पब्लिक प्रोविडेंट फंड/PPF यानी कि लोक भविष्य निधि की शुरुआत छोटी बचत और निवेश को बढ़ावा देने के विचार से हुई थी। इसके ज़रिए लोग आने वाले कल के लिए कुछ राशि जमा कर सकते हैं ताकि ज़रूरत पड़ने पर यह काम आ सके। इस की शुरुआत 1968 में निवेश विकल्प के रूप में की गई थी, जो धारा 80C के तहत अच्छा रिटर्न और कुछ आयकर लाभ प्रदान करता है।
सबसे अच्छी बात यह है कि अब इसी PPF अकाउंट के माध्यम से माता-पिता अब अपने बच्चे की शिक्षा के लिए भी बचत शुरू कर सकते हैं, उनका अपना PPF अकाउंट खोलकर। जी हाँ, मौजूदा पीपीएफ नियम से आप नाबालिग के नाम पर पीपीएफ खाता खोल सकते हैं। हालांकि, नाबालिगों के लिए यह खाता उनके अभिभवकों द्वारा खोला और संचालित किया जाता है, तब तक की वह बच्चा 18 वर्ष का न हो जाए।
आप अपने 18 साल की उम्र से कम बच्चों का PPF खाता डाकघर/पोस्ट ऑफिस या फिर किसी ऐसे बैंक में खुलवा सकते हैं, जहाँ यह सुविधा उपलब्ध है। एक बच्चे के लिए कोई एक ही अभिभावक, माता या पिता PPF अकाउंट खोल सकता है। माता और पिता दोनों एक ही नाबालिग की ओर से खाता नहीं खोल सकते हैं।
ध्यान देने योग्य ज़रूरी बातें:
- किसी भी बच्चे के प्राकृतिक या क़ानूनी रूप से माता-पिता में कोई एक ही उसके नाम पर PPF अकाउंट खोल सकता है।
- एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम योगदान 500 रुपये है जबकि अधिकतम योगदान 1.5 लाख रुपये है।
- PPF अकाउंट खोलते समय एक से ज़्यादा नॉमिनी बनाये जा सकते हैं।
ज़रूरी दस्तावेज:
- खाता खोलने के लिए अभिभावक को अपनी और बच्चे की सभी जानकारी फॉर्म में भरकर देनी होंगी।
- अभिभावक के KYC दस्तावेज, फोटो सहित
- नाबालिग बच्चे का आयु प्रमाण (आधार कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र)
- PPF अकाउंट में प्रारंभिक योगदान के लिए 500 रुपये या अधिक का चेक।
नाबालिग बच्चे का खाता खुलने के बाद अभिभावक को इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है, लेकिन आपके और नाबालिग के अकाउंट, दोनों को मिलाकर सिर्फ डेढ़ लाख रुपये पर ही छूट मिलेगी। बाकी नाबालिग के खाते में राशि पर जो ब्याज मिलेगा वह टैक्स-फ्री होगा। इसके साथ ही, एक और बात ध्यान में रखने वाली यह है कि अगर कोई अभिभावक एक वित्तीय वर्ष में बच्चे के अकाउंट में डेढ़ लाख रूपये से ज़्यादा राशि डालते हैं तो उस एक्स्ट्रा राशि पर उन्हें कोई ब्याज या फिर इनकम टैक्स में छूट नहीं मिलगी।
यदि कभी कोई अभिभावक अपने बच्चे के PPF अकाउंट से पैसे निकालना चाहे या फिर इस को बंद करना चाहे तो वह करवा सकता है। लेकिन इसके लिए उन्हें कोई ठोस वजह के प्रमाण देने होंगे जैसे कि उस बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए पैसे चाहिए। या फिर खाताधारक को किसी चिकित्सा के लिए पैसे चाहिए आदि। लेकिन इसके लिए उन्हें संबंधित जगहों से प्रमाण पत्र देने होंगे।
बच्चे के 18 साल के होने के बाद, उसके नाम पर इस अकाउंट को ट्रांसफर किया जा सकता है और वह ही अकाउंट का संचालन कर सकता है। नाबालिग के लिए PPF अकाउंट खोलकर अभिभावक कम उम्र से ही उसकी शिक्षा के लिए बचत कर सकते हैं और इससे उन्हें भी इनकम टैक्स में लाभ होगा।
आजकल ज़्यादातर बैंको में यह सुविधा उपलब्ध है जैसे स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, पंजाब नैशनल बैंक, HDFC बैंक आदि। इन सभी बैंकों या फिर पोस्ट ऑफिस की किसी भी पास की ब्रांच में जाकर आप इस बारे में जानकारी लेकर प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। अन्यथा ज़्यादातर बैंक आजकल ऑनलाइन भी PPF अकाउंट खोलने की सुविधा दे रहे हैं। आपको बस अपने बैंक की इंटरनेट बैंकिंग एप्लीकेशन या वेबसाइट के ज़रिये भी अप्लाई कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: Free Online Course: 10वीं पास छात्र कर सकते हैं ये 5 ऑनलाइन कोर्स
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।
We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons: