देश में बहुत लोगों के लिए भारतीय सेना हमेशा से प्रेरणा का स्त्रोत रही है। ऐसे साहसिक और विश्वसनीय जवान जो बादल फटने या फिर ईमारत के ढहने पर भी आपके बचाव के लिए आयेंगें।
हाल ही में, भारतीय सेना ने उत्तराखंड में एक गांव में फंसे लोगों को बचाया है।
पिछले हफ्ते उत्तराखंड के चमोली जिले के मालारी इलाके में बादलों के फटने से भारी मात्रा में भूस्खलन हुआ। अत्याधिक बारिश के चलते और नदियों के पुरे उफान पर आ जाने से गांववालों की परेशानियां लगातार बढ़ गयी। बताया जा रहा है कि इस प्राकृतिक आपदा के चलते 4 लोगों की मौत भी हो गयी।
रठगांव और चमोली को जोड़ने वाली नदी का पुल भी नदी के तेज बहाव के चलते टूट गया।
यह पुल एकमात्र रास्ता था जिससे ग्रामीण नदी पार कर सकते थे। इसकी वजह से लगभग 41 परिवार उस गांव में फंस गए, क्योंकि उनके पास कोई भी रास्ता नहीं था नदी पार करने के लिए।
हालांकि, भारतीय सेना की फील्ड इंजीनियर कंपनी ने वहां पहुंच स्थिति को संभाला। केवल डेढ़ दिन के भीतर, इन जवानों ने उत्तराखंड के दो जिलों को जोड़ने के लिए एक फुटब्रिज बनाया।
Field Engineer Company #IndianArmy built a foot bridge connecting Rathgaon, Chamoli #Uttarakhand in less than 36 hours against all odds. Bridge got washed away leaving 41 families stranded in their village.@PIB_India @SpokespersonMoD @HQ_IDS_India pic.twitter.com/vTdw1MvvTS
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) July 25, 2018
नदी का बहाव तेज था और लगातार बारिश भी परेशानी का कारण बनी हुई थी। पर कोई भी समस्या भारतीय सेना को उनका काम करने से नहीं रोक पायी।
यह पहली बार नहीं है कि सेना टूटे हुये पुल का पुनर्निर्माण करने में मदद कर रही है। मुंबई की एल्फिंस्टन पुल त्रासदी भी एक उदाहरण है कि कैसे सेना ने मदद करने के लिए कदम बढ़ाया था।
एक स्थिति में नागरिकों की सेवा के लिए खड़े होने वाले भारतीय सैनिकों के इस जज्बे को सलाम!
( संपादन – मानबी कटोच )
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