क्या आपको पता है कि भारत में हर साल लगभग 12.3 अरब सैनिटरी नैपकिन पर्यावरण में पहुंचकर इसे प्रदूषित करते हैं? मेंस्ट्रुअल हेल्थ अलायन्स इंडिया के मुताबिक एक सैनिटरी नैपकिन को डिस्पोज होने में 500 से 800 साल लगते हैं। क्योंकि इन्हें बनाने में नॉन-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक है। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पिछले कुछ सालों से एक्सपर्ट महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन की जगह मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं। क्योंकि महिलाएं एक ही मेंस्ट्रुअल कप को सालों-साल तक इस्तेमाल कर सकती हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल है और किफायती भी। बहुत सी महिलाएं पीरियड्स के दौरान मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल भी कर रहीं हैं। वहीं कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें अभी भी मेंस्ट्रुअल कप को लेकर संदेह है।
द बेटर इंडिया ने अहमदाबाद के ‘सान्निध्य मैटरनिटी एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल’ की सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट, डॉ. अर्चना शाह से इस बारे में बात की। उन्होंने बताया कि मेंस्ट्रुअल कप एक छोटे से कप के आकर का डिवाइस है, जिसे महिलाएं पीरियड्स के दौरान सैनिटरी नैपकिन या टैम्पून की जगह इस्तेमाल कर सकती हैं।
मेंस्ट्रुअल कप को इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं को पीरियड्स के दौरान इसे अपनी वैजाइना में डालना होता है। इस कप में मेंस्ट्रुअल ब्लड इकट्ठा होता है, जिसे छह से आठ घंटे बाद महिलाएं वैजाइना से निकालकर टॉयलेट में डिस्पोज करती हैं और मेंस्ट्रुअल कप को पानी और साबुन से धोकर फिर से लगाती हैं। मेंस्ट्रुअल कप वैजाइना के अंदर लगाया जाता है, इस कारण बहुत से महिलाओं के मन में एक डर या संदेह की भावना आ जाती है। इसलिए डॉ. अर्चना इस लेख के माध्यम से उन सवालों का जवाब दे रही हैं, जो अक्सर मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल को लेकर पूछे जाते हैं।
1. क्या मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करना सुरक्षित है?
डॉ. अर्चना: जी बिल्कुल। मेंस्ट्रुअल कप महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन और टैम्पून से ज्यादा सुरक्षित है। यह सिलिकॉन का बना होता है और इससे किसी भी तरह का कोई संक्रमण नहीं होता है। न ही इससे आपको प्राइवेट पार्ट में कोई दाने होते हैं और न ही कोई दूसरी बीमारी। जबकि सैनिटरी नैपकिन या टैम्पून के इस्तेमाल में बैक्टीरियल संक्रमण का डर रहता है। क्योंकि ये सेल्यूलोस के बने होते हैं, जो ब्लड के सम्पर्क में आने पर बैक्टीरियल संक्रमण का कारण बन जाता है। इसलिए हर उम्र की लड़कियों और महिलाओं के लिए मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करना उपयुक्त है।
2. क्या मेंस्ट्रुअल कप को लगाने और निकालने में दर्द होता है?
डॉ. अर्चना: नहीं। आपको शुरुआत में मेंस्ट्रुअल कप लगाने और निकालने में थोड़ा असहज लग सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया में आपको कोई दर्द नहीं होता है। मेंस्ट्रुअल कप को लगाने के लिए आप इसे फोल्ड करें और अपनी वैजाइना में डालें। जब आप मेंस्ट्रुअल कप को वैजाइना में डालते हैं तो यह अंदर एक वैक्यूम बनाता है, जिस कारण यह बिना किसी बाहरी फोर्स के निकलता नहीं है। मेंस्ट्रुअल कप को निकालना भी आसान है। अगर आप सामान्य तरीके से इसे नहीं निकाल पा रहीं हैं तो इसे नीचे की तरफ से हल्का-सा पिंच करें, इससे यह आसानी से निकल आएगा।
3. क्या मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करने से असहज महसूस होता है?
डॉ. अर्चना: बहुत सी औरतों को लगता है कि अगर वे मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करेंगी तो उन्हें बार-बार यह लगेगा कि उन्होंने कुछ डाला हुआ है। लेकिन ऐसा नहीं है। आपको मेंस्ट्रुअल कप पहनना है और इसके बाद आप अपनी सभी दैनिक गतिविधियां कर सकते हैं जैसे ऑफिस जाना, घर के काम या अन्य कोई खेल-कूद। आपको बस ध्यान रखना है कि कब आपको मेंस्ट्रुअल कप को खाली करना है।
4. अगर मेंस्ट्रुअल कप वैजाइना के अंदर ही रह गया तो?
डॉ. अर्चना: महिलाओं की वैजाइना लगभग 10 सेंटीमीटर होती है, जिसमें सिर्फ 3 से 4 सेंटीमीटर तक मेंस्ट्रुअल कप इंसर्ट होता है। यह इससे आगे नहीं जाता और न ही कोई गतिविधि करने से ब्लड वापस फ्लो होता है।
5. क्या टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए मेंस्ट्रुअल कप को निकालना पड़ता है?
डॉ. अर्चना: नहीं। आपको मेंस्ट्रुअल कप निकालने की जरूरत नहीं पड़ती है। आपको पीरियड्स के दौरान मेंस्ट्रुअल कप सिर्फ तभी निकालना है जब आपको इसे खाली करना हो। इसके अलावा, अगर आप सेक्सुअल इंटरकोर्स कर रही हैं तो आपको इसे निकालना होगा। इसके अलावा, आप अपनी सभी दैनिक गतिविधियां मेंस्ट्रुअल कप लगाकर कर सकती हैं।
6. कौन मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल कर सकता है?
डॉ. अर्चना: किसी भी उम्र की महिलाएं, चाहे वे शादीशुदा हैं या नहीं, सेक्सुअली एक्टिव हैं या नहीं, मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल कर सकती हैं। अक्सर महिलाओं के मन में संदेह होता है कि जो लडकियां सेक्सुअली एक्टिव नहीं हैं, उन्हें मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसे वैजाइना में डालने से उनकी हाइमिन टूट सकती है, लेकिन यह सिर्फ एक मिथक है क्योंकि हाइमिन सिर्फ एक झिल्ली होती है, जो शादी से पहले भी कभी भी टूट सकती है। जैसे जो लड़कियां स्पोर्ट्स में एक्टिव होती हैं, उनकी हाइमिन भी कई बार खेल के दौरान टूट जाती है। इसलिए मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करने से पहले आपको यह सब नहीं सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा, “मेरे पास आने वाले मरीजों में जो भी महिलाएं मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल कर रहीं हैं, उनमें ज्यादातर युवा लड़कियां हैं। क्योंकि आज की पीढ़ी की लड़कियां सोशल मीडिया और इंटरनेट पर एक्टिव हैं तो उन्हें इस बारे में जागरूकता है।”
7. क्या मेंस्ट्रुअल कप को पहनकर स्विमिंग/स्कूबा डाइविंग या अन्य कोई एक्सरसाइज की जा सकती है?
डॉ. अर्चना: बिल्कुल। बल्कि स्विमिंग के लिए यह सबसे उपयुक्त है। क्योंकि लड़कियां सैनिटरी नैपकिन या टैम्पून पहनकर स्विमिंग नहीं कर सकती हैं, लेकिन मेंस्ट्रुअल कप पहनकर आप स्विमिंग/स्कूबा डाइविंग या एक्सरसाइज कर सकती हैं।
8. किस साइज का मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करना चाहिए?
डॉ. अर्चना: मेंस्ट्रुअल कप छोटे, मध्यम और बड़े साइज में उपलब्ध हैं। आपको किस साइज का मेंस्ट्रुअल कप लेना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि पीरियड्स के दौरान आपको ब्लड फ्लो कितना होता है। अगर बहुत ज्यादा ब्लड जाता है तो आपको बड़ा साइज लेना चाहिए। अगर सामान्य है तो छोटा या मध्यम आकार का मेंस्ट्रुअल कप ले सकती हैं।
9. कब मेंस्ट्रुअल कप को खाली करना होता है?
डॉ. अर्चना: सामान्य तौर पर छह से आठ घंटे पर आप मेंस्ट्रुअल कप को खाली करके, इसे अच्छे से धोकर फिर से लगा सकती हैं। लेकिन अगर आपको फ्लो ज्यादा हो रहा है और आपने छोटे साइज का मेंस्ट्रुअल कप लिया है तो हो सकता है कि तीन से चार घंटों में ही आपको इसे खाली करना पड़े। शुरुआत में, दो-तीन बार आपको ध्यान देना होगा कि मेंस्ट्रुअल कप भरने में कितना समय ले रहा है, इसके बाद आपको अंदाजा आ जायेगा। यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे आप हर छह से आठ घंटे पर या जरूरत के हिसाब से सैनिटरी नैपकिन बदलती हैं।
10. मेंस्ट्रुअल कप को स्टोर कैसे करें?
डॉ. अर्चना: मेंस्ट्रुअल कप खरीदते समय इसे रखने के लिए छोटा सा बैग या पाउच दिया जाता है। पीरियड्स खत्म होने के बाद आप मेंस्ट्रुअल कप को गरम पानी में पांच मिनट तक रखें। इससे यह स्टरलाइज हो जाएगा। पांच मिनट बाद पानी से निकाल लें और सामान्य होने दें। इसके बाद, आप मेंस्ट्रुअल कप को इसके साथ मिले बैग या पाउच में रख सकते हैं।
“पर्यावरण के लिए बेहतर होने के साथ-साथ यह आपकी जेब के लिए भी सही है। क्योंकि एक मेंस्ट्रुअल कप को महिलाएं सालों-साल इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे आपको सिर्फ एक बार मेंस्ट्रुअल कप में निवेश करना है। आप 250 से 300 रुपए की कीमत पर मेंस्ट्रुअल कप खरीद सकती हैं और इसके बाद पीरियड्स के लिए आपका और कोई खर्च नहीं होता। जबकि सैनिटरी नैपकिन और टैम्पून पर आपको हर महीने खर्च करना पड़ता है। साथ ही, ये दोनों चीजें प्रकृति को दूषित करती हैं,” उन्होंने कहा।
हैदराबाद में एक सामाजिक संगठन के साथ काम कर रहीं नेहा रानी पटेल बताती हैं कि उन्होंने कुछ समय से मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करना शुरू किया है। उनका अब तक अनुभव बहुत ही अच्छा रहा है। शुरुआत में, उनके मन में भी कई शंकाएं थी लेकिन अब जब उन्होंने खुद मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल किया तो उन्हें लगता है यह सबसे उपयुक्त चीज है। वह सलाह देती हैं कि अगर आपने मन में कोई संदेह है तो आप पीरियड्स से पहले भी एक-दो बार मेंस्ट्रुअल कप लगाने और निकालने का ट्राई कर सकती हैं। इससे आपको पीरियड्स में तनाव नहीं होगा।
संपादन- जी एन झा
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