Placeholder canvas

बेकार चीजों से बनाया प्लांटर, कटिंग से लगाए पौधे! इनसे सीखिए ‘ज़ीरो बजट गार्डनिंग’

Zero Budget Gardening

यूट्यूब पर डेढ़ लाख से ज़्यादा लोगों को गार्डनिंग सिखा रहीं, विजया तिवारी से सीखिए 'ज़ीरो बजट गार्डनिंग' के टिप्स।

बहुत से लोगों को लगता है कि ‘बागवानी’ एक महंगा शौक है। इसलिए, अक्सर लोग अपने घर में बागवानी करने से कतराते हैं। लेकिन वहीं बहुत से ऐसे बागवान हैं, जिन्होंने इस बात को गलत साबित किया है। आज हम आपको मिलवा रहे हैं, उत्तर प्रदेश की विजया तिवारी से। जिन्होंने कम से कम साधनों में, अपने घर की छत और बालकनी में बागवानी शुरू की और अब यूट्यूब के जरिए, लाखों लोगों को भी ‘ज़ीरो बजट गार्डनिंग’ (Zero Budget Gardening) या कम से कम लागत में गार्डनिंग के ‘क्रिएटिव’ तरीके सिखा रही हैं। 

प्रयागराज में रहने वाली विजया तिवारी, पिछले कई सालों से अपनी छत पर बागवानी कर रही हैं। उनके टेरेस गार्डन की सबसे दिलचस्प बात यह है कि आपको यहाँ ‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट’ के काफी बेहतरीन उदाहरण देखने को मिलेंगे। उनकी यही खूबी है कि वह अपने घर से निकलने वाले कचरे को बागवानी के लिए उपयोग करती हैं। जैसे- जैविक कचरे से खाद तो प्लास्टिक की बोतलों, डिब्बों या खाली पैकेट्स से प्लांटर्स। ज्यादातर पौधे वह कटिंग से लगाती हैं। इसके अलावा, अन्य तरह का कचरा जैसे- कोई टूटा खिलौना हो तो इसे वह बगीचे में सजावट के रूप में इस्तेमाल कर लेती हैं। 

द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने अपने गार्डनिंग के सफर के बारे में बताया। 

Zero Budget Gardening
विजया तिवारी

कम साधन में की बड़ी शुरुआत: 

वह बताती हैं, “मैं कानपुर में पली-बढ़ी और बचपन से ही मुझे पेड़-पौधों से लगाव रहा है। मैं अपने मायके में भी इसी तरह से, पुरानी प्लास्टिक की बोतलों में पौधे लगाती रहती थी। जो चीज सामने दिखती, उसे गार्डनिंग के लिए इस्तेमाल करने के बारे में सोचती थी। कई बार असफलता मिलती तो कई बार सफलता। फिर, वह शादी के बाद प्रयागराज आ गईं और यहाँ घर-गृहस्थी की जिम्मेदारियां उठाने लगीं। लेकिन, जब बच्चे थोड़े बड़े और समझदार हो गए तो लगा कि क्यों न अपने गार्डनिंग के शौक को फिर से जिया जाए!”

विजया को बागवानी का शौक है लेकिन, वह शुरुआत में पौधे या गमले आदि नहीं खरीदती थीं। उन्होंने गार्डनिंग ठीक उसी तरह से की, जैसे वह अपने बचपन में किया करती थीं। घर में पड़ी बेकार चीजों से वह पौधों के लिए प्लांटर बना लेती थीं। अपने आसपास के पार्क या किसी के गार्डन से, उन्हें जिस किसी पौधे की कटिंग मिलती, वह उसे अपनी छत पर लगा देती थीं। इस क्रम में, उन्होंने अपने घर से प्लास्टिक के डिब्बे, पैकेट, बोरी, बाल्टी, टूटे टब आदि पौधे लगाने के लिए इस्तेमाल किये। 

Zero Budget Gardening
प्लास्टिक की बोतलों से बनाएं हैंगिंग गार्डन

जैसे-जैसे उनके गार्डन में पौधे बढ़ने लगे, उनके बागवानी करने के तरीके भी बढ़ने लगे। पहले, वह सिर्फ मिट्टी का इस्तेमाल पौधों के लिए कर रही थीं। लेकिन एक समय बाद, उन्हें लगा कि वह बार-बार मिट्टी कहाँ से लाएंगी। इसलिए, उन्होंने खुद खाद बनाने की शुरुआत की। घर से जितना भी जैविक कचरा निकलता, उसे फेंकने की बजाय वह खाद बनाने के लिए इकट्ठा कर लेतीं। आज उनके घर से कोई भी जैविक कचरा बाहर नहीं जाता है। 

वह कहती हैं, “मुझे खाद बनाना नहीं आता था लेकिन, एक-दो बार कोशिश की तो सफलता मिलने लगी। बागवानी करने के लिए, धैर्य की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। क्योंकि, इसमें कई बार असफलता भी मिलती है और अगर हम एक बार असफल होने पर ही हार मान लेंगे तो कभी बागवानी नहीं कर पाएंगे।” 

आज उनके बगीचे में सभी तरह की मौसमी सब्जियों के साथ-साथ फलों और फूलों के भी ढेर सारे पेड़-पौधे हैं। जिनमें हरी मिर्च, शिमला मिर्च, घीया, लौकी, करेला, चौलाई, बैंगन, बीन्स, चकुंदर, पालक, पुदीना, हल्दी, गाजर जैसी सब्जियां और गेंदा, गुड़हल, गुलाब, गुलदाउदी, कचनार, लिलियम जैसे फूलों के पौधे शामिल हैं। 

Zero Budget Gardening
उगाती हैं सब्जियां भी

यूट्यूब पर सिखाती हैं बागवानी: 

विजया बताती हैं कि जब भी वह किसी से बागवानी पर बात करती तो अक्सर लोग उनसे कहते थे कि इसमें बहुत पैसे खर्च हो जाते हैं और बिना माली के आप बागवानी नहीं कर सकते हैं। विजया ऐसे लोगों को समझाने की कोशिश करती कि वे बिना ज्यादा खर्च किए भी बागवानी कर सकते हैं। वह कहती हैं कि लोगों को कम साधनों में बागवानी सीखाने के लिए, उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया। इसके जरिए, वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बागवानी के अपने अनुभव और तरीकों को पहुँचाना चाहती हैं। 

उनके चैनल का नाम ‘विजयाज़ क्रिएटिव गार्डन‘ (Vijaya’s Creative Garden) है। उनके डेढ़ लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। वह बागवानी से संबंधित अलग-अलग विषयों पर वीडियो बनाती हैं ताकि पहली बार बागवानी कर रहे लोगों की मदद हो सके। वह कहती हैं कि चैनल के नाम में ‘क्रिएटिव’ शब्द उन्होंने इसलिए लगाया है क्योंकि, वह लोगों को रचनात्मक तरीकों से बागवानी करना सिखाती हैं। उन्होंने कहा, “आप अपने घर में उपलब्ध साधनों से बागवानी कर सकते हैं। बस आपकी इसमें दिलचस्पी होनी चाहिए। क्योंकि, जब एक बार आप पौधों से दोस्ती कर लेते हैं तो दो-चार पौधे लगाने से मन नहीं भरता है। तब आप नए-नए पौधे लगाना चाहते हैं और आपको अपने आसपास हर चीज में बागबानी से जुड़ी चीज़ें दिखने लगती हैं।” 

Zero Budget Gardening
‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट’

आगे वह बताती हैं कि अगर आपके घर में बहुत कम धूप आती है तो भी ऐसी कई सब्जियां हैं, जिन्हें आप लगा सकते हैं। आप माइक्रोग्रीन्स, सरसों, सौंफ, अजवाइन, जीरा, पालक, मेथी, सोया, लेटस आदि उगा सकते हैं। इन्हें लगाने के लिए, आपको अलग से कोई गमला लेने की जरूरत नहीं है। अगर आपके पास ऐसे कोई प्लास्टिक के डिब्बे या कंटेनर हैं, जिनकी गहराई पाँच इंच से ज्यादा है तो आप इनका उपयोग कर सकते हैं। 

बड़े शहरों में फ्लैट आदि में रहने वाले लोगों को, वह बालकनी में ‘वर्टीकल गार्डनिंग’ करने की सलाह देती हैं। वह कहती हैं कि आप प्लास्टिक की पुरानी-बेकार बोतलों को इस्तेमाल करके हैंगिंग या वर्टीकल गार्डन लगा सकते हैं। इसमें थोड़ी मेहनत है लेकिन, जब कई तरह के छोटे-बड़े पौधे इनमें लगते हैं तो यह बहुत खूबसूरत लगते हैं। अगर आप सब्जियां उगाना चाहते हैं तो कुछ हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पुदीना, पालक, धनिया आदि से शुरूआत कर सकते हैं। जरूरी नहीं है कि आप सबकुछ एक-साथ करें। आप एक-एक करके पौधे लगाएं और हर पौधे को लगाने के साथ, आप कुछ नया सीखते हैं। 

अंत में, वह बस यही कहती हैं कि अगर आपको गार्डनिंग का शौक है तो आप कम से कम लागत में भी इसे पूरा कर सकते हैं। हर किसी को अपने घर पर, कुछ पौधे जरूर लगाने चाहिए ताकि पर्यावरण अच्छा रहे और आपको बच्चे भी पौधों के प्रति संवेदनशील बनें। अगर आप विजया तिवारी से संपर्क करना चाहते हैं तो उनके फेसबुक पेज से जुड़ सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

यह भी पढ़ें: Grow Roses: इन आसान तरीकों से उगाएं, रंग-बिरंगे गुलाब, महक उठेगा आपका घर-आँगन

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

Zero Budget Gardening, Zero Budget Gardening, Zero Budget Gardening

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X