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सचिन तेंदुलकर के जीवन से जुड़ी कुछ अनकही कहानियाँ!

यहां सचिन तेंदुलकर के बारे में छह छोटी-छोटी कहानियां और उपाख्यानों की एक लिस्ट है, जो कि फिल्म में हो सकते हैं। इनमें से सचिन की किस कहानी को आप स्क्रीन पर देखने के लिए उत्साहित होंगे?

क्रिकेट पिच पर 24 साल के शानदार प्रदर्शन के बाद महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने चार साल पहले संन्यास ले कर अपनी शानदार पारी का अंत किया। जब जुहू ऑडिटोरियम में उनकी बायोपिक- सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स का ट्रेलर लांच किया गया तब उनके प्रशंसकों में उनकी जिंदगी की झलक पाने के लिए गजब का उत्साह देखा गया।

फिल्म के निर्माता-निर्देशक जेम्स अर्नकीन हैं जो कि एमी अवार्ड्स के लिए नोमिनेट हो चुके हैं और संगीत दिया है मशहूर संगीतकार ए.आर. रहमान ने।  यह बहुप्रतीक्षित फ़िल्म एक जीविकात्मक ड्रामा है जिसमें मूल फुटेज शामिल है और मास्टर ब्लास्टर और उनकी पत्नी अंजलि का भी अंश है। यह फिल्म पांच भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल और तेलुगू) में रिलीज हुई, जो सचिन के एक आम आदमी से महान क्रिकेटर बनने के सफ़र को दर्शाती है।

यहां सचिन तेंदुलकर के बारे में छह छोटी-छोटी कहानियां और उपाख्यानों की एक लिस्ट है, जो कि फिल्म में हो सकते हैं। इनमें से सचिन की किस कहानी को आप स्क्रीन पर देखने के लिए उत्साहित होंगे?

1. उनके लिए ये सिक्के हैं गोल्ड मेडल से भी ज्यादा कीमती!

सचिन अपने पहले कोच रमाकांत आचरेकर के साथ

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सचिन को यादें सहेजने का काफी शौक है। उनके पास सर डॉन ब्रैडमैन के सिग्नेचर वाला एक बैट है और मोहम्मद अली के सिग्नेचर वाले बॉक्सिंग ग्लव्स भी हैं। लेकिन जब उनसे पुछा गया कि इन सब में से कौन सी चीज़ उनके लिए सबसे अधिक प्रिय है तो उनका जवाब था सिक्के, वो सिक्के जो बचपन में उनके कोच रमाकांत अचरेकर ने शिवाजी पार्क के जिमखाना मैदान में ट्रेनिंग के दौरान दिए थे।

उन दिनों अचरेकर 1 रूपए का सिक्का स्टंप पर रख दिया करते थे, और अगर सचिन पूरे सेशन में बिना आउट हुए अपनी पारी जारी रखते थे तो सिक्का उनका हो जाता था।

2. बहुत शरारती हैं मास्टर ब्लास्टर

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सचिन बचपन में काफी नटखट और शरारती थे, और ये उनके बड़े होने तक जारी रहा। सचिन के बड़े भाई अजीत ने उन्हें क्रिकेट क्लास ज्वाइन कराई थी ताकि उनकी शैतानियाँ कुछ कम हो सकें। एक बार जब उनका सारा परिवार दूरदर्शन पर ‘गाइड’ फिल्म देख रहा था, उस दौरान सचिन पेड़ से आम तोड़ने की कोशिश में गिर पड़े थे।

वह अपनी शरारतों के लिए मशहूर हैं। एक बार सचिन ने सौरव गांगुली के कमरे में एक पाइप डाल दिया और नल चालू कर दिया!

3. मास्टर ब्लास्टर की प्रेम कहानी

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सचिन अपनी पत्नी अंजलि से 17 साल की उम्र में पहली बार एअरपोर्ट पर मिले थे। अंजलि उस वक्त एक मेडिकल स्टूडेंट थीं, अंजलि ने किसी तरह उनका फोन नंबर पता किया। अगले दिन अंजलि ने सचिन को फोन किया और अपना परिचय दिया, सचिन ने उन्हें पहचान लिया। सचिन को यह भी याद था कि अंजलि ने ऑरेंज रंग की टी-शर्ट पहनी हुई थी। अंजलि यह जान कर बहुत खुश हुईं!

फोन पर कुछ बातचीत के बाद अंजलि और सचिन ने मिलने का प्लान बनाया। चूंकि सचिन उस समय एक उभरते सितारे थे इसलिए वो कहीं बाहर नहीं मिल सकते थे। इसलिए उन्होंने सचिन के माता-पिता के घर ही मिलने का प्लान बनाया जहां अंजलि ने खुद को एक पत्रकार के रूप में पेश किया जो सचिन का इंटरव्यू करने आई थी! इस कहानी का जिक्र करते हुए सचिन ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी बहन को इस बात का अंदाजा हो गया था कि जरूर दाल में कुछ काला है, जब उन्होंने सचिन को अंजलि को चोकलेट देते हुए देखा तो इस बारे में उनसे पूछताछ की।

4. जब वो सर्जरी के बीच में ही उठ गए

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सचिन ने 2003 विश्व कप घायल तर्जनी उंगली के साथ खेला था और टूर्नामेंट खत्म हो जाने के बाद, उन्हें उंगली के ऑपरेशन के लिए अमेरिका जाना पड़ा। उन्हें इस बात की चिंता थी कि इससे उनकी बैटिंग पर कोई प्रभाव ना पड़े, उन्होंने अपने डॉक्टर से कहा कि सर्जरी के दौरान उनकी हथेली को कोई नुक्सान ना पहुंचे। वो इस बात को ले कर इतने ज्यादा चिंतित थे कि इस बारे में उन्होंने अपने अनेस्थेटिक्स से भी बात की, यहाँ तक कि सर्जरी के दौरान ही वो बीच में उठ गए और डॉक्टर को अपनी हथेली दिखाने को कहा!

यह कोई पहली बार नहीं था जब खेल के लिए उनका जूनून देखा गया हो। 2004 में, जब सचिन को टेनिसकोहनी की चोट के बारे में पता चला था, वह बहुत परेशान हो गए क्यों कि वह ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट श्रृंखला खेलने में असमर्थ थे। जब उनके डॉक्टरों ने उनसे पूछा कि वह इतने परेशान क्यों हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, “यह मेरी खुद की शादी के रिसेप्शन में मेरे ना होने की तरह होगा लेकिन इसके अलावा जो मैं करना चाहता हूँ उसके लिए दूसरा कोई रास्ता भी तो नहीं है!

5. जब मास्टर ब्लास्टर ने पाकिस्तान के लिए खेला क्रिकेट

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सचिन ने 16 साल की उम्र में 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत की। हालांकि, कुछ ही लोग ऐसे होंगे जो ये जानते होंगे कि एक खिलाड़ी के रूप में सचिन ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के साथ मैच खेला था। वो तारीख थी 20 जनवरी 1987 और यह मैच भारत और पाकिस्तान के बीच 40 ओवर-एक-साइड मैच (ब्रेबॉर्न स्टेडियम, मुंबई) में पांच टेस्ट सीरीज (जो कि सुनील गावस्कर की आखिरी थी) से खेला था।

जब कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ी होटल में आराम करने के लिए गए हुए थे, उस वक्त पाकिस्तानी कप्तान इमरान खान नेभारतीय कप्तान हेमंत केकेरे से पूछा कि क्या उन्हें कुछ खिलाड़ी मिल सकते हैं क्योंकि उनके पास खिलाड़ियों की कमी है। उस समय उत्साहित सचिन जो कि तीन महीने बाद अपनी जीवन के 14 साल पूरे करने वाले थे, हेमंत कुछ कह पाते उससे पहले ही सहयोग करने के लिए तैयार हो गए, जबकि अभी उनके नाम पर विचार ही चल रहा था। उन्होंने उस दिन मैदान पर 25 मिनट बिताए थे।

6. महान सलामी जोड़ी

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किसी भी युग में विशेष रूप से वनडे में क्रिकेट टीम की मजबूती और वर्चस्व, जोड़ी खोलने वाली टीमों के प्रदर्शन पर बहुत कुछ निर्भर करता है। और सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की जोड़ी क्रिकेट की दुनिया में महान है। उन्होंने सफलतापूर्वक 129 मैचों में 6,362 रन बनाए, जिसमें 22 पचास रन की साझेदारी और 20 शतक की साझेदारी शामिल है। इसके साथ इन दोनों ने सबसे अधिक आरंभिक साझेदारी के रिकॉर्ड रखे।

ये दोनों अच्छे दोस्त बने हुए हैं, जो अक्सर दोस्तानापूर्ण हंसी मज़ाक करते रहते हैं और एक दूसरे के बारे में नए-नए खुलासे भी करते रहते हैं। सचिन प्यार से सौरव को बाबू मोशाय कहते हैं जबकि सौरव उन्हें छोटा बाबू कहते हैं। हाल ही में, जब एटलेटिको डी कोलकाता (सौरव की टीम) ने आईएसएल के पहले सीजन में जीत हासिल करने के लिए केरल ब्लास्टर्स एफसी (सचिन की टीम) को हराया, तो ट्रॉफी लेते वक्त सौरव सचिन को भी अपने साथ ले गए।


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