लॉकडाउन में बरसों का बिज़नेस हुआ ठप, पर नहीं मानी हार, अब केक बेचकर कमा रहीं लाखों में

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नोएडा की श्वेता जोशी ने 2020 में लॉकडाउन के दौरान 'क्वारंटाइन बेकर्स' की शुरुआत की और आज हर महीने उन्हें 150 से ज्यादा ऑर्डर मिल रहे हैं।

कोरोना महामारी के कारण बहुत से लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा। किसी की नौकरी चली गयी, तो किसी का व्यवसाय मंदा पड़ गया लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने मुश्किल दौर में भी अपने लिए एक नया रास्ता चुन लिया और उन्हें सफलता भी मिली। 

नोएडा में रहने वाली 42 वर्षीया श्वेता जोशी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। श्वेता स्कूली बच्चों के लिए आर्ट और क्राफ्ट तैयार करती थीं, ताकि बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया जा सके। उनके बिज़नेस का नाम था- Artventure Educraft और इसके माध्यम से उन्होंने कई स्कूलों के साथ टाई-अप किया हुआ था। लेकिन कोरोना महामारी का स्कूलों पर क्या असर पड़ा है, यह हम सब जानते हैं। श्वेता की जगह कोई और होता, तो शायद हार मानकर बैठ जाता। लेकिन श्वेता ने हार नहीं मानी। उन्होंने सोचा कि अगर वह एक काम नहीं कर सकती तो क्या, दूसरा काम तो शुरू कर ही सकती हैं। 

आर्ट और क्राफ्ट का बिज़नेस जब बंद पड़ा तो उसके कुछ ही दिनों में श्वेता ने अपने घर से ही बेकिंग का काम शुरू कर दिया। पहले उन्होंने सिर्फ ड्राई केक और ब्रेड लोगों के लिए बनाए। लेकिन आज वह लगभग 40 तरह के बेकिंग उत्पाद ग्राहकों तक पहुंचा रही हैं, जिनमें से केक उनका ‘बेस्ट सेलिंग’ प्रोडक्ट है। उन्होंने अपना यह स्टार्टअप लॉकडाउन के दौरान शुरू किया और इसलिए उनके बेटे ने इसे नाम दिया- Quarantine Bakers!

Shweta Joshi with bakery products
Shweta Joshi

लॉकडाउन में शुरू हुआ बेकिंग का सफर 

शिमला में पली-बढ़ी श्वेता जोशी शादी के बाद दिल्ली- एनसीआर आई तो उन्होंने दो-तीन साल तक बैंकिंग सेक्टर में काम किया। लेकिन अपने बेटे के जन्म के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। “मैं अपने बेटे को ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहती थी। क्योंकि वह बहुत छोटा था,” उन्होंने कहा। जब उनका बेटा बड़ा होने लगा तो उसे पढ़ाने के लिए श्वेता अलग-अलग तरह के आर्ट और क्राफ्ट बनाने लगी। उनका मानना है कि बच्चों को किताबों और स्क्रीन से हटकर भी ज्ञान दिया जा सकता है। 

धीरे-धीरे श्वेता से उनकी दोस्त और उनके बेटे के दोस्तों के माता-पिता भी संपर्क करने लगे। वे चाहते थे कि श्वेता उनके बच्चों के लिए भी इस तरह के लर्निंग क्राफ्ट बनाएं। वहीं से उन्होंने इस काम को बिज़नेस बना लिया। 2014 से लेकर कोरोना महामारी के पहले तक, उनका बिज़नेस काफी अच्छा चल रहा था। लेकिन लॉकडाउन के दौरान उनका यह काम बंद हो गया। “मैंने एक-दो बार ऑनलाइन कोशिश की। लेकिन फिर लगा कि मैंने यह काम शुरू किया ताकि बच्चों किताबों और स्क्रीन की दुनिया से निकलकर कुछ सीखें। अब उन्हें स्क्रीन के सामने बैठकर भी यही काम करवाना पड़े तो क्या फायदा,” उन्होंने कहा। 

इसी बीच श्वेता की शादी की सालगिरह का मौका आया। श्वेता कहतीं हैं, “उस समय लॉकडाउन था और इसलिए ज्यादा किसी को नहीं बुला सकते थे। बाहर जाकर भी हम मना नहीं सकते थे। इसलिए मैंने घर पर ही बेकिंग करके केक और ब्रेड तैयार किया। खाने पर हमने सिर्फ अपने एक करीबी दोस्त के परिवार को बुलाया। उन्हें केक बहुत पसंद आया और उन्होंने कहा कि आप इसका बिजनेस शुरू करो। पहले तो मैंने इसे मजाक में लिया। लेकिन फिर लगा कि एक बार ट्राई करने में क्या बुरा है।” 

Cupcakes on order
Shweta Making more than 40 types of bakery products

2020 में मई के महीने से उन्होंने घर से अपना बेकिंग का बिज़नेस शुरू किया। जो आज सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। 

व्हाट्सएप के माध्यम से जुड़े ग्राहक 

श्वेता ने बताया कि उन्होंने व्हाट्सएप पर अपनी सोसाइटी और आसपास के लोगों का ग्रुप बनाया। ग्रुप में उन्होंने अपने वेंचर के बारे में पोस्ट किया और अपने बनाए कुछ उत्पादों की तस्वीरें डाली। व्हाट्सएप के माध्यम से ही उन्हें नियमित ऑर्डर मिलने लगे। जो एक बार उनका बनाया केक, कूकीज या ब्रेड खाता है, वह दोबारा उनसे जरूर ऑर्डर करता है। उन्होंने कहा, “शुरुआत में मैंने सभी काम घर में पहले से उपलब्ध सामग्री और उपकरणों से किया। लेकिन जैसे-जैसे काम बढ़ने लगा, मैंने कुछ बड़े उपकरण भी खरीदे। पिछले कुछ महीनों से मैंने एक हेल्पर को भी रखा है।” 

फ़िलहाल, उन्हें हर रोज कम से कम छह ऑर्डर मिलते हैं। पहले उन्हें छोटे केक के ऑर्डर आते थे जैसे आधा किलो। लेकिन अब लोग बड़े आयोजनों के लिए भी उनसे केक ऑर्डर करते हैं जैसे चार-पांच किलो का केक। इसके अलावा, उनके कस्टमाइज्ड केक भी मशहूर हैं। बहुत से ग्राहक उन्हें केक के लिए थीम बता देते हैं और उसी के हिसाब से वह केक तैयार करती हैं। 

उनकी एक ग्राहक दीपिका बताती हैं कि उन्होंने अपने बेटे के जन्मदिन के लिए उनसे केक बनवाया था, जो उनके बेटे की आदतों को दर्शाए। जैसे वह हमेशा बेड पर होता है, उसे गिटार और पिज़्ज़ा पसंद है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर श्वेता ने इतना खूबसूरत केक बनाया कि उस बच्चे की दादी-नानी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि ऐसा केक भी बन सकता है। 

Customized Cakes from Quarantine Bakers
Customized Cakes for Clients

श्वेता कहती हैं कि उनकी प्राथमिकता अपने ग्राहकों को अच्छी से अच्छी गुणवत्ता के प्रोडक्ट पहुंचाना होता है। इसके लिए कई बार उन्होंने ज्यादा मेहनत भी की है। “मुझे एक ऑर्डर मिला था कि जन्मदिन के लिए केक चाहिए। लेकिन जब मैंने केक भेजा तो रास्ते में डिलीवरी के दौरान कुछ कारणवश केक खराब हो गया। मुझे जब ग्राहक ने फ़ोन करके बताया तो मैंने उन्हें टालने की बजाय उनसे कहा कि आप दो घंटे में मुझसे दूसरा केक ले जाना,” उन्होंने कहा। 

श्वेता ने उनके लिए दूसरा केक तैयार करके रात 12 बजे से पहले उन्हें दिया। वह कहती हैं कि आपका हर एक ग्राहक आपके लिए ख़ास होना चाहिए तभी आपका बिज़नेस आगे बढ़ेगा। साथ ही, हुनर के साथ-साथ आपको बहुत मेहनत भी करनी होती है। श्वेता हर रोज 12 से 14 घंटे अपने बिज़नेस के लिए काम करती हैं। इसलिए आज अपने इस ‘वर्क फ्रॉम होम बिज़नेस’ से वह महीने में एक लाख रुपए तक की कमाई कर पा रही हैं। 

अंत में वह सबसे बस यही कहती हैं कि अगर एक रास्ता बंद हो जाये तो निराश होने की बजाय हमें दूसरे रास्ते तलाशने चाहिए। अगर आप लगातार आगे बढ़ते रहेंगे और मेहनत करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी। इसलिए अगर आपके हाथ में हुनर है और कुछ करने का जज़्बा भी तो बिना कुछ सोचे आप भी अपना काम शुरू कर सकते हैं। 

अगर आप दिल्ली में या आसपास के इलाकों में रहते हैं तो श्वेता के केक, कूकीज और ब्रेड आदि ऑर्डर करने के लिए यहां क्लिक करें। 

संपादन- जी एन झा

तस्वीर साभार: श्वेता जोशी

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