हेरिटेज हॉलिडे: गोवा के इस पिता-पुत्र की जोड़ी ने 200 साल पुराने घर को दिया होमस्टे का रूप

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‘कार्वेला’ के मालिक कार्लोस नोरोन्हा एक 200 वर्ष पुराने विला को होमस्टे के रूप में तब्दील कर, गोवा के प्राचीन इतिहास को पुनर्जीवित कर रहे हैं।

अरब सागर किनारे बसा गोवा, अपने अद्वितीय समुद्री तटों, समृद्ध संस्कृति (Heritage) और प्राचीन प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। गोवा समुद्री रेतीले तटों, जंगलों और स्मारकों का अनुपम मिश्रण है। 

लेकिन, हाल के वर्षों में गोवा पैक्ड टूर, व्यस्त सड़कों और प्रदूषित समुद्री तटों का पर्याय बन गया है।

हालांकि, वर्षों तक इतने बड़े पैमाने में व्यावसायीकरण होने से एक सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं कि यहाँ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सैलानियों के लिए अधिक सुलभ, सस्ती और घर जैसी होमस्टे के लिए एक नई लहर चली है। 

इस वजह से गोवा के ऐतिहासिक मूल्यों, परंपराओं और स्थानीय जीवन को लेकर एक नई उम्मीद जगी है।

‘कार्वेला’ के मालिक कार्लोस नोरोन्हा, इसी प्रयास का एक हिस्सा हैं, जो एक 200 वर्ष पुराने विला को होमस्टे के रूप में तब्दील कर, गोवा के प्राचीन इतिहास (Heritage) को पुनर्जीवित कर रहे हैं।

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कार्वेला होमस्टे

27 वर्षीय कार्लोस ने द बेटर इंडिया को बताया, “हमने साल 2014 में होमस्टे को ऐसे वक्त में लॉन्च किया था, जब गोवा में इसका ज्यादा चलन नहीं था।  होमस्टे का चलन यूरोपीय देशों में अधिक है, जहाँ वह गर्व से अपनी संस्कृति (Heritage) का प्रदर्शन करते हैं। हमारा उद्देश्य भी कुछ ऐसा ही था। इसलिए हमने कार्वेला नाम को चुना, जो 15 वीं शताब्दी में बना पुर्तगाली नौकायन जहाज है। घर के फर्श को बनाने के लिए इस जहाज के एक हिस्से का इस्तेमाल किया गया था।”

हालांकि, यह बिल्डिंग काफी पुराना है, लेकिन इसमें टीवी, वाईफाई, एसी, आदि जैसी कई आधुनिक सुख-सुविधाएँ हैं, जो परंपरागत और आधुनिक साधनों का आदर्श मिश्रण है।

बता दें कि कार्वेला पणजी में स्थित है, जो हर तरह के सैलानियों का एक प्रमुख स्थान है। इसके अलावा, होमस्टे में दी जाने वाली सेवाएं और घरेलू वातावरण, एक आकर्षक राजस्व स्रोत है।

कार्लोस के पिता, जिनका नाम भी कार्लोस है, कहते हैं, “ऑफ सीजन में, हमें होमस्टे से हर महीने करीब 3 लाख रुपये, जबकि नवंबर और जनवरी के दौरान हर महीने 5 लाख रुपये आमदनी होती है। हमने इसमें निवेश के तौर पर, सिर्फ एक पुर्तगाली मालिक से तीन मंजिले इमारत को खरीदने और अपनी ज़रूरतों के हिसाब से इसे एक बार संसोधित करने पर खर्च किया। इसके बाद, हमारे खर्च सिर्फ इसके रखरखाव में होती है।”

अपने वेंचर से लाभ कमाने से अधिक खुशी कार्लोस को कई देशों और संस्कृतियों के लोगों से मिलने से होती है।

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वह बताते हैं, “हर मेहमान की मेजबानी करना हमारे लिए अपने आप में एक बड़ा अनुभव और सीख है। अमेरिका, लंदन, एम्सटर्डम, चेन्नई, मुंबई, जैसे कई शहरों के सैलानियों से बातचीत करने से मुझे मानवीय जरूरतों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है।”

तो, एक ग्रेजुएट होने के बावजूद कार्लोस को होमस्टे का बिजनेस शुरू करने का विचार कैसे आया?

दरअसल, यह बात उस वक्त की है, जब कार्लोस कॉलज के अंतिम वर्ष में थे। इस दौरान, उन्होंने अपने कॉलेज में गोवा के स्थानीय जीवन पर पर्यटन के प्रभावों को लेकर एक पेपर प्रस्तुत किया था।

इस तरह, साल 2014 में अपना ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद, वह कर्नाटक के कूर्ग में अपने एक दोस्त के होमस्टे गए थे। वहाँ उनके दोस्त ने अपने एक साधारण घर को काफी अलग लुक दिया था, इससे प्रेरित होकर कार्लोस और उनके पिता ने गोवा में कुछ ऐसी ही संभावनाओं को लेकर चर्चा की।

इसके बाद, काफी मशक्कत के बाद, उन्हें बीच के करीब एक पुराना घर मिला। इसे लेकर कार्लोस कहते हैं, “पुराना देहाती आकर्षण, रंगीन दीवारें, स्प्रॉलिंग स्पेस और शांत हवा। हमने इस घर को देखते ही पसंद कर लिया था।”

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पिता-पुत्र की जोड़ी ने साल 2014 में इस घर को खरीद लिया और इसे एक होमस्टे के रूप में तब्दील कर दिया।

इसके बाद, उन्होंने अपने बिजनेस को चलाने के लिए टूरिज्म और ट्रेड का लाइसेंस हासिल किया। एक बार मरम्मत कार्य पूरा हो जाने के बाद, पर्यटन विभाग के राज्य अधिकारी निरीक्षण के लिए आए और इसे मंजूरी दे दी।

घर का मरम्मत करते समय, कार्लोस ने इसके आश्रम सरीखे एहसास को बरकरार रखा। उदाहरण के तौर पर, इसमें शीशम से बनी सीढ़ी को नहीं बदला गया और मिट्टी की दीवारों को प्लास्टर नहीं किया गया, इससे घर में न सिर्फ मिट्टी की सौंधी खुशबू आती है, बल्कि इससे घर भी ठंडा रहता है।

जब इस घर का मरम्मत कार्य चल रहा था, तो कार्लोस ने हाउसकीपिंग, कर्मचारी प्रबंधन, कमरे के रखरखाव, ग्राहक सेवा आदि के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए एक होटल के साथ, एक महीने का इंटर्नशिप भी किया।

इसके बाद, उन्होंने कार्वेला को बुकिंग साइटों पर सूचीबद्ध किया और दिसंबर महीने तक यह बुकिंग के लिए खुल गया था। आज, इतने वर्षों के बाद, यह इस होमस्टे ने गोवा में एक अलग पहचान बनाई है, जहाँ पूरी दुनिया के सैलानी आते हैं।

जीतने की रणनीति

कार्वेला जब ग्राहकों के लिए खुला, तो वह पीक टूरिज्म सीजन था। इसी वजह से कुछ ही दिनों में उनकी बुकिंग पूरी हो गई। एक्सपेडिया और एयरबीएनबी जैसी साइटों से जुड़ने के बाद, कार्लोस को अपने बिजनेस को और तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिली।

कार्लोस कहते हैं, “हम अपने बिजनेस को एक विश्वास और बेहतर ग्राहक सेवा के साथ शुरू करना चाहते थे। इसलिए, हमने मेहमानों को पहले बुकिंग करने और यहाँ आने के बाद भुगतान करने की सुविधा दी। हालांकि, अगले महीने हमें इससे काफी नुकसान हुआ, क्योंकि कई अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों सिर्फ वीजा के लिए हमारे यहाँ बुकिंग किया और बाद में इसे कैंसिल कर दिया। यह हमारे लिए पहला सबक था कि बिजनेस में हमेशा विश्वास लाभदायक नहीं होता है और विकल्प के साथ तैयार रहना जरूरी है।”

मूल्य निर्धारण एक और नकारात्मक पहलू था, जिसका सामना कार्लोस ने शुरुआती दिनों में किया। क्योंकि, शहर में कई होमस्टे हो जाने की वजह से प्रतियोगिता काफी बढ़ गई थी और इससे उनकी बुकिंग को काफी नुकसान पहुँचा।

इसे लेकर वह कहते हैं, “यहाँ होमस्टे 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये रेंज तक के हैं। हमें ऐसी कीमत को तय करने की जरूरत थी, जो सस्ती होने के साथ-साथ लाभदायक भी। इसलिए हमने दरों का अध्ययन किया और मूल्य को लेकर कोई समझौता नहीं किया, जो अंततः गुणवत्ता को तय करता है।”

हालांकि, उच्च कीमतों का अर्थ स्पष्ट तौर पर ग्राहकों को खोना था। तो, उन्होंने इसकी भरपाई कैसे की?

कार्लोस कहते हैं, “पीक सीज़न हमारे हित में काम करता है और नुकसान की स्थिति में, हम लोगों को डिस्काउंट देते हैं।”

Goa travel

साल 2015 में, कार्लोस ने अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए अपने परिसर के अंदर एक कॉफी की दुकान खोली। अब उनके पास एक बेहतर कस्टमर रिलेशन एक्सपिरयंस भी था। उन्होंने  ग्राहकों की प्रतिक्रिया के आधार पर, अपने मेन्यू में  सैंडविच और पिज्जा जैसे खाद्य पदार्थों को भी शामिल किया। इससे उन्हें हर महीने 20 हजार की कमाई होती है।

कार्लोस कहते हैं, “घर में बना खाना, रिस्पांसिव एट्टीट्यूड, जेनुइन सर्विस और हाइजेनिक प्लेस हमारी यूएसपी है। हम अपनी तरफ से मेहमानों की हर जरूरत को पूरा करने का प्रयास करते हैं।”

कैय बी, जो पिछले साल यहाँ रुके थे, वह भी मानते हैं, “यहाँ का माहौल और सेवा, काफी अच्छा था। कार्लोस ने सुनिश्चित किया कि मेरा परिवार सहज रहे। पुर्तगाली वास्तुकला के तहत बनी यह इमारत काफी आकर्षक थी।”

कोरोना वैश्विक महामारी के कारण, फिलहाल, कार्लोस के होमस्टे में कुछ ही कमरे बुकिंग के लिए उपलब्ध हैं। भले ही, लॉकडाउन की वजह से यहाँ बुकिंग में कमी आई है, लेकिन कार्लोस को यकीन है कि दिसंबर 2020 तक इस घाटे की भरपाई हो जाएगी।

कार्वेला होमस्टे से संपर्क करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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संपादन: जी. एन. झा 

स्त्रोत 

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