1000+ बेसहारा बीमार लोगों का इलाज करके अपनों से मिलवा चुकी हैं, राजस्थान की यह नर्स

राजस्थान की सुमन मैडल मेहरा की शादी महज 14 साल की उम्र में हो गई थी। परिवार में आर्थिक किल्लत थी, लेकिन सुमन इन तमाम मुश्किलों के बीच भीपढ़ाई करके नर्स बनीं, ताकि आत्मनिर्भर हो सकें और आज नर्स बनकर सुमन न सिर्फ आत्मनिर्भर बनीं हैं, बल्कि समाज के बेसहारा बीमार लोगों को मदद पहुंचाने के लिए मुहिम भी चला रही हैं।

अक्सर सड़क पर रहने वाले बेसहारा लोगों को देखकर हम बुरा तो महसूस करते हैं। लेकिन उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए हममें से शायद ही कोई कदम उठाता है। ऐसी ही एक शख़्स हैं, राजस्थान की सुमन मैडल मेहरा। पेशे से एक नर्स सुमन आज सड़क पर रहनेवाले बेसहारा बीमार लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं। 

सुमन हनुमानगढ़, राजस्थान में मानव सेवा आश्रम नाम से एक शेलटर होम चला रही हैं। इस आश्रम में आज 50 ऐसे जरूरतमंद लोग रहते हैं जो अपने परिवार से दूर हैं और बीमारी में उनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं है। सुमन न सिर्फ इन सबकी एक बेटी और माँ बनकर सेवा कर रही हैं और बल्कि इनके इलाज से लेकर खाने-पीने तक की सारी जरूरतों को भी फ्री में पूरा कर रही हैं। 

दरअसल, खुद एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली सुमन ने बड़ी मुश्किलों से नर्स की पढ़ाई पूरी है। द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि महज 14 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी। इसके कारण वह चाहते हुए भी अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई। लेकिन सुमन के पति ने उनके सपने को पूरा किया और मेहनत मजदूरी करके सुमन को एक प्रोफेशनल नर्स की डिग्री दिलाई। 

नर्स बनकर शुरू की जरूरतमंदों की सेवा

Suman Medal Mehra

जिसके बाद सुमन में एक अस्पताल में काम करना शुरू किया। इन सबके साथ वह हमेशा से जरूरतमंद लोगों के लिए भी कुछ करना चाहती थीं। अपनी इस इक्छा को पूरा करने का मौका उन्हें तब मिला जब कुछ साल पहले उन्होंने सड़क पर घायल हुए एक अनजान इंसान की जान बचाई।  

उस घटना के बाद सुमन ने शहर की अलग-अलग सार्वजनिक जगहों पर जाकर बेसहारा बीमार लोगों का फ्री में इलाज करना शुरू किया। वह बताती हैं कि कई लोग बीमारी के कारण घरवालों से अलग हो जाते हैं। सुमन ने ऐसे कई बीमार लोगों का इलाज करके उन्हें फिर से उनके परिवार वालों से मिलवाना शुरू किया। इस दौरान कुछ लोग उन्हें उन्हें ऐसे भी मिले जो सड़क पर रहकर ठीक नहीं हो सकते थे, उन्हें एक स्थायी ठिकाने और देखभाल की जरूरत थी।  

बस फिर क्या था सुमन ने खुद के दम पर इन जरूरतमंद लोगों के लिए एक आशियाना बनाने का फैसला किया और इस तरह शुरू हुआ मानव सेवा आश्रम। 

आज सुमन सामाजिक मदद से इस काम को कर रही हैं, जिससे कई बेआसरों को आसरा मिल पा रहा है। सच, सुमन ने आज अपनी नेक पहल से साबित करके दिखाया कि दूसरों की सेवा के लिए कोई रिश्ता नहीं बल्कि दिल में इंसानियत होना जरूरी है। अगर आप भी इस नेक काम में उनकी मदद करना चाहते हैं तो उन्हें 79889 54475 पर संपर्क करें। 

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