Placeholder canvas

#BetterTogether: 5000 से ज़्यादा दिहाड़ी मजदूरों को मासिक फूड किट दे रही हैं मुंबई की आईआरएस अधिकारी!

लॉकडाउन के बीच, जरूरतमंदों के लिए फंड रेज़िंग अभियान शुरू करने के अलावा डॉ मेघा भार्गव ने मुंबई और गुजरात पुलिस को 2000 से भी ज़्यादा हैंड सैनिटाइटर दिए हैं!

डॉ. मेघा भार्गव मुंबई की डिप्टी आईटी कमिश्नर हैं। लॉकडाउन के बीच उन्हें पता चला कि कोरेगांव में 66 दिहाड़ी मजदूरों के परिवार को आर्थिक तंगी के कारण भोजन नहीं मिल पा रहा है। जानकारी मिलते ही ज़रूरतमंदों की मदद के लिए उन्होंने फौरन ही अपने एनजीओ, समपर्ण के माध्यम से एक फंड रेज़िंग अभियान शुरू किया। इस एनजीओ को उन्होंने दो साल पहले अपनी बहन डॉ रुमा के साथ शुरु किया था।

द बेटर इंडिया को डॉ मेघा ने बताया, “जैसे ही हमें कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के बारे में जानकारी मिली, हमने काम शुरू कर दिया। कई परिवार करीब सप्ताह भर से भूखे थे क्योंकि इनकी आय बंद हो गई थी। आय बंद होने का मतलब है कि वे भोजन नहीं खरीद सकते हैं। हमनें कुछ परिवारों से बात की और उनकी जरूरतों को समझा। उनकी आवश्यकताओं के आधार पर हमने फूड किट बनाए हैं जो एक महीने के लिए पर्याप्त होंगे।”

#BetterTogether ‘द बेटर इंडिया’ की एक पहल है जो देश भर के सिविल सेवा अधिकारियों को एक साथ लाया है ताकि वे प्रवासी मजदूरों, दिहाड़ी मजदूरों, फ्रंटलाइन श्रमिकों और उन सभी की मदद कर सकें जिन्हें इस संकट के समय में हमारी मदद की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। आप हमसे जुड़ सकते हैं और COVID-19 के खिलाफ इस लड़ाई में उनका साथ दे सकते हैं। डोनेट करने के लिए यहाँ पर क्लिक करें!

1000 रूपए की कीमत वाले प्रत्येक फूड किट में चावल, दाल, तेल, चीनी, सब्जी और मसाले होते हैं। साथ ही, सैनिटरी किट में साबुन, सैनिटाइजर और मास्क होते हैं।

अब तक, उन्होंने धारावी सहित शहर भर में 5541 से ज़्यादा किट बांटे हैं। धारावी एक घनी आबादी वाली झुग्गी है, जिसे एक पॉज़िटिव मामला मिलने के बाद सील कर दिया गया है। वर्तमान लक्ष्य शहर भर के 10,000 मजदूरों और अन्य जरूरतमंद लोगों के परिवारों को एक महीने की भोजन और स्वच्छता किट देना है।

आयकर उपायुक्त सुरेश कटारिया और आस्था मधुर सहित उनके विभाग के अधिकारी और अन्य मेडिकल प्रैक्टिशनर भी डॉ मेघा के इस काम में आगे आए हैं और किराने का सामान, हैंड सैनिटाइज़र और मास्क खरीदने में उनकी आर्थिक मदद कर रहे हैं।

लॉकडाउन के बीच वितरण प्रक्रिया को आसान बनाने और सही लाभार्थियों की पहचान करने और किट उनके दरवाजे तक पहुंचाने के लिए डॉ मेघा ने मुंबई पुलिस और नगर निगम (MCGM) से संपर्क किया है।

जरूरतमंदों के अलावा, यह टीम पुलिस और अन्य फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं को हैंड सैनिटाइज़र और मास्क वितरित करने में भी मदद कर रही है।

एनजीओ, समर्पण के कामों में सक्रिय रूप से शामिल डॉ राहुल पगारे कहते हैं, “पुलिस बल इस लॉकडाउन को गंभीरता से लागू करने के लिए जबरदस्त काम कर रहा है। वे लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं और हम कम से कम इतना तो उनके लिए कर ही सकते हैं।”

लॉकडाउन के दो दिनों के भीतर, एनजीओ, मुंबई पुलिस और गुजरात पुलिस को लगभग 2000 बोतल हैंड सैनिटाइजर देने में सफल रहा है, ताकि वे अपनी ड्यूटी में सुरक्षित रह सकें।

COVID-19 मामलों की संख्या में वृद्धि और उसके बाद के लॉकडाउन ने हम में से हरेक को किसी ने किसी तरीके से प्रभावित किया है। हालांकि, हाशिए के समुदायों के लोग जैसे कि घरेलू मददगार, सुरक्षा गार्ड, सब्जी विक्रेता सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं।

यह भी पढ़ें: #BetterTogether: 62, 000 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को राशन पहुंचा रहा है यह IAS अफसर!

इस संकट से निपटने के लिए हम सभी को एक कदम आगे बढ़ाने और डॉ मेघा और उनकी टीम की तरह कुछ मदद करने की ज़रूरत है।

#BetterTogether ‘द बेटर इंडिया’ की एक पहल है जो देश भर के सिविल सेवा अधिकारियों को एक साथ लाया है ताकि वे प्रवासी मजदूरों, दिहाड़ी मजदूरों, फ्रंटलाइन श्रमिकों और उन सभी की मदद कर सकें जिन्हें इस संकट के समय में हमारी मदद की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। आप हमसे जुड़ सकते हैं और COVID-19 के खिलाफ इस लड़ाई में उनका साथ दे सकते हैं। डोनेट करने के लिए यहाँ पर क्लिक करें!

उनके बारे ज़्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

मूल लेख: गोपी करेलिया


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X