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पुराने अखबार बेचकर गरीबो के लिए कंबल खरीद रहे है इंजीनियरिंग के ये छात्र!

किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी की सोच पर निर्भर करता है। यदि देश का युवा जागरूक, समझदार तथा सामाजिक जिम्मेदारियों को स्वेच्छा से उठाने वाला हो तो वह देश तथा समाज निश्चित रूप से तरक्की की ओर जा रहा है। तेलंगाना के कुछ युवको की सोच को जानकर ऐसा ही यकीन आपको भारत के लिए भी होगा।

किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी की सोच पर निर्भर करता है। यदि देश का युवा जागरूक, समझदार तथा सामाजिक जिम्मेदारियों को स्वेच्छा से उठाने वाला हो तो वह देश तथा समाज निश्चित रूप से तरक्की की ओर जा रहा है। तेलंगाना के कुछ युवको की सोच को जानकर ऐसा ही यकीन आपको भारत के लिए भी होगा।

तेलंगाना के मियापुर और सेरिलिंगमपाली में बीटेक के छात्रों के दो ग्रुप गरीबों को कंबल बांटने का काम कर रहे हैं। इसके लिए वे स्थानीय निवासियों से पुराने अखबारों को जमा कर रहे हैं और उन्हें बेचकर पैसा जुटा रहे हैं।

‘यूथ ऑफ नेशन’ के एक सदस्य अमित पांडे ने बताया कि जब उन्होंने एक गरीब को सर्दी से बचने के लिए अखबार लपेटे हुए देखा, तो उनके मन में यह विचार आया। उन्होंने बताया कि हमारी टीम ने पास की कालोनियों और अपार्टमेंट से पुराने अखबारों को इकट्ठा करने का फैसला किया।

मियापुर और जेपी नगर से हमारी टीम ने 1,000 किलो रद्दी के अखबार जमा किए और हमने इसे बेचकर करीब 10,000 रुपए जोड़े। अमित पांडे ने कहा कि हमने 250 लोगों की पहचान की है, जिन्हें कंबल की जरूरत है। हम उनके लिए कंबलों की व्यवस्था करेंगे।

सेरिलिंगमपाली में एक अन्य टीम का नेतृत्व कर रहे श्रीकांत ने बताया कि उनकी टीम ने करीब 430 किग्रा अखबार जमा किए और इसे बेचकर 4,000 रुपए की व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि टीम ने 10 दिसंबर को अखबार जमा करना शुरू किया था और 12 दिसंबर से कंबल बांटने के काम में वे लग गए थे।

 

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