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यूपीएससी की परीक्षा में वैकल्पिक विषय का कैसे करें चयन, IFS अधिकारी से जानें सफलता का मंत्र

UPSC Optional Subjects IFS Officer Saurabh Kumar

UPSC की परीक्षा में सही वैकल्पिक विषय चुनना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना इसकी तैयारी करना। IFS अधिकारी सौरभ कुमार ने ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनने के लिए अहम सुझाव दिए।

सौरभ कुमार भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारी हैं। साल 2018 में आयोजित संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उन्होंने देश भर में 16वीं रैंक हासिल की थी। फिलहाल वह धारवाड़ (कर्नाटक) में सहायक वन संरक्षक (Assistant Conservator of Forest) के पद पर तैनात हैं। 

बिहार के समस्तीपुर के रहनेवाले सौरभ कुमार ने कोचीन विश्वविद्यालय से नेवल आर्किटेक्चर और शिप बिल्डिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की और साल 2016 में यूपीएससी की परीक्षा में बैठने का फैसला किया। इससे पहले उन्होंने छह साल तक भारत और विदेशों में भी काम किया था। 

साल 2010 में बीटेक पास आउट होने के बाद सौरभ ने एक ऐसी कंपनी के साथ काम किया, जो भारतीय नौसेना के लिए युद्धपोत बनाने में शामिल थी। वह कहते हैं, “मैं डिजाइन विभाग में था और वहां अपने तीन साल के कार्यकाल का आनंद लिया। इसके बाद, संयुक्त अरब अमीरात में नौकरी का अवसर मिला। मैं वहां अच्छी कमाई कर रहा था, लेकिन जब मुझे अपने देश के लिए कुछ करने की इच्छा हुई तो मैंने वापस लौटने का फैसला किया।”

सौरभ कहते हैं, “साल 2016 के बाद से, मैंने दो बार सिविल सेवा (Mains) और एक बार वन सेवा (Mains) की परीक्षा दी।” वन सेवा परीक्षा के लिए गणित और वानिकी को अपने विकल्प के रूप में चुनने के बाद, सौरभ ने तैयारी की रणनीति के बारे में द बेटर इंडिया को विस्तार से बताया।

यूपीएससी में वैकल्पिक विषय (Optional Subjects) चुनने की कला 

उम्मीदवारों के पास चुनने के लिए कुल 14 वैकल्पिक विषय होते हैं। प्रत्येक उम्मीदवार को परीक्षा के लिए दो वैकल्पिक विषय चुनने होते हैं। जबकि 11 विषय ऐसे हैं, जो सिविल सेवा परीक्षा और IFS दोनों के लिए समान हैं, तीन विषय केवल IFS परीक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। सौरभ कहते हैं, “सही वैकल्पिक विषय चुनना उतना ही महत्वपूर्ण होता है, जितना इसकी तैयारी करना। इसलिए, निर्णय लेते समय अपना पूरा समय लें।”

वह उम्मीदवारों को वैकल्पिक विषय चुनते समय इस बात का ध्यान रखने की सलाह देते हैं कि वही विषय चुनें, जिसमें आप सहज हों। सौरभ कहते हैं कि निश्चित रूप से कुछ ऐसे विषय होंगे, जिन्हें आप चुनने में सहज नहीं हैं – इसलिए उन्हें हटा दें। शेष बचे विषयों में से, प्रत्येक विषय के पाठ्यक्रम को पढ़ने में समय व्यतीत करें और उन विषयों को चुनें, जिन्हें आप लेने के लिए सबसे अधिक आश्वस्त महसूस करते हैं।

सौरभ कहते हैं, “आपने जिस विषय में स्नातक किया है, अगर वह वैकल्पिक विषयों में से एक है और अगर आप उस विषय के साथ सहज हैं, तो उसे चुनने पर विचार करें।”

वानिकी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनना क्यों है फायदेमंद?

सौरभ कहते हैं, “वानिकी को अपने वैकल्पिक विषय में से एक के रूप में चुनना कई कारणों से अच्छा है। वानिकी वैकल्पिक विषय का पाठ्यक्रम छोटा है और अगर अच्छी तरह से प्रयास किया जाए, तो यह विषय काफी अच्छे अंक दिलवा सकता है।”

सौरभ यह भी कहते हैं कि वैकल्पिक विषय के लिए वानिकी चुनना भारतीय वन सेवा में सफलता की कुंजी है। क्योंकि यह आगे आने वाले काम के लिए एक मजबूत नींव रखने में मदद करता है। उन्होंने आगे कहा, “साक्षात्कार चरण के दौरान और बाद में जब उम्मीदवार को पोस्टिंग मिलती है, तब भी यह विषय जमीनी स्तर पर काम करने में मदद करता है।”

सूचना का आदान-प्रदान और सामाजिक बनना है जरूरी 

यूपीएससी की परीक्षा के दौरान तैयारी करते समय कुछ उम्मीदवारों ने दूसरों से दूर रहना उचित समझा। वहीं, सौरभ ने अपनी तैयारी के दौरान दूसरों से बातचीत करने का एक अनूठा तरीका चुना। वह कहते हैं, “मैं अक्सर अन्य उम्मीदवारों से मिलता था और उनके साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा करता था। हर बातचीत के साथ, मैंने कुछ नया सीखा और विभिन्न विषयों पर उनकी राय को जानने की कोशिश की। दरअसल, हर कोई उपलब्ध जानकारी अलग ढंग से  प्रस्तुत करता है, इसे सीखने की जरूरत है।”

उन्होंने तैयारी के दौरान, पढ़ाई से जुड़े कम संसाधनों का उपयोग किया और यह सुनिश्चित किया कि वह परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसके बारे में उन्होंने बताया, “मैं यह भी सुनिश्चित करना चाहता था कि मैंने जो कुछ भी पढ़ा है, उसे लेकर मैं सहज हूं। सीमित संसाधनों के बावजूद मेरी तैयारी में कोई कमी नहीं है।”

यूपीएससी की परीक्षा के लिए सौरभ कुमार के टिप्स 

  • जब तक आप पढ़ाई कर रहे हों, तब तक अपने मोबाइल फोन को स्विच ऑफ रखें। अपना काम पूरा करने के बाद ही इसका उपयोग करें। 
  • परीक्षा में विभिन्न विषयों को एक समान समय दिया जा सके, इसके लिए टाइम-टेबल बनाएं। 
  • कुछ घंटे सेल्फ स्टडी को दें। कुछ प्रश्न-पत्रों को हल करें। इसके बाद, पाठ्यक्रम के किसी भी विषय पर दूसरों के साथ चर्चा करने के लिए भी समय निकाला जा सकता है। 
  • परीक्षा से जुड़े अतिरिक्त संसाधनों पर आगे बढ़ने से पहले, किसी विषय से संबंधित सभी सामग्री को पूरा पढ़ लें।
  • कोशिश करें कि पढ़ाई में थोड़ी विविधता लाई जा सके और अध्ययन के लिए ज्यादा से ज्यादा समय निकाला जा सके। उदाहरण के लिए, यदि आप प्रतिदिन छह घंटे अध्ययन कर रहे हैं, तो अध्ययन के समय को पांच घंटे मानें और दो घंटे का वक्त चर्चा के लिए निकालें।
  • यह प्रयास न केवल उम्मीदवार को एक घंटे का अतिरिक्त समय अध्ययन के लिए देता है बल्कि एक नया पहलू भी विकसित करता है।

सौरभ ने एक किताब भी लिखी है। यह किताब अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। किताब का शीर्षक है- ‘UPSC Prelims Simplified’। यह किताब यहां उपलब्ध है।

मूल लेख- विद्या राजा

संपादन- जी एन झा

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