जब मेरे पति का देहांत हो गया तो मैं सोचती थी कि अब मैं कैसे जिऊँगी…. मैंने अपनी सारी ज़िन्दगी बस घर ही संभाला था …मुझे बस अपने बच्चो को पालना आता था और कुछ नहीं। फिर मैंने सोचा क्यूँ ना मैं इसी काम को अपनी रोज़ी रोटी का जरिया बना लूँ और मैं एक आया बन गयी। मैंने इन सभी बच्चो को बिलकुल अपने बच्चो की तरह ही पाला। इन सभी को उतना ही प्यार और दुलार दिया जितना मैं अपने बच्चो को देती थी। और बस ऐसे ही कई साल बीत गए। आज मैं ८० साल की हूँ और दुनिया के हर कोने में मेरे बच्चे है। आपको यकीन नहीं होगा लेकिन अपना पेट पालने के लिए जिन बच्चो को मैंने पाला था, वो आज भी मुझसे मिलने ज़रूर आते है!
via Humans Of Bombay