्हें दादरा, ठुमरी व ग़ज़ल में महारत हासिल थी। उत्तर प्रदेश के अवध के फैज़ाबाद में 7 अक्टूबर 1914 को जन्मीं बेगम अख्तर का नाम अख़्तरी बाई फ़ैज़ाबादी था।
अख़्तरी की माँ मुश्तरी बाई एक तवायफ़ थीं और उनके पिता अश्गर हुसैन एक वकील थे। मुश्तरी वकील साहब की दूसरी पत्नी थीं और उनकी जुड़वां बेटियों की माँ। पर जब अख़्तरी और उनकी बहन ज़ोहरा बहुत छोटी थीं तभी उनके पिता ने उन्हें और उनकी माँ को छोड़ दिया।

इस दर्द से अख़्तरी और उनकी माँ उबरे भी नहीं थे कि उन्होंने अपनी जुड़वां बहन ज़ोहरा को भी खो दिया। ऐसे में उर्दू शायरी, ग़ज़ल और संगीत अख़्तरी के हमदर्द बने। हालांकि, उनकी माँ उनके संगीत सीखने और फिल्मों में काम करने के खिलाफ थीं पर बाद में उन्होंने अख्तरी को जाने दिया।
अख्तरी बाई को लखनऊ के इश्तियाक अहमद अब्बासी से प्यार हो गया, जो पेशे से एक वकील थे। साल 1945 में उन्होंने अब्बासी से शादी कर ली। जिसके बाद उन्हें ‘बेगम अख्तर’ के नाम से जाना गया। पर उनके पति ने उनके गायन और संगीत पर रोक लगा दी। जिसके बाद 5 साल तक उन्होंने कुछ नहीं गाया।

पर अपने संगीत के बिना जैसे उनमें ज़िन्दगी ही नहीं बची थी और वे डिप्रेशन का शिकार हो गयीं। इसके बाद उन्होंने 1949 में फिर से गाना शुरू किया और इस बार जो गायन शुरू हुआ वह आखिरी सांस तक जारी रहा। इस मल्लिका-ए-ग़ज़ल ने 30 अक्टूबर 1974 को 60 साल की उम्र में दुनिया से विदा ली।
द बेटर इंडिया के साथ सुनिए इस महान गायिका के कुछ मशहूर गीत,