मुंबई पुलिस के इस जांबाज़ हवलदार ने नंगे पाँव पहाड़ चढ़ कर बचाई एक शख्स की जान!

आत्महत्या करने का इरादा रखने वाले एक शख्स के पहाड़ पर चढ़ने की खबर जैसे ही मुंबई पुलिस को मिली तो वे घटनास्थल पर तुरंत पहुँच गए। स्थिति बेहद नाज़ुक थी पर हवलदार सुहास नेवसे की हिम्मत और सूझ बुझ से इस शख्स को बचा लिया गया।

बुधवार की शाम करीब 5:00 बजे मुंबई पुलिस के कंट्रोल रूम में किसी ने फोन कर सूचना दी कि एक 35 साल का शख्स आत्महत्या के इरादे से साकीनाका इलाके स्थित संघर्ष नगर में एक 50 फीट ऊंची पहाड़ी पर चढ़ गया है। इस घटना को देखने के लिए पहाड़ी के नीचे लोगो की भीड़ लग गई थी लेकिन कोई उसे बचाने ऊपर जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था।

कंट्रोल रूम में सुचना मिलते ही सब इंस्पेक्टर म्हात्रे और हवलदार सुहास नेवसे घटनास्थल पर पहुंच गए। लोगो के काफी पुकारने के बाद भी जब आत्महत्या के इरादे से पहाड़ पर चढ़ा शख्स वापस नहीं आया तो हवलदार नेवसे ने मामले की गंभीरता को समझते हुए बिना समय गंवाए नंगे पैर ही पहाड़ी पर चढ़ना शुरू कर दिया।

पहाड़ी के बिलकुल अंत में खड़े इस शख्स को हवलदार नेवसे ने दिलासा दिया और किसी तरह अपने पास बिठा लिया। पूछने पर उस शख्स ने कहा कि वह वेतन न मिलने से निराश है और आत्महत्या के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं है। इसके बाद करीब आधे घंटे नेवसे उस शख्स को समझाते रहे।नेवसे ने वादा किया कि वे उसका वेतन दिलाने में उसकी मदद करेंगे। और आखिर वे, उसे निचे लाने में सफल रहे।

मुंबई पुलिस ने हवलदार नेवसे की इस बहादुरी की कहानी को उनकी तस्वीर के साथ ट्विटर पर साझा किया जिसे लोगो ने खूब सराहा।

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घटना के चश्मदीद एक पुलिस अफसर ने बताया, “नेवसे ने करीब आधे घंटे तक उस आदमी को समझाया। ये पहाड़ी लगभग 50 मीटर ऊँचा है और इस पर यूँ चढना बहुत ही जोखिम भरा काम था। नेवसे वहां से गिर भी सकते थे या वो आदमी भी कूद सकता था।”

हवलदार सुहास नेवसे ने बताया कि जब वे और उनके साथी वहां पहुंचे तब कम से कम 100 लोग घटनास्थल पर मौजूद थे और आत्महत्या करने का इरादा रखने वाले शख्स तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल था। हालाँकि मदद के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया जा चूका था पर उन्हें लगा कि कहीं फायर ब्रिगेड के पहुँचने से पहले वह शख्स कूद न जाये और इसलिए वे उसे बचाने निकल पड़े।

“मैंने कमांडो ट्रेनिंग की हुई है। मैंने उस आदमी से 5 फीट का फासला बनाये रखा और उससे बात करता रहा। उसकी परेशानी सुनने के बाद मैंने उससे वादा किया कि मैं उसकी तनख्वाह दिलाने में उसकी मदद करूँगा। इसके बाद वह आश्वस्त हो गया और निचे उतर आया,” सुहास ने बताया।

इस शख्स की पहचान बाद में अब्दुल मंसूरी के नाम से की गयी। अब्दुल राजस्थान का रहने वाला है और मुंबई के फूटपाथ पर ही रहता है। वह एक होटल में काम करता था, जहाँ का मालिक उसे वेतन नहीं दे रहा था, जिसके कारण हताश होकर वो आत्महत्या करने निकल पडा था।

इस विडिओ में देखिये किस तरह बहादुर हवालदार नेवसे अकेले ही अब्दुल को बचाने पहाड़ पर चढ़ रहे है –

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