Placeholder canvas

अब यौन अपराध करने वालों की लिस्ट होगी जारी; नाम, पता, आधार सहित सभी जानकारी होगी सार्वजनिक!

भारत में बच्चों की जनसँख्या पुरे विश्व की आबादी का पांचवा हिस्सा है और हमारे यहां सबसे ज्यादा यौन शोषण के मुकदमे दर्ज हैं। भारत सरकार इस समस्या से लड़ने के लिए यौन अपराधियों की एक रजिस्ट्री जारी कर रही है जिसमें सभी अपराधियों के नाम, फोटो, आवासीय पता, फिंगरप्रिंट, डीएनए सैंपल, पैन और आधार नंबर शामिल होगा।

भारत में बच्चों की जनसँख्या पुरे विश्व की आबादी का पांचवा हिस्सा है और बदकिस्मती से हमारे यहां सबसे ज्यादा यौन शोषण के मुकदमे दर्ज हैं। दिसंबर 2017 में जारी किये गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हर 15 मिनट में एक बच्चे का यौन शोषण होता है!

पहली बार, भारत सरकार इस समस्या से लड़ने के लिए यौन अपराधियों की एक रजिस्ट्री जारी कर रही है। इस रजिस्ट्री में यौन शोषण करने वाले सभी अपराधियों के नाम, फोटो, आवासीय पता, फिंगरप्रिंट, डीएनए सैंपल, पैन और आधार नंबर शामिल होंगे।

द इंडियन एक्सप्रेस में एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें लगभग 4.5 लाख अपराधियों का डेटाबेस शामिल होगा, इसमें पहली बार अपराध करने वाले और दोबारा अपराध को दोहराने वालों की जानकारी दी जाएगी। इस डेटाबेस को भारत के सभी जेलों से मिली जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। अपराधी को उसके आपराधिक इतिहास के आधार पर अलग-अलग वर्गों में बांटा जायेगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह हमारे ‘समाज के लिए बड़ा खतरा’ तो नहीं है।

एक आधिकारिक सूत्र ने बैंगलोर मिरर से कहा, “यौन अपराधियों की रजिस्ट्री बनाये रखने के लिए नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो मुख्य एजेंसी होगी। इससे पुलिस को ऐसे अपराधियों के बारे में जानकारी मिलना आसान रहेगा जो बार-बार अपने अपराध को दोहराते हैं और साथ ही लोग भी ऐसे अपराधियों के प्रति सचेत व जागरूक होंगे।”

प्रतीकात्मक तस्वीर

अतीत में ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जहां दोषी यौन अपराधियों ने अपराध को कई बार दोहराया है क्योंकि उनके अपराधों का रिकॉर्ड रखने के लिए कोई केंद्रीय रजिस्ट्री नहीं थी।

दिल्ली के दर्जी सुनील रास्तोगी का मामला इसका एक सटीक उदाहरण है। एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के लिए पहले ही सजा मिलने के बावजूद सुनील पर 100 से ज्यादा नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने का आरोप था। ऐसे मामलों में एक रजिस्ट्री ही बचाव का काम कर सकती है।

इस रजिस्ट्री के कार्यान्वयन के साथ, भारत ऐसा करने वाला दुनिया का नौवां देश बन गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, यौन अपराधी रजिस्ट्री आम जनता के लिए भी उपलब्ध है, जबकि भारत में, और यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे अन्य देशों में, रजिस्ट्री केवल कानून और व्यवस्था से सम्बन्धित विभागों के लिए उपलब्ध होगी।

हालांकि, बहुत से लोग प्राइवेसी का सवाल उठाकर इस रजिस्ट्री के खिलाफ हैं। लेकिन बहुत से लोगों का मनना है कि यह रजिस्ट्री पुलिस को अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने में भी मददगार होगी। बेशक, यह कदम बिल्कुल सही दिशा में उठाया गया है!

मूल लेख: विद्या राजा

कवर फोटो


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

X