80% भारतीयों में है विटामिन D की कमी, प्रभावित होती है इम्यूनिटी, सूर्य का प्रकाश है जरूरी

Vitamin D And Immunity

भारत में, लगभग सभी स्कूली बच्चों, 74% गर्भवती महिलाओं और 67% तक शिशुओं में विटामिन डी की कमी है। हम में से अधिकांश लोग घर के अंदर ही काम कर हैं, जिससे हमारे शरीर को उचित मात्र में यूवीबी किरणें नहीं मिल पाती।

इस लेख के प्रायोजक ‘DSM India’ हैं।

धीरे-धीरे गर्मी बढ़ रही है। कड़ी धूप तथा भीषण गर्मी से बचने के लिए, हममे से कई लोग सनस्क्रीन का सहारा लेने की सोच रहे होंगे। मेलानोमा होने के डर से हम शायद घर से बाहर निकलने से भी बचें। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि सूरज से दूर जाने का मतलब, अपने आप को एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व, विटामिन डी (Vitamin D And Immunity) से वंचित करना है।

जर्नल ऑफ फैमिली मेडिसिन ऐंड प्राइमरी केयर के एक अध्ययन के अनुसार, 80 प्रतिशत भारतीयों में विटामिन डी की कमी है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि विभिन्न उपसमूहों के बीच, विटामिन डी की कमी का प्रसार अलग तरह से होता है। भारत में, लगभग सभी स्कूली बच्चों, 74 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं और 67 प्रतिशत तक शिशुओं में विटामिन डी की कमी है।

विटामिन डी, को ‘सनशाइन विटामिन’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रोहॉर्मोन है, जो शरीर द्वारा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर उत्पन्न होता है। लंबे समय से ऐसा माना जाता रहा है कि यह हड्डियों तथा मांसपेशियों को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है।

लेकिन हाल ही में, शोधकर्ताओं ने शोध कर यह जाना है कि विटामिन डी की भूमिका, इससे कहीं ज़्यादा है। ऐसा बताया जा रहा है कि विटामिन डी हृदय के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह मांसपेशियों को ठीक रखने के अलावा, कई प्रकार के कैंसर और मधुमेह के जोखिम को कम करता है और इम्यूनिटी को बनाए रखता है। विटामिन डी, मौसमी फ्लू जैसे संक्रमण के खिलाफ, हमारे शरीर की रक्षा करने में मदद करता है और श्वास संबंधी संक्रमण के जोखिम को कम करता है। दूसरी ओर, विटामिन डी की कमी का असर हमारे स्वास्थ्य पर कई तरह से पड़ता है, जिसमें फ्रैक्चर का खतरा भी शामिल है।

बेहतर स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी का स्तर बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। विटामिन डी का आदर्श स्रोत सूरज की रोशनी है, जिसमें यूवीबी (पराबैंगनी बी) किरणें होती हैं। यह किरणें हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होती है। लेकिन, हम में से अधिकांश लोग घर के अंदर ही काम कर हैं, जिससे हमारे शरीर को उचित मात्र में यूवीबी किरणें नहीं मिल पाती।

हम अपने आहार के माध्यम से भी विडामिन डी प्राप्त कर सकते है। विटामिन डी मछली, मशरूम और अंडे की जर्दी के साथ-साथ गाय के दूध, दही और संतरे के रस में पाया जाता है। एक स्वस्थ जीवन शैली और विटामिन डी युक्त संतुलित आहार, अधिक प्रभावी तरीके से विटामिन डी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। यह हमारी इम्यून सिस्टम को बेहतर और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस संबंध में चर्चा करने और विटामिन डी की कमी ( जिससे 80 प्रतिशत भारतीय प्रभावित हैं ) को बताने के लिए डीएसएम इंडिया ने एक सीएसआर अभियान ‘Boost your ImmuiD’ शुरू किया है। यह अभियान विटामिन डी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इम्यूनिटी विकसित करने के महत्व पर केंद्रित है ताकि लोग अपने स्वास्थ्य की कमियों पर काम कर सकें।

यह विटामिन क्यों जरूरी है, इस बारे में अधिक जानने के लिए यह वीडियो देखें।

संपादन – प्रीति महावर

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