सालों पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी से बॉटनी की पढ़ाई करनेवाली, डॉ. करुणा पाल गुप्ता ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन उन्हें गार्डनिंग का इतना शौक हो जाएगा कि वह इसे अपना काम भी बना लेंगी। फरीदाबाद की रहनेवाली 53 वर्षीया डॉ. करुणा 25 साल पहले जब अपने परिवार के साथ इस घर में रहने आई थीं, तब यहां ज्यादा पौधे नहीं लगें थे, लेकिन पौधे लगाने की जगह काफी थी। उस दौरान डॉ. करुणा ने मनी प्लांट्स और एरिका पाम जैसे कुछ आसान पौधों से गार्डनिंग (flower garden ideas) करने की शुरुआत की थी।
द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह कहती हैं, “मैंने कभी गार्डनिंग को हॉबी की तरह नहीं किया था। भले ही मैंने बॉटनी और माइक्रोबायोलॉजी जैसे विषय की पढ़ाई की थी, लेकिन गार्डनिंग का ज्यादा अनुभव मुझे नहीं था। लेकिन समय के साथ गार्डनिंग आज मेरे जीवन का अटूट हिस्सा बन गया है।”
डॉ. करुणा अब सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी गार्डन सजाने का काम कर रही हैं।
कैसे शुरू हुआ गार्डनिंग का सिलसिला?
दरअसल, डॉ. करुणा जिस घर में रहती हैं वह काफी बड़ा है , इसलिए उन्होंने इसे हरियाली से सजाने का फैसला किया। उनके पति राजीव पाल गुप्ता को भी हरियाली का काफी शौक है। इसलिए, उन दोनों ने मिलकर यहां गार्डनिंग करने की शुरुआत की। हालांकि, राजीव काम के सिलसिले में ज्यादा समय नहीं दे पाते, लेकिन डॉ. करुणा दिन के दो से ढाई धंटे हर दिन गार्डनिंग (flower garden ideas) में ही बिताती हैं और ऐसा वह कई सालों से करती आ रही हैं।
उन्हें पौधों के बारे में जानकारी तो पहले से ही थी, इसलिए उन्हें इस गार्डन को सजाने में ज्यादा दिक्क्त नहीं आई।
घर एक, पर गार्डन चार!
उनका घर 550 गज का है, जिसमें उन्होंने चार गार्डन बनाए हैं। इनमें से एक गार्डन, घर के सामने की तरफ है। घर में एक ओर एक ग्रीन हाउस बनाया है। वहीं, पीछे बैकयार्ड में दो गार्डन जंगल थीम (flower garden ideas) पर बने हैं।
सामने के गार्डन में रंग-बिरंगें कई फूल लगे हैं। डॉ. करुणा, सर्दियों और गर्मियों में अलग-अलग किस्मों के फूल को बड़ी प्लानिंग के साथ लगाती हैं। वहीं कुछ ऐसे फूलों के पौधे भी लगे हैं, जो सालभर फूल देते हैं। इस तरह से उनके गार्डन में 50 से अधिक किस्मों के फूल लगते हैं। उन्हें फूलों का बेहद शौक भी है, इसलिए गुलाब, गेंदा, पेन्सी, डहेलिया जैसे फूलों की कई किस्में उनके गार्डन में लगी हैं।
पीछे बैकयार्ड गार्डन की बात करें, तो यहां आपको हरियाली ही हरियाली दिखेगी। क्योंकि, इसे उन्होंने जंगल थीम के साथ सजाया है। उनके घर की बनावट कुछ इस तरह है कि पीछे दो गार्डन (flower garden ideas) बने हैं। ऊपर की ओर उन्होंने बड़े पेड़ उगाएं हैं, जिनमें आम, नींबू और चीकू के पेड़ भी शामिल हैं।
इसके अलावा, उनके घर में मनी प्लांट्स की कई वेरायटीज हैं, जिन्हें उन्होंने इतने सालों में कटिंग के जरिए एक से सैकड़ों पौधों में बदल लिया है।
घर के पीछे का भाग इतना हरा है कि यह आपको जंगल का एहसास कराता है।
वह कहती हैं, “हरे रंग की भी कई किस्में हैं। मेरे गार्डन में Parkeria, Sago Palm, Palm, Dieffenbachia की कई किस्में आपको अलग-अलग हरे रंगों में मिल जाएंगे । मैंने लैंडस्केपिंग के जरिए पीछे के गार्डन को सजाया है, क्योंकि पीछे गार्डन में ज्यादा धूप नहीं आती, इसलिए मैंने सब्जियां नहीं उगाई हैं।”
हर साल मिलता है बेस्ट गार्डन का अवार्ड
समय के साथ, उनका गार्डन इतना खूबसूरत बन गया कि घर में आया हर मेहमान इसकी तारीफ किए बिना नहीं जाता। साल 2015 से उन्होंने हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HUDA) के फ्लावर शो और गार्डनिंग प्रतियोगिता में भाग लेना शुरू किया। इस प्रतियोगिता के लिए, वह विशेष रूप से तैयारी भी करती थीं। महीनों पौधों को सही प्लानिंग के साथ उगाना और रंग के हिसाब से एक जैसे पौधों को एक जगह पर उगाना आदि में, वह विशेष ध्यान देतीं। उनकी इस मेहनत का ही नतीजा है कि हर साल उनके गार्डन को फरीदाबाद के बेस्ट गार्डन का अवार्ड मिला है।
गार्डनिंग को ही बना लिया काम
डॉ. करुणा बताती हैं, “गार्डनिंग प्रतियोगिता के बाद, गार्डनिंग को लेकर मेरा नजरिया काफी बदल गया। कई लोग मुझे लैंडस्केपिंग के बारे में पूछते, तो कोई पौधों को चुनने में मेरी मदद मांगता। तभी, मैंने इसे अपना काम बनाने के बारे में सोचा।”
उन्होंने गार्डनिंग से एक कदम आगे बढ़कर इसे अपना काम (flower garden ideas) बनाना शुरू किया। डॉ. करुणा एक 3D सिरामिक आर्टिस्ट भी हैं। उन्होंने धीरे-धीरे गार्डन डिजाइनिंग का काम शुरू किया और अब तक वह 12 से ज्यादा गार्डन सजा चुकी हैं।
वह बताती हैं, “मैं लैंडस्केपिंग करके पत्थरों और टाइल्स से गार्डन सजाती हूँ और फिर उसमें जगह के अनुसार पौधे लगाती हूँ। मैं किसी भी जगह को एक कैनवास ही समझती हूँ और अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल करके उसमें रंग भरती हूँ।”
प्रकृति के साथ उनका जुड़ाव काफी गहरा है, इसलिए वह पौधों को अपना सबसे अच्छा दोस्त बताती हैं और यही संदेश वह कई लोगों को भी देती हैं। गार्डनिंग (flower garden ideas) के कारण, वह फरीदाबाद सहित दिल्ली की गार्डनिंग ग्रुप्स में मशहूर हो गई हैं। लॉकडाउन और कोरोना के समय, उन्होंने एक नेचर थेरपिस्ट के तौर पर ऑनलाइन वर्कशॉप देने की शुरुआत की थी, जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया। वह अब तक 30 ऑनलाइन वर्कशॉप दे चुकीं हैं, जिनमें वह लोगों को पौधों से जुड़ना सिखाती हैं।
वाकई में जिस खूबसूरत ढंग से उन्होंने गार्डनिंग (flower garden ideas) को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है वह सराहनीय है। आशा है आपको भी डॉ. करुणा की इस कहानी से प्रेरणा जरूर मिली होगी। उनसे गार्डेनिंग से जुड़ी कोई भी जानकारी लेने के लिए आप उन्हें karunaparth@yahoo.co.in पर सम्पर्क कर सकते हैं।
संपादन- मानबी कटोच
यह भी पढ़ेंः गार्डनिंग के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी, आज यूट्यूब और सोशल मीडिया से कमाती हैं लाखों रुपये
We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons: