‘मेरी सहेली’ के ज़रिए अकेले सफर कर रहीं महिलाओं की सुरक्षा पर नज़र रखेगी भारतीय रेलवे

'मेरी सहेली' प्रोग्राम के अंतर्गत रेलवे सुरक्षा बल की टीमों को ट्रेनों में अकेले सफर कर रहीं महिलाओं के बोगी नंबर और सीट नंबर की लिस्ट दी जाती है ताकि हर स्टेशन पर उनकी सुरक्षा पर नज़र रखी जा सके!

भारतीय रेलवे ने महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अनोखी पहल की शुरूआत की है, जिसका नाम है ‘मेरी सहेली’!

ट्रेन में अकेले सफर कर रहीं महिलाओं के लिए खासतौर पर यह सुविधा शुरू की गई है। इस पहल के अंतर्गत रेलवे सुरक्षा बल ने अपनी महिला अधिकारियों की टीम तैयार की हैं, जो अलग-अलग ट्रेनों में जाकर सफर कर रहीं महिलाओं से बात करेंगी और साथ ही, उन्हें रेलवे की ज़रूरी बातों के बारे में जागरूक करेंगी।

इस पहल का उद्देश्य रेल यात्रा के दौरान महिला यात्रियों में सुरक्षा की भावना उत्पन्न करना और महिलाओं को सुरक्षा संबंधी किसी चुनौती के मामले में प्रभावी प्रतिक्रिया देना है।

सबसे पहले दक्षिण मध्य रेलवे ने इस पहल को पायलट प्रोजेक्ट की तरह शुरू किया था। लेकिन अब यह दूसरे रेलवे डिवीज़न तक भी पहुँच चुकी है। दक्षिण-मध्य रेलवे के बाद अब पश्चिम, उत्तर सभी रेलवे डिवीज़न ने ‘मेरी सहेली’ को शुरू किया गया है।

 


हर एक रेलवे डिवीज़न पर रेल यात्रा के दौरान महिलाओं की सहायता के लिए महिला अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की एक टीम (एक महिला सब इंस्पेक्टर और हवलदार) गठित की गई है। यह टीम महिला कोच में जाकर उन्हें यात्रा के दौरान ध्यान में रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी देगी, साथ ही यह टीम अकेले यात्रा कर रही महिलाओं की भी पहचान करेगी तथा उनकी जानकारी (जैसे- सीट और कोच संख्या आदि) नोट करेगी जिसके बाद इसे अगले डिवीज़न या ज़ोन के अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा।

यात्रा की समाप्ति के समय महिला यात्रियों से उनके अनुभव और सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में फीडबैक भी लिया जाएगा।

पिछले लगभग एक-डेढ़ महीने से चल रही इस पहल का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। यात्रियों द्वारा इस पहल को सराहा जा रहा है, क्योंकि जब रेलवे सुरक्षा बल की टीम महिलाओं से जाकर बात करती है तो महिलाओं को भरोसा हो जाता है कि वह अकेली नहीं हैं।

साथ ही, टीम महिलाओं के लिए खासतौर से लॉन्च किये गए हेल्पलाइन नंबर 182 के इस्तेमाल के लिए भी उन्हें प्रोत्साहित कर रही हैं। सभी महिलाओं को किसी भी आंशका भरी स्थिति में तुरंत इस नंबर को डायल करने की सलाह दी जा रही है।

रेलवे सुरक्षा बल के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर का कहना है कि सबसे पहले टीम ट्रेन में यात्रा कर रहीं महिलाओं की बोगी नंबर और सीट नंबर की सभी जानकरी निकालती है। इस लिस्ट को हर उस स्टेशन के कंट्रोल रूम में भेजा जाता है, जहाँ-जहाँ ट्रेन रुकने वाली है। इसके बाद, स्टेशन पर तैनात सुरक्षा बल ट्रेन के रुकने पर इन बोगियों और सीटों पर नज़र रखते हैं। अगर किसी भी महिला को किसी तरह की परेशानी हो तो वह तुरंत रेलवे सुरक्षा बल से संपर्क कर सकतीं हैं।

अगर मेरी सहेली पहल में कवर की गई ट्रेन से किसी महिला की कोई आपात कॉल आती है तो इसके बारे में स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत जानकारी लेंगे। इस मामले को सुलझाना वरिष्ठ अधिकारी की ज़िम्मेदारी होगी और वह भी पूरी ईमानदारी के साथ।

द बेटर इंडिया भारतीय रेलवे की इस अनोखी पहल का स्वागत करता है।

 

यह भी पढ़ें: बदल गया गैस सिलिंडर बुकिंग का नंबर, जानिए अब किस नंबर से होगी बुकिंग


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X