ट्रेनों के रख-रखाव और मरम्मत में मदद करेगा भारतीय रेलवे का ‘उस्ताद’!

भारतीय रेलवे के नागपुर डिवीज़न ने एक अनोखा रोबोट तैयार किया है। इस रोबोट के जरिए ट्रेन के निचले हिस्से के न सिर्फ फोटोग्राफ लिए जा सकेंगे बल्कि उसके पूरे हिस्से की जांच भी की जा सकती है। इस रोबोट को 'अंडर गियर सर्विलेंस थ्रू आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस असिस्टेड ड्रॉइड' या 'उस्ताद' (USTAD) नाम दिया है।

भारतीय रेलवे के नागपुर डिवीज़न ने एक अनोखा रोबोट तैयार किया है। इस रोबोट की खासियत यह है कि इसके जरिए ट्रेन के निचले हिस्से के न सिर्फ फोटोग्राफ लिए जा सकेंगे बल्कि उसके पूरे हिस्से की जांच भी की जा सकती है।

फिलहाल इस तरह की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों को कोच के नीचे लेटकर जांच करनी पड़ती है। इस रोबोट को ‘अंडर गियर सर्विलेंस थ्रू आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस असिस्टेड ड्रॉइड’ या ‘उस्ताद‘ (USTAD) नाम दिया है। इस रोबोट के कारण रेलवे कर्मचारियों के लिए काम काफी आसान हो जाएगा। इसकी मदद से ट्रेन के किसी भी पार्ट में आई तकनीकी खराबी को भी आसानी से जांचकर उसकी मरम्मत की जा सकेगी।

इस रोबोट में एचडी कैमरा लगाया गया है, जो 360 डिग्री तक घूम सकता है। इस कैमरे से न सिर्फ फोटो लिया जा सकता है बल्कि उसका विडियो भी तैयार हो सकता है और वाईफाई के जरिए इंजिनियर अपने कमरे में कम्प्यूटर पर इस कैमरे से ली गई फुटेज को देख सकेंगे। अगर किसी पार्ट पर फोकस करना होगा तो ये कैमरे जूम भी कर सकते हैं।

इस रोबॉट में एलईडी फ्लड लाइट भी लगाई गई है। जिससे यह अंधेरे और कम रोशनी में भी फोटो लेने में सक्षम है। साथ ही, यह धीमी से धीमी आवाज को भी सुन सकता है जिससे फ्लैट टायर आदि के बारे में पहले से जानकारी ली जा सकती है।

इससे तकनीशियन को हर तरह की जांच परख में मदद मिलेगी। इस रोबोट में खास तरह के इंटेलिजेंस कैमरों का प्रयोग किया गया है, जो बारीक कमियों को भी बेहद आसानी से पकड़ सकते हैं।

मध्य रेलवे के प्रवक्ता सुनील उदासी ने बताया, “यह वास्तविक समय में वीडियो और कोच के अंडर-गियर भागों की तस्वीरों को रिकॉर्ड करता है और उन्हें वाईफाई पर प्रसारित करता है। इंजीनियर इन वीडियो को बड़े स्क्रीन पर देख सकते हैं और उन्हें रिकॉर्ड भी कर सकते हैं। इंजीनियरों द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार रोबोट के कैमरे को किसी भी दिशा में घुमाया जा सकता है।”

उस्ताद को 4 महीने में तैयार किया है। इसमें करीब 2 लाख रुपए खर्च हुए हैं।


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