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शिमला पुलिस के इन बहादुर अफसरों ने बर्फ में दस किमी पैदल चलकर गर्भवती महिला को अस्पताल पहुँचाया!

आमतौर पर पुलिस वालो से हम डरते ही है। ज़्यादातर पुलिस वालो के बारे में हम कोई अच्छी राय भी नहीं रखते। पर शिमला पुलिस ने हाल ही में कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसके बारे में जानकार आपका रवैया पुलिस के प्रति बिलकुल बदल जायेगा।

आमतौर पर पुलिस वालो से हम डरते ही है। ज़्यादातर पुलिस वालो के बारे में हम कोई अच्छी राय भी नहीं रखते। पर शिमला पुलिस ने हाल ही में कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसके बारे में जानकार आपका रवैया पुलिस के प्रति बिलकुल बदल जायेगा।
शिमला में इस साल जम कर बर्फ बारी हो रही है। इस बात से जहा यहाँ आने वाले पर्यटक बेहद खुश है वहीँ बर्फ की चादरों में लिपटे घरो में रह रहे और रोज़ बर्फ से भरी सड़कों पर सफ़र करने वाले शिमला निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे हालात में शिमला के भोंट गाँव की रहनेवाली कामिनी को प्रसव पीड़ा होने लगी। पर इस अवस्था में उन्हें अस्पताल पहुँचाना बहुत मुश्किल था क्यूंकि सारी सड़के बर्फ से ढकी होने के कारण बंद थी। उन तक एम्बुलेंस के पहुँचने का भी कोई मार्ग नहीं था। ऐसे में घबराकर उन्होंने और उनकी माँ ने आपातकालीन नंबर 108 पर अपने हालत का ब्यौरा दिया।

बस इसके बाद शिमला पुलिस ने हर हाल में कामिनी की मदद करने की ठान ली। 9 नवम्बर को इस गर्भवती महिला के फ़ोन करने के तुरंत बाद हिमाचल प्रदेश के 6 पुलिस कर्मी उनकी मदद के लिए उनके घर पहुँच गए और उन्हें  खाट समेत उठाकर  पैदल ही निकल पड़े।

करीब 10 किमी का फासला तय करने के बाद आखिर कामिनी को अस्पताल तक पहुँचाया गया।

Ridge,_Shimla resized

Image for representation. Photo source: Wikimedia

बर्फ की मोटी चादर के बीच से कडकडाने वाली ठण्ड में भी सभी पुलिस कर्मियों ने इस बात का ख़ास ध्यान रखा कि कामिनी या उनके अजन्मे बच्चे को कोई तकलीफ न हो और वो सही सलामत अस्पताल पहुँच जाए।

इन पुलिस वालो की मानवता और बहादुरी ही थी जिसकी वजह से कामिनी वक़्त पर कमला नेहरु अस्पताल पहुँच पायी और उन्होंने एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया।

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