पुणे में रहने वाली 40 वर्षीया भक्ति लगड मेडिकल योग थेरेपिस्ट हैं। पिछले दो दशकों से वह लोगों को योग की ट्रेनिंग दे रहीं हैं। आज भले ही लोग उन्हें योग थेरेपिस्ट के तौर पर जानते हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वह खुद वजन बढ़ने को लेकर परेशान रहतीं थीं। लेकिन घर-परिवार की जिम्मेदारियों को संभालते हुए, उन्होंने न सिर्फ अपना वजन घटाया, बल्कि खुद को पहले से ज्यादा स्वस्थ भी बनाया है।
भक्ति ने बताया कि साल 2010 में उनका साइज XXL हो गया था, लेकिन आज उन्हें XS साइज के कपड़े अच्छे से फिट होते हैं। द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “पहले मेरा वजन काफी ज्यादा था और साथ ही, कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी। लेकिन मैंने धीरे-धीरे अपनी जीवनशैली पर काम किया और आज न सिर्फ खुद स्वस्थ जिंदगी जी रही हूं, बल्कि दूसरों का भी मार्गदर्शन कर रही हूं। अपने सफर में मैंने सिर्फ एक ही सिद्धांत अपनाया- धैर्य और संयम।”
भक्ति बताती हैं कि वह पिछले कई सालों से योग कर रही हैं। उनका वजन हमेशा नियंत्रित रहा। “लेकिन 2007 में मेरी पहली प्रेगनेंसी में कुछ समस्याएं हुई। जिस कारण न सिर्फ मेरा रूटीन बिगड़ा, बल्कि शरीर पर भी काफी नकारात्मक असर पड़ा। फिर 2009 में दूसरी प्रेगनेंसी के बाद डॉक्टर ने एकदम ही आराम करने की सलाह दी और मैंने लगभग एक साल तक ज्यादा कोई एक्सरसाइज नहीं की। उस समय मेरा वजन 86 किलो था,” उन्होंने बताया।
भक्ति ने निरंतर प्रयास से अपना 30 किलो से ज्यादा वजन घटाया और अब पिछले इतने सालों से खुद को एकदम मेंटेन रखा हुआ है।
वजन घटाने के लिए नहीं की कोई जल्दबाजी
साल 2011 में भक्ति ने अपना सफर शुरू किया। उनका कहना है कि वजन घटाने से भी पहले उनका फोकस एक स्वस्थ जिंदगी जीने पर था। उन्होंने सबसे पहले अपने रूटीन को सही किया। वह कहती हैं, “वर्कआउट की बात करें तो मैंने कभी कोई जिम ज्वाइन नहीं की। मैं हमेशा से ही योग करती रही हूं। आज भी मैं नियम से हर दिन योगाभ्यास करती हूं। सबसे पहले तो हर किसी को यह समझ में आना चाहिए कि उनके शरीर के हिसाब से कौन-सा योगासन सही रहेगा ताकि उन्हें बाद में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो।”
योग के साथ-साथ उन्होंने, अपने खान-पान (weight loss diet) पर ध्यान दिया। अपने खाने को ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक बनाया, क्योंकि भक्ति का मानना है कि ‘आप जैसा खाते हैं, वैसे ही होते हैं।’ इसलिए आप दिन में कब-क्या और कितनी मात्रा में खा रहे हैं, इस पर पूरा ध्यान दें। कोशिश करें कि आप प्राकृतिक चीजें अपनी डाइट में शामिल करें और रसायन युक्त खाद्य चीजों से बचें। उन्होंने कहा, “मैंने कभी कोई सप्लीमेंट नहीं लिया और न ही मैं कभी भी किसी को सप्लीमेंट लेने की सलाह देती है। इनकी जगह आप अपनी जरूरत के हिसाब से प्राकृतिक चीजें खा-पी सकते हैं।”
साथ ही, उन्होंने कभी भी वजन कम करने के लिए कोई जल्दबाजी नहीं की। भक्ति कहती हैं, “अक्सर लोग वजन घटाने के लिए उतावले हो जाते हैं और अपनी सीमा से बाहर जाकर वर्कआउट और डाइट करने लगते हैं। लेकिन यह गलत है। आपको अपने शरीर से उतना ही काम लेना चाहिए, जितनी इसकी क्षमता है। क्योंकि अगर आप क्षमता से बाहर जाकर कुछ करेंगे, तो इससे न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ेगा।”
कैसा है रूटीन
अपने रूटीन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं ऐसा कुछ नहीं करना चाहती थी, जिससे सिर्फ कुछ दिनों के लिए फायदा मिले। मुझे अपना ऐसा रूटीन बनाना था, जो लम्बे समय तक चले और मैं खुद को स्वस्थ और वजन को नियंत्रण में रख सकूं। इसलिए मैंने अपने काम के हिसाब से अपना रूटीन तय किया और अब पिछले कई सालों से इसी रूटीन को फॉलो कर रही हूं। हर रोज सुबह उठकर मैं गुड़ का एक टुकड़ा खाती हूं और हल्का गर्म पानी पीती हूं।”
गुड़ और गर्म पानी लेने के बाद भक्ति योगाभ्यास करती हैं। योग के बाद वह सफेद पेठे या फिर लौकी का जूस या नारियल पानी पीती हैं। खाना वह हमेशा सुबह साढ़े दस-ग्यारह बजे तक खा लेती हैं। जिसमें वह ज्वार के आटे की भाकरी, हरी सब्जी, दाल, पापड़ और अचार आदि लेती हैं (dal chawal diet)। इसके बाद, वह अपने रोजमर्रा के काम करती हैं। बीच में अगर भूख लगती है, तो वह हमेशा ताजे फल खाती हैं। डिनर के लिए वह रात का इंतजार नहीं करतीं हैं। बल्कि शाम को पांच-साढ़े पांच बजे वह दाल-चावल खाती हैं।
“मैं कभी भी मिक्स दाल नहीं बनाती हूं। एक समय पर एक ही तरह की दाल लेती हूं। क्योंकि सभी दालों का पोषण अलग-अलग रहता है। डिनर जल्दी करने से इसे पचने का अच्छा समय मिलता है,” उन्होंने कहा।
भक्ति को अपना वजन घटाने में लगभग एक साल का समय लगा और इसके बाद, उन्होंने पिछले आठ-नौ सालों से खुद का वजन मेन्टेन किया है। आज न तो उनका वजन ज्यादा है और न ही किसी गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से वह ग्रस्त हैं।
दूसरों के लिए सलाह
भक्ति कहती हैं कि अक्सर लोग दूसरों से पूछकर उनका रूटीन कॉपी करने लगते हैं, जो बिल्कुल गलत है। क्योंकि लोगों को अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वर्कआउट और डाइट तय करनी चाहिए। इसलिए वह सलाह देती हैं:
- जल्दबाजी करने की बजाय सबसे पहले अपनी जीवनशैली को समझिए कि आपकी कौनसी आदत आपके लिए गलत है।
- अपने सोने-जागने और खाने-पीने के रूटीन पर ध्यान दें। जैसे अगर आप बहुत देर रात में सोते हैं, तो कोशिश करें जल्दी सोने की और सुबह जल्दी उठने की।
- अगर आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है, तो आप सबसे पहले डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह-मशविरा करें और फिर कोई वर्कआउट या डाइटिंग शुरू करें।
- हमेशा ताजा और रसायनमुक्त खाने की कोशिश करें। रात में जल्दी खाने की कोशिश करें।
- वर्कआउट जितना हो सके, सुबह के समय करने की कोशिश करें। अगर शाम में कर रहे हैं तो सात बजे से पहले कर लें।
- उतनी ही एक्सरसाइज करें, जितना आपका शरीर कर सकता है।
और अंत में वह सिर्फ यही कहती हैं कि दूसरों की बातों पर जाने की बजाय, सबसे पहले आप खुद को समझने की कोशिश करें। आपका उद्देश्य एक स्वस्थ्य जिंदगी होना चाहिए, न कि सिर्फ अच्छा दिखने के लिए आप अपने शरीर को जबरदस्ती कष्ट दें। हमेशा खुद को हौसला देते रहें और संयम रखें।
अगर आप भक्ति से संपर्क करना चाहते हैं तो उन्हें bhakti.lagad@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं।
संपादन- जी एन झा
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