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एक औरत घर को स्वर्ग बना सकती है! इसका बेहतरीन उदाहरण है स्वेता का यह खूबसूरत घर

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सैकड़ों फूलों और हरियाली के बीच रहने का अनुभव कैसा होता है? जानने के लिए आपको एक बार अंगुल (ओडिशा) की स्वेता पांडा के घर जरूर देखना चाहिए।

36 वर्षीया स्वेता पांडा बचपन से ही गार्डनिंग कर रही थीं। हालांकि, शादी के बाद अंगुल आने पर उन्हें पौधे लगाने के लिए ज्यादा जगह नहीं मिली। लेकिन पांच साल पहले उनकी यह दिली  इच्छा तब पूरी हुई, जब उन्हें ग्राउंड प्लोर पर घर मिला। 

स्वेता कहती हैं, “थोड़े-थोड़े पौधे तो हमेशा  मेरे पास थे, लेकिन गार्डन बनाने की ख्वाहिश पांच साल पहले पूरी हुई, जब मेरे पति अबिनाश पांडा को ऑफिस की तरफ से  ग्राउंड फ्लोर का क्वार्टर मिला। यहां हमें घर के आगे और पीछे दोनों ओर पौधे उगाने के लिए अच्छी जगह मिल गई।”

उनके घर में आगे की ओर सजावटी और फूलों के पौधे लगे हैं,  वहीं पीछे की जगह में उन्होंने किचन गार्डन बनाया है। थोड़े-थोड़े पौधे लगाते-लगाते स्वेता को पता ही नहीं चला कि कब उनका गार्डन 500 से 600 पौधों से भर गया। 

Sweta Panda
Sweta Panda

उनका छोटा बेटा अभी लगभग पांच साल का है। अपने बेटे के जन्म के बाद ही उन्होंने गार्डन बनाना शुरू किया था। न सिर्फ पौधे, बल्कि उन्होंने गार्डन को कई सजावटी चीजों से भी सजाया है। जिसे स्वेता ने DIY के जरिए खुद ही घर पर तैयार किया है। वह कहती हैं कि उन्हें आर्ट और क्राफ्ट का बहुत शौक है, इसलिए जब दोपहर को उनका बेटा सोता है,  तब वह आराम से कुछ नया बनाती रहती हैं।

 स्वेता कहती हैं, “मेरे सास-ससुर हमारे साथ रहते हैं, इसलिए मुझे गार्डेनिंग में उनका साथ भी मिलता है। यह गार्डन हमारे परिवार के लिए काफी खास है, जहां मेरा पूरा परिवार मिलकर समय बीतता है।”

flower in garden

उन्होंने गार्डन में हर एक पॉट को बेहद ही सुन्दर तरिके से पेंटिंग करके सजाया है। पुराने डिब्बों, बोतल और टायर का भी इतना सुन्दर उपयोग किया गया है कि घर का गार्डन किसी थीम पार्क जैसा दिखता है। उनके गार्डन में 45 से ज्यादा किस्मों के पौधे हैं।   

वह  अपने किचन गार्डन में भी रोजमर्रा की कई सब्जियां उगती हैं। इसके अलावा, कुछ गमलों में फलों के पौधे भी लगे हैं।  किचन गार्डन के लिए उन्होंने एक कम्पोस्ट पीट भी बनवाया है।  जहां किचन के गीले कचरे और गार्डन के कचरे से खाद तैयार होती है। 

Sweta panda and her family
Sweta Panda’s Famliy

गार्डन बनाते समय हमेशा स्वेता को यह डर था कि ऑफिस की तरफ से नए क्वार्टर में जाना पड़ा, तो सब छूट जाएगा। इसी बात को ध्यान में रखकर उन्होंने ज्यादा से ज्यादा पौधे गमलों में ही लगाए हैं। ताकि आसानी से उन्हें नए घर में शिफ्ट किया जा सके। 

सिर्फ पांच साल में जिस तरह से स्वेता ने अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल करके इस गार्डन को सजाया है, वह कबील-ए-तारीफ है। उनके आस-पास के लोगों और दोस्तों के लिए उनका घर एक आकर्षण का केंद्र बन गया है। कई लोग फोटो शूट कराने  या अपने सोशल मीडिया चैनल के लिए वीडियो बनाने के लिए भी उनके गार्डन में आते रहते हैं। 

आप गार्डनिंग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए उनसे फेसबुक के जरिए सम्पर्क कर सकते हैं।

हैप्पी गार्डनिंग!

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