केरल के कोट्टयम जिला के एन. एस राजप्पन पिछले 5 सालों से वेम्बनाड झील से प्लास्टिक कचरे को साफ़ कर रहे हैं। 69 साल की उम्र में जब ज़्यादातर लोग घर में आराम करते हैं, उस उम्र में राजप्पन ने यह बड़ा बीड़ा उठाया है। दिल छूने वाली बात यह है कि राजप्पन जब 5 साल के थे तब उन्हें पोलियो हो गया था। उनके घुटने से नीचे का हिस्सा पैरेलाइज्ड है, जिसके चलते वह चल नहीं पाते।
राजप्पन अपने हाथों के सहारे आगे बढ़ते हैं और एक नाव पर बैठकर झील से प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करते हैं। राजप्पन के मुताबिक वह उस झील को मरते हुए नहीं देख सकते, जिसे देखते हुए बड़े हुए हैं। वह कहते हैं, “चल नहीं सकता इसलिए दूसरी कोई नौकरी मिलना मुश्किल है। यहां पर एक किलो प्लास्टिक साफ करने के एवज में 12 रूपये मिलते हैं।”
हालाँकि, इससे उनका गुज़ारा होना मुश्किल है लेकिन कम से कम इसके चलते वह झील को तो साफ़ कर पा रहे हैं। राजप्पन प्लास्टिक जमा करने के लिए एक छोटी-सी नाव किराये पर लेते हैं और एक चप्पू की मदद से उसे चलाते हैं। झील में फेंके हुए प्लास्टिक के कचरे को वह हर दिन इकट्ठा करते हैं।
राजप्पन एक छोटे से घर में रहते हैं और वहीं पास में उनकी बहन का घर है। उनकी बहन उन्हें खाना बनाकर देकर जाती है। उनकी बहन का कहना है कि खाने के अलावा वह किसी भी चीज़ के लिए उन पर निर्भर नहीं हैं। वह अपने सभी काम खुद करते हैं और खुद ही अपनी आजीविका कमाते हैं।
साल 2018 में आई बाढ़ में राजप्पन का घर पूरी तरह से तबाह हो गया था। लेकिन तब भी उन्होंने किसी से मदद नहीं मांगी। कई हफ्ते तक वह नाव में ही रहे। उनके घर की छत थोड़ी ठीक हो गयी है लेकिन बाकी घर की हालत बिल्कुल खराब है। पिछले कुछ महीनों ने राजप्पन ने देखा कि झील में प्लास्टिक कचरा कम हुआ है। इस वजह से उनकी कमाई पर असर पड़ेगा लेकिन वह कहते हैं, “भले ही इस वजह से मैं पैसे न काम पाऊं लेकिन मुझे ख़ुशी होगी क्योंकि झील साफ़ है।”
एक फोटोग्राफर की वजह से राजप्पन के बारे में पता चला। दरअसल, कोट्टयम में रहने वाले नंदू केएस अपने पोर्टफोलियो के लिए झील की फोटोग्राफी करने गए थे। वहीं पर उनकी मुलाक़ात राजप्पन से हुई और उन्हें उनकी कहानी के बारे में पता चला।
नंदू, अबू धाबी में रहते हैं और केरल एक फोटोग्राफी कोर्स के लिए आए हुए हैं। वह कहते हैं कि उन्होंने राजप्पन को नाव में प्लास्टिक इकट्ठा करते हुए देखा तो उन्होंने उन्हें पीछे से आवाज़ दी। जैसे ही राजप्पन पलटे, नन्दू ने तस्वीर क्लिक कर ली और इसके बाद उनसे बातचीत की। उन्होंने राजप्पन की तस्वीर को अपने फेसबुक अकाउंट से पोस्ट किया और यह तुरंत वायरल हो गया।
नंदू ने उनकी कहानी को एक वीडियो के माध्यम से सबके सामने रखा और देखते ही देखते राजप्पन की कहानी इंटरनेट पर छा गई। लोग उन्हें ‘रियल लाइफ हीरो’ के नाम से बुलाने लगे।
अभिनेता रणदीप हुड्डा ने भी उनकी कहानी के बारे में ट्वीट किया और लिखा, “कोई देश के प्रति अपना प्यार कैसे दिखा सकता है? शायद इस तरह से। प्यार अक्सर काम में झलकता है, केवल शब्दों और सोशल मीडिया पर नहीं। राजप्पन जी को सलाम है। देशभक्ति का असली चेहरा।”
How does one show love for ones country? Maybe this is how .. love made visible in action, not only in words or social media .. salute to Rajappan ji the, face of real patriotism #JaiHind 🙏🏽 @AfrozShah1 https://t.co/kbi5KHvThB
— Randeep Hooda (@RandeepHooda) July 15, 2020
बेशक, राजप्पन की सोच और प्रयास काबिल-ए-तारीफ़ है। हम देशवासियों का फर्ज़ है कि हम उनकी मदद करें। अगर आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है और आप राजप्पन की मदद करना चाहते हैं तो सीधा उनके अकाउंट में डोनेट कर सकते हैं: Rajappan.N.S
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तस्वीर साभार: नंदू के. एस.
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