Placeholder canvas

कोरोना लॉकडाउन: गरीबों के लिए 1 लाख 70 हज़ार करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा!

Relief Package for poor

सरकार ने COVID-19 से लड़ रहे सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए एक खास बीमा योजना की घोषणा की है, जिसमें अस्पतालों के डॉक्टरों से लेकर सफाई कर्मचारी तक शामिल हैं!

देश में कोरोना वायरस के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए भारत सरकार ने 25 मार्च, 2020 से लॉकडाउन की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने सभी लोगों को अपने घरों में रहने के निर्देश दिए हैं। सिर्फ कुछ ज़रूरी सेक्टर जैसे कि हेल्थकेयर, पुलिस विभाग, बैंक आदि खुले हुए हैं।

लेकिन हमारे देश की जनसंख्या का एक बड़ा भाग आज भी दिहाड़ी-मजदूरी पर अपना गुज़ारा करता है। उनके लिए कोई भी कर्फ्यू या फिर लॉकडाउन का मतलब है उनकी आमदनी न होना। जिसके चलते उनका पूरा परिवार भूखा मर सकता है। इसलिए यह लॉकडाउन जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी यह है कि सरकार इन लोगों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करे।

इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए 26 मार्च, 2020 को वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत गरीबों के लिए 1 लाख 70 हज़ार करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। जिससे कि कोरोना वायरस से इस लड़ाई में उनका अहित न हो।

सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उनका इरादा गरीब से गरीब इंसान के हाथों में खाना और पैसे पहुंचना है ताकि उन्हें आवश्यक सामान खरीदने और अपनी ज़रूरतें पूरी करने में परेशानी न हो।

इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि इस राहत पैकेज में क्या-क्या घोषणाएं की गई हैं।

1. COVID-19 से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बीमा (इंश्योरेंस) योजना:

इस योजना के माध्यम से सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, कल्याण केंद्र और अस्पतालों (केंद्र और राज्य स्तरीय) में COVID-19 से लड़ रहे लगभग 22 करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारियों को मदद देने का प्रावधान किया गया है। इसमें सफाई कर्मचारी, वार्ड-बॉय, नर्स, आशा कर्मचारी, पैरामेडिक्स, तकनीशियन, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को शामिल किया गया है।

यदि कोई भी हेल्थ प्रोफेशनल, COVID-19 के मरीज़ों का इलाज करते हुए किसी दुर्घटना का शिकार होता है तो उन्हें इस योजना के तहत 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

2. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना:

भारत सरकार की कोशिश है कि इस लॉकडाउन की वजह से कोई भी गरीब भूखा न सोये। उनकी प्राथमिकता है कि हर एक इंसान के घर में अनाज ज़रूर हो। इसके लिए उन्होंने अगले तीन महीने तक इंतजाम किया है। इस योजना के तहत सरकार पहले से ही समाज के कमजोर वर्ग को 5 किलो अनाज प्रति माह मुहैया करवाती है।

लेकिन अब स्थिति को देखते हुए, घोषणा की गई है कि अगले तीन महीने के लिए प्रत्येक को मुफ्त में 5 किलो अतिरिक्त गेंहूँ या चावल दिए जाएंगे। साथ ही, हर महीने 1 किलो दाल भी उन्हें मुफ्त में मिलेगी। सरकार के इस एक कदम से देश की 80 करोड़ जनता को मदद मिलेगी।

3. महिलाओं और किसानों को आर्थिक मदद:

प्रधानमंत्री किसान योजना के अंतर्गत किसानों के खाते में जो 2000 रुपये की राशि भेजी जाती है, उसकी समय अवधि को पहले कर दिया गया है। अप्रैल में ही ये पैसे किसानों के खाते में जमा कर दिए जाएंगे।

यह भी पढ़ें: अकेले रह रहे हैं बुजुर्ग? इन हेल्पलाइन नंबरों पर फ़ोन करके मंगवा सकते हैं ज़रूरी चीजें!

प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बैंक खाते रखने वाली 20.40 करोड़ महिला खाताधारकों के खाते में अगले तीन माह तक 500-500 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। यानी कि एक महिला खाताधारक को 1500 रुपए मिलेंगे। इसके साथ ही, अगले तीन महीने तक लगभग 8 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त में गैस सिलेंडर मिलेगा।

4. अगले तीन महीनों तक सरकार जमा करेगी PF:

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार ने कर्मचारियों के पीएफ में जमा होने वाली पूरी राशि (24 फीसद) देने का फैसला किया है। लेकिन यह सुविधा उस संगठन के कर्मचारियों को मिलेगी जहां 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं और वहां काम करने वाले 90 फीसद कर्मचारियों की मासिक तनख्वाह 15,000 रुपये से कम है।

5. मनरेगा मजदूर, बुजुर्गों और दिव्यांगों की मदद:

सरकार 3 करोड़ बुजुर्ग विधवाओं और विकलांगों को 1000 रुपए की सहायता देगी। तीन महीने में 500-500 रुपये की दो किश्तों में यह राशि दी जाएगी। साथ ही, मनरेगा में मिलने वाली मजदूरी को भी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया गया है।

महिलाओं के माध्यम से चलने वाले सेल्फ हेल्प ग्रुप को अब बैंक से 20 लाख रुपए तक का कर्ज मिल सकेगा। इससे 6.85 करोड़ परिवार को मदद मिलेगी।

केंद्र सरकार अधिनियम के तहत बिल्डिंग एंड अंडर कंस्ट्रक्शन्स वर्कर्स के लिए वेलफेयर फंड का गठन किया गया था। इससे 3.5 करोड़ श्रमिक जुड़े हुए हैं। राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि इस फंड की मदद से वे इन श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

लोगों का COVID-19 टेस्ट और मरीज़ों का इलाज करने के लिए राज्य सरकार डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड का इस्तेमाल कर सकती है।

इस घोषणा के साथ ही सरकार ने प्रशासन को तुरंत इस पर काम करने के निर्देश दिए हैं। क्योंकि देश में यह लॉकडाउन तभी सफल हो पाएगा, जब हर एक देशवासी के घर में खाने के लिए खाना और पानी उपलब्ध हो। अगर ये राहत योजनाएं समय पर ज़रूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंची तो यह हमारी हार होगी।

COVID-19 से जारी यह लड़ाई सिर्फ स्वास्थ्य कर्मचारियों या फिर सरकार की नहीं है बल्कि हर एक भारतवासी की है। इसलिए जितना हो सकता है, एक-दूसरे की ताकत बनें। लॉकडाउन के निर्देशों को पालन करते हुए, जिस भी तरीके से किसी की मदद कर सकते हैं, ज़रूर करें!

संपादन – अर्चना गुप्ता

यह भी पढ़ें: कोरोना हीरोज: IAS की पहल, जिले में हो पर्याप्त मास्क और सैनीटाइज़र!


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X