राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव सावनिया से ताल्लुक रखने वाले 45 वर्षीय किसान मणिलाल राणा ने अपने गांव में 35 दिनों के अंदर लगभग 780 शौचालय बनवाये हैं। जिसके चलते मणिलाल स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अपने गांव के स्वच्छगृही बन गए हैं।
उन्होंने अपने गांव से बाहर कई माहनगरों जैसे कि अहमदाबाद, मुंम्बई आदि की एक ट्रिप की थी। यहां उन्होंने देखा कि हर एक घर में शौचालय है और यहां शौचालय को कितना महत्व दिया जाता है। बस फिर उन्होंने भी ठान लिया कि वे भी अपने गांव को खुला- शौच मुक्त गांव बनायेंगें।
मणिलाल ने बताया, “जब हमने गांव में अभियान शुरू किया तो पता चला कि गांव में 280 शौचालय हैं लेकिन और 700 शौचालयों की जरूरत हैं।”
मणिलाल ने अपने अभियान से सबसे पहले युवाओं को जोड़ा क्योंकि उन्हें इसके बारे में समझाना और जागरूक करना थोड़ा आसान था। लेकिन गांव के बड़े-बुजुर्गों और अन्य लोगों को समझाकर मनाने में उन्हें वक़्त लगा। पर फिर भी गांव के युवाओं और यहां के जिला अधिकारी के साथ से मणिलाल अपने अभियान में कामयाब रहे।
It was not easy for Manilal Rana of the Banswada district, #Rajasthan to drive behaviour change across communities. Using innovative techniques to make people realise the importance of #Swachhata did the trick. We salute him for his dedicated service. #SBM pic.twitter.com/UFT5wEr7Cd
— Swachh Bharat (@swachhbharat) September 7, 2018
उन्होंने गांववालों को समझाया कि खुले में शौच करना और गांव में बीमारियां फैलना, इन दो बातों का आपस में संबंध है। मणिलाल और युवाओं ने संबंधित उदाहरणों का सहारा लिया जैसे खुले में शौच जाने से कैसे मक्खियां पैदा होती हैं और फिर वही मक्खियां हमारे खाने और पेय जल को दूषित करती हैं।
धीरे-धीरे बात गांववालों की समझ में आने लगी। उन्होंने बताया, “फिर हर सुबह गांव के सरपंच और निगरानी समिति के सदस्य एक पुजारी के साथ हर घर का दौरा करते और शौचालय के लिए जगह को चिह्नित कर देते।”
चीज़ें तेजी से बदलने लगी, जब हर एक परिवार घर में शौचालय बनवाने के लिए तैयार हो गया। 35 दिनों में गांव सावनिया ने 780 शौचालयों का निर्माण किया और खुला शौच मुक्त (ओडीएफ) गांव होने का ख़िताब पाया। आज गांव में निगरानी समितियां हैं जो यह ख्याल रखती हैं कि खुला शौच मुक्त होने का गांव का यह सम्मान बरकरार रहे।
मणिलाल को अपने काम के लिए प्रधानमंत्री द्वारा भी सम्मानित किया गया है।
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।
We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons: