कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की गति थम सी गई है। इस काल में लोग अपने खानपान को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं, खासकर ठंडे खाद्य पदार्थों से। लेकिन, गर्मियों के दिनों में आप आइसक्रीम से खुद को कितना दूर रख पाएंगे?
ऐसी ही एक कहानी है गुड़गाँव की रहने वाली रितू गुप्ता (50) और उनकी बेटी मृदु गुप्ता (24) की, जिन्होंने अपने रसोई घर में आइसक्रीम बनाने का फैसला कर लिया।
द बेटर इंडिया से बातचीत में मृदु बताती हैं, “मेरे पिता जी को आइसक्रीम का काफी शौक है और लॉकडाउन के दौरान उन्हें इसकी कमी खल रही थी। इसके बाद, उन्होंने हमें घर में ही आइसक्रीम बनाने का सुझाव दिया।”
आगे रितू बताती हैं, “मेरे लिए मृदु एक बेटी से बढ़कर है। हम एक-दूसरे की कंपनी को खूब एन्जॉय करते हैं, हम एक साथ घूमने जाते हैं। आइसक्रीम बिजनेस शुरू करने का आइडिया देकर वह मुझे इंडीपेंडेंट बनाना चाह रही थी।”
मृदु बताती हैं कि उनके पास पूरी तरह से सुसज्जित रसोईघर था। जब उन्होंने किचन में आइसक्रीम बनाने का फैसला किया, तो उन्हें इसके लिए सिर्फ एक फूलप्रूफ रेसिपी का तरीका पता था।
इसके बाद, करीब एक महीने तक आइसक्रीम के फ्लेवर को लेकर कई प्रयोग करने के बाद, उन्होंने ‘एमजी होममेड आइसक्रीम’ की शुरूआत की।
वीकेंड बिजनेस
चूंकि, फैशन स्टाइलिस्ट, मृदु अपने फ्रीलांस असाइनमेंट को लेकर पूरे सप्ताह व्यस्त रहती थीं, इसलिए उन्होंने अपने वीकेंड को व्यंजनों के साथ प्रयोग करने के लिए तय किया।
इसे लेकर वह बताती हैं, “हम, एक परिवार के तौर पर बैठे और सबसे बेहतरीन आइसक्रीम की सूची बनाई, जिसका स्वाद हमने पहले चखा था। इसके बाद, हमने आइसक्रीम बनाना शुरू कर दिया।”
मृदु के घर में आइसक्रीम बनाने का काम जून 2020 से शुरू हुआ था और पूरे परिवार के सदस्यों का वीकेंड किचन में ही गुजरने लगा।
वह बताती हैं, “शुरूआती दिनों में हमारे पास बेल्जियम चॉकलेट, चेरी, जामुन और यहाँ तक कि आम के फ्लेवर भी मौजूद थे, जो कि उस वक्त के मौसमी फल थे।”
इसके एक महीने के बाद, जुलाई में, उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को सैंपल भेजने शुरू कर दिए।
मृदु बताती हैं, “हमें जो प्रतिक्रिया मिल रही थी, वह अभूतपूर्व थी और हर किसी को विश्वास हो गया था कि इस कारोबार में हम आगे लेकर जा सकते हैं।”
वह आगे बताती हैं, “हमारे पास समय की कमी थी और हमारा आइसक्रीम स्टोर शुरू करने का कोई इरादा नहीं था, जहाँ कोई भी चलते-फिरते आइसक्रीम का आनंद ले सके।”
उनका इरादा कुछ अलग करने का था, जहाँ लोग वीकेंड में ऑर्डर कर सकते थे और इस तरह एमजी होममेड आइसक्रीम का उदय एक वीकेंड बिजनेस के रूप में हुआ।
इस जोड़ी ने एक मेनू को तैयार किया है और हर सप्ताह वह एक फ्लेवर पर काम करते हैं और हर महीने चार नए स्वाद का ईजाद करते हैं।
मृदु कहती हैं, “हम आइसक्रीम को स्टोर नहीं करना चाहते थे, इसलिए हमने इसे शुक्रवार को बनाना शुरू किया और शनिवार और रविवार को ग्राहकों को डिलीवरी करने लगे।”
उनका पहला फ्लेवर आयरिश बेल्जियन था। मृदु कहती हैं, “हम अपने बिजनेस को सुरक्षित फ्लेवर के साथ लॉन्च करना चाहते थे। हमें काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा था। हमें दूसरे ही हफ्ते में 25 ऑर्डर मिले थे। इसलिए, हमारे पास एक के बजाय दो हफ्ते के लिए आयरिश बेल्जियम उपलब्ध था, जिसे हमने केवल पहले वीकेंड के लिए मेनू पर रखा था।”
कई बार हुए असफल
मृदु बताती हैं, “शुरू में, हमने कई गलतियाँ की। पहले हम बहुत अधिक चीनी मिलाते थे, फिर हमने महसूस किया कि आइसक्रीम काफी आइसी हो रही है। इस तरह, हमने सही दिशा में बढ़ने से पहले कई गलती की।”
वह चेरी के साथ प्रयोग को लेकर कहती हैं, “एक बार आइसक्रीम जमने के बाद फलों की मिठास बढ़ जाती है, इसका एहसास हमने कुछ पैमाने पर आइसक्रीम बनाने के बाद किया।”
वहीं, इस जोड़ी को पैकेजिंग को लेकर अभी भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मृदु बताती हैं, “जितना संभव हो सके, हम सस्टेनेबल होना पसंद करते हैं और आइसक्रीम को पैक करने के दौरान अच्छे व्यवहारों का पालन करते हैं।”
हालांकि, गैर-प्लास्टिक कंटेनरों का उपयोग करना कारगर साबित नहीं हुआ, क्योंकि वह पहले कार्डबोर्ड या पेपर पैकिंग का इस्तेमाल करते थे, जो आइसक्रीम का वजन झेल नहीं पाता था। इसलिए वह फिलहाल, रियूजेबल प्लास्टिक के कंटेनरों का इस्तेमाल कर रहे है और उन्हें बेहतर विकल्प की तलाश जारी है।
कैसे करते हैं मार्केटिंग
महज दो सप्ताह में, दोनों के पास 50 से अधिक ऑर्डर आए। अपने उत्पादों के कीमत के बार में मृदु कहती हैं, “मैं मानती हूँ कि 500 ग्राम आइसक्रीम के एक टब के लिए 600 रुपये अधिक हैं। लेकिन, हमने जो गुणवत्ता हासिल की है, वह अंतरराष्ट्रीय मानकों की है।”
इस तरह, एमजी हैंडमेड आइसक्रीम के पास अब तक 500 ग्राम के टब के लिए 400 से अधिक ऑर्डर मिल चुके हैं।
रितू कहती है, “औसतन हम एक बार में 500 ग्राम के 20 टब के माँग की पूर्ति कर सकते हैं। अब सर्दी बढ़ रही है, इसलिए ऑर्डर में थोड़ी गिरावट आई है। इसलिए हम सर्दियों के अनुकूल मेनू को तैयार करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।”
उनके उत्पादों की मार्केटिंग वर्ड-ऑफ-माउथ के जरिए हुई है और दोनों ने व्हाट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया के अलावा, किसी खास मार्केटिंग टूल का कोई इस्तेमाल नहीं किया है।
एमजी हैंडमेड आइसक्रीम के कुछ बेस्टसेलर में, कॉफी बेली लिकर और ताजे फलों के आइसक्रीम शामिल हैं, जिसकी गर्मियों में काफी माँग रही है। मृदु को विश्वास है कि ठंड के मौसम में भी उनके उत्पादों की माँग जारी रहेगी।
घर पर इस ढंग से रसोई कार्यों को शुरू करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए मृदु के कुछ जरूरी सुझाव:
- रसोई में स्वच्छता संबंधी सावधानियों का पूरा ध्यान रखें। खास कर आज के कोविड-19 की स्थिति में, यह सुनिश्चित करें कि किचन की हर एक चीज इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है। इसके अलावा, व्यक्तिगत साफ-सफाई और सभी उपकरणों और बर्तनों की उचित सफाई का ध्यान रखें।
- अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करें और अच्छी फोटो क्लिक करें। इससे ग्राहकों का रुझान आपकी ओर बढ़ता है।
- आपके ग्राहक कौन होंगे, इसे तय करें। इसके बाद, आप उनकी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम करें।
- अपने वित्तीय संसाधनों की योजना बनाने और केवल उन्हीं वस्तुओं को खरीदें, जिसकी आपको शीघ्र आवश्यकता है। एक बार जब आपको अपने बिजनेस पर यकीन हो जाए, तो आप बड़ा निवेश करने के बारे में विचार कर सकते हैं।
यदि आप दिल्ली / एनसीआर में हैं, तो उनके बिना शक्कर, 100 प्रतिशत शाकाहारी और प्रिजरवेटिव आइसक्रीम को जरूर आजमाएं। आप रितू से 9654409668 पर संपर्क कर सकते हैं या उनके इंस्टाग्राम पेज पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करें।
मूल लेख – VIDYA RAJA
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