क्या आप भी संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तैयारी कर रहे हैं? अगर हां, तो आपको पता ही होगा कि सिविल सर्विस एग्जामिनेशन (CSE) के लिए सही ऑप्शनल पेपर (Best scoring optional for UPSC) चुनना कितना अहम होता है। सीएसई भारत की सबसे मुश्किल प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत सारे विषयों की व्यापक तैयारी करनी पड़ती है, खासकर जनरल स्टडीज़ की।
CSE का सिलेबस काफी विस्तृत होता है। अगर आप सही वैकल्पिक विषय चुनते हैं, तो आपके अंदर स्थिरता और आत्मविश्वास पैदा होता है। ऐसे में, ऑप्शनल पेपर के लिए विषय के चुनाव का फैसला, यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए बेहद ज़रूरी होता है।
सिविल सर्विसेज़ के अभ्यर्थियों की बेहतर तैयारी के लिए, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी काजल जावला (AIR-28), और भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी, अंकित कुमार (AIR-31) ने कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं:
सही विषय का चुनाव
IFS अंकित कुमार वने बताया, “अपना वैकल्पिक पेपर चुनते समय ध्यान दें कि उस विषय पर आपकी पकड़ कितनी अच्छी है। बेहतर होगा कि आप ऐसे विषय का चयन करें, जो आपने ग्रेजुएशन के दौरान पढ़ा हो।”
उन्होंने कहा, “इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि जो विषय आप चुन रहे हैं, उसकी तैयारी करने के लिए मैटिरियल आपको आसानी से मिलेगा या नहीं। साथ ही, चुने गए सब्जेक्ट में रुचि होना भी बहुत जरूरी है। इससे आपको, तैयारी और विषय पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।”
अंकित कहते हैं, “इंटरव्यू के स्टेज पर पहुंचने तक आपको ऑप्शनल सब्जेक्ट की अच्छी जानकारी की जरूरत पड़ती है, इसलिए सोच समझकर ही अपने लिए उपयुक्त वैकल्पिक विषय चुनें।”
सॉल्व करें पुराने प्रश्न पत्र

वहीं, IAS अधिकारी काजल ने CSE अभ्यर्थियों को सलाह देते हुए कहा कि वैकल्पिक पेपर चुनने से पहले, पिछले सालों के प्रश्न पत्रों को अच्छी तरह देख लें।
वह कहती हैं, “अगर आप पिछले सालों के क्वेश्चन पेपर्स को हल करने में पर्याप्त समय लगाएंगे, तो आपके दिमाग में एक पैटर्न तैयार होने लगता है। अपने ऑप्शनल पेपर (जूलोजी) को लेकर मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ, हर साल कुछ ऐसे विषय थे, जो लगातार रिपीट हो रहे थे। मैंने उन्हीं विषयों पर फोकस किया और उसपर पकड़ बनाने व बेहतर ढंग से समझने पर जोर दिया।
कैसे चुनें बेस्ट ऑप्शनल सब्जेक्ट?
अपने लिए सबसे उपयुक्त वैकल्पिक विषय का चयन करते समय इन बातों का रखें ध्यान:
- शुरू में, जो सब्जेक्ट आप ऑप्शनल के तौर पर लेने की सोच रहे हैं, उससे जुड़ी NCERT की किताबें पढ़ें। कम से कम उनके कुछ शुरुआती चैप्टर्स को पूरी तरह से पढ़ लें, ताकि आप समझ सकें कि उस विषय में आपकी रुचि है भी या नहीं।
- इसके बाद, यह देखें कि किस तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं, क्या उन प्रश्नों का जवाब देने के लिए बहुत ज्यादा सोच-विचार करने की जरूरत पड़ रही है या फिर वे प्रश्न सीधे व ज्यादा थ्योरिटिकल हैं?
- अपनी क्षमता के हिसाब से ही ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव करें।
अपने हिसाब से बनाएं स्टडी शेड्यूल
पढ़ाई का क्या शेड्यूल होना चाहिए, यह तैयारी करने वाले पर निर्भर करता है। इसलिए अंकित और काजल, दोनों ही इस बात पर जोर देते हैं कि अभ्यर्थी अपने हिसाब से, अपना शेड्यूल तैयार करे।
काजल जब सीएसई की तैयारी कर रही थीं, उस दौरान वह फुल टाइम नौकरी भी करती थीं। वह बताती हैं, “हर दिन मैं काम के लिए दिल्ली से गुड़गांव जाया करती थी। लेकिन फिर भी, मैं एक रूपरेखा हमेशा बनाती थी कि एक हफ्ते में मुझे कितना सिलेबस हर हाल में पूरा करना है। इससे मुझे तैयारी वाले दिनों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने में मदद मिली, और सप्ताह के आखिर में मुझे इस बात की संतुष्टि होती थी कि मैंने जो सोचा था, वह पूरा कर लिया है।”
अंकित कहते हैं, “हर दिन पढ़ाई के लिए आठ घंटे का समय निकलाना बहुत जरूरी है।” उनका कहना है, “पढ़ाई के लिए दिन का वह समय चुनिए, जो आपके लिए सबसे बढ़िया हो। जैसे कि अगर आप दिन में काम कर रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि काम पर जाने से पहले हर दिन सुबह के कुछ घंटे पढ़ने के लिए जरूर निकालें।”
स्मार्ट तरीके से तैयार करें नोट्स और स्टडी मैटेरियल

खाली समय का पूरा फायदा उठाएं। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि कामकाजी लोगों को पढ़ने के लिए आने-जाने में लगने वाले समय और लंच ब्रेक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।
अंकित कहते हैं, “अखबारों से नोट्स बनाने के चक्कर में मत रहिए। थोड़ा समय लगाकर यह समझने की कोशिश करिए कि परीक्षा के नजरिए से क्या महत्वपूर्ण है और किन विषयों को कवर किया जाना चाहिए।” वह कहते हैं कि पिछले सालों के यूपीएससी क्वेश्चन पेपर्स को अच्छी तरह से देखकर उम्मीदवार ऑप्शनल पेपर के बारे में बेहतर फैसला कर पाएंगे।
अपनी कमजोरियों को पहचानें
काजल जोर देकर कहती हैं कि अगर उम्मीदवार सिलेबस के सिर्फ एक हिस्से को पढ़ने का फैसला करता है, तो सफलता के लिए रिवीजन बहुत ही जरुरी हो जाता है। उनका कहना है, “अगर आप सिर्फ 60 प्रतिशत हिस्सा ही पूरा कर पाए हैं, तो इस बात को सुनिश्चित करिए कि आप उस हिस्से का पूरी तरह रिवीजन करें और उस हिस्से के साथ ही ज्यादा से ज्यादा अंक हासिल करें।” रिवीजन के अलावा मॉक टेस्ट पर काम करते रहिए। मॉक टेस्ट के रिजल्ट का विश्लेषण करिए और उसी के हिसाब से अपनी कमजोरियों पर काम करिए।
काजल, घटनाचक्र नाम की एक किताब को पढ़ने की सलाह भी देती हैं। इसमें बीते 20 सालों के क्वेश्चन पेपर दिए गए हैं, जो सब्जेक्ट के हिसाब से बंटे होते हैं। उम्मीदवारों को इससे एक अच्छा आइडिया मिल जाता है कि पेपर में क्या आ सकता है। उन्होंने बताया, “मैंने इतिहास, राजनीति और भूगोल के लिए इस किताब का इस्तेमाल किया था। सवालों के साथ-साथ, इस किताब में ‘आंसर की’ और हर उत्तर की पूरी व्याख्या भी दी गई है। इससे मुझे ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों में मदद मिली और सब्जेक्ट पर मेरी पकड़ भी मजबूत हुई।”
मूल लेखः- विद्या राजा
संपादनः अर्चना दुबे
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