इस लेख के प्रायोजक ओसवाल पब्लिशर्स हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की दसवीं की परीक्षा की तारीखें घोषित कर दी गईं हैं। यह परीक्षाएं 4 मई 2021 और 7 जून 2021 के बीच होगीं। बोर्ड ने यह भी पुष्टि की है कि ये परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी यानि छात्रों को परीक्षा सेंटर जा कर लिखित में परीक्षा देनी होगी।
देश भर में लाखों छात्र परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। इसी संबंध में द बेटर इंडिया ने गुरुग्राम के शिव नादर स्कूल में कक्षा 11 में पढ़ने वाले अर्जुन बेदी से बातचीत की। 2019 में अर्जुन ने सीबीएसई बोर्ड से दसवीं की परीक्षा दी थी और 97.4% हासिल किया था। हमारे साथ बात करते हुए अर्जुन ने कुछ टिप्स और रणनीतियां साझा की जिसे उन्होंने परीक्षा की तैयारी के समय अपनाया था और अव्वल रैंक लाने में सफल हुए थे।
कड़ी मेहनत करने और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के अलावा, अर्जुन स्कूल के विभिन्न प्रॉजेक्ट में भी शामिल रहे हैं। उन्होंने एक ऐसी नई प्रक्रिया पर काम किया है जो प्रत्येक दिन 1000 लीटर पानी बचाने में मदद कर सकता है।
अर्जुन शायद उन मुट्ठी भर छात्रों में से हैं, जो कहते हैं कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी और परीक्षा के पेपर लिखने में भरपूर आनंद लिया है।
वह कहते हैं, “हम सभी के पास समान विषय और सिलेबस थे, तो हमारी समस्याएं भी समान ही थी, और इसी बात ने हमारी काफी मदद की।”
- क्लास में 100 फीसदी फोकस
अर्जुन कहते हैं कि क्लास में जो भी पढ़ाया जा रहा है, उस पर पूरा ध्यान देना चाहिए। वह कहते हैं कि अगर ठीक से ध्यान दिया जाए तो क्लास में ही ज़्यादातर कॉन्सेप्ट स्पष्ट हो जाते हैं। और अगर किसी भी तरह की कोई परेशानी है तो उसे क्लास में फौरन दूर किया जा सकता है।
- स्कूल के बाद पढ़े गए विषयों को दोहराएं
अर्जुन हर विषय के नोट्स बनाते हैं। वह कहते हैं कि स्कूल में जो कुछ भी पढ़ाया जाता है उसे घर वापस आने के बाद दोहराने से वह अच्छी तरह से दिमाग में बैठ जाती है और बेहतर याद रहती है। वह कहते हैं, “मैं टेक्स्ट बुक पढ़ता था, महत्वपूर्ण बिंदुओं को चिन्हित करता था और फिर अपने नोट्स बनाता था। कभी-कभी टेक्स्टबुक की भाषा बहुत ‘शाब्दिक’ होती है, और नोट्स बनाने से इसे बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलती है।”
ओसवाल पब्लिशर्स द्वारा कुछ सामग्री प्रकाशित की गई हैं। जिसमें पिछले 10 सालों के प्रश्नपत्र और प्रश्नों के उत्तर हैं। यह सामग्री ऑनलाइन मौजूद है और यहां देखा जा सकता है।
- पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें
अर्जुन बताते हैं कि एक बार जब पूरा सिलेबस पूरा हो गया तब उन्होंने सभी विषयों के सैंपल पेपर हल करना शुरू कर दिया था। इनमें से सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण था – गणित। अर्जुन यह भी कहते हैं कि एनसीईआरटी की किताबों से अध्ययन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पूरा सिलेबस कवर किया जाता है।
छात्र जितने ज़्यादा सैंपल पेपर हल करेंगे उतने ही ज़्यादा परीक्षा के लिए तैयार होंगे। यदि ही परीक्षा देने वाले दूसरे छात्रों के साथ घर पर निर्धारित समय सीमा के भीतर पेपर हल करने का परीक्षा जैसा माहौल बनाया जाए तो उससे भी काफी मदद मिल सकती है। प्रश्न बैंक में दिए गए उत्तर बोर्ड की मार्किंग स्कीम के अनुसार होते हैं, जो सवालों के जवाब को बेहतर तरीके से तैयार करने में मदद करते हैं।
गुरुकुल का 15+1 प्रैक्टिस पेपर भी आपकी सहायता करेगा। प्रैक्टिस पेपर तक पहुंचने के लिए यहां क्लिक करें।
- ब्रेक लेना है महत्वपूर्ण
जिस तरह से ध्यान लगा कर पढ़ाई करना जरूरी है, उसी तरह ब्रेक लेना भी जरूरी है। अर्जुन का कहना है कि वह लगभग डेढ़ घंटे तक पढ़ाई करते हैं और आधे घंटे का ब्रेक लेते हैं। वह बताते हैं, “मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि मैं थोड़ा घूमूं, खेलूं, परिवार के सदस्यों से बात करूं और फिर पूरी तरह रिचार्ज हो कर अपनी डेस्क पर वापस आऊं।” ये कुछ चीज़ें हैं जो अर्जुन के लिए काफी मददगार साबित हुई हैं। वह कहते हैं कि प्रत्येक छात्र को समझना चाहिए कि व्यक्तिगत रूप से उनके लिए कौन सी चीज़ काम करती है।
आपकी तैयारी के समय कुछ और चीज़े बेहद मददगार साबित हो सकती हैं।
- ग्रुप स्टडी
जैसा कि अर्जुन ने शुरुआत में उल्लेख किया था, “सिलेबस और इसमें आने वाली समस्याएं सबके लिए एक जैसी हैं, तो ग्रुप स्टडी मेरे ही काफी लाभदायक रहा।” हालांकि, कुछ लोगों को ये ध्यान भटकाने वाला लग सकता है, लेकिन अर्जुन इस पर विचार करने पर जोर देते हैं। वह कहते हैं कि जब कोई छात्र किसी एक विशेष कॉन्सेप्ट में फंस जाता है, तो दूसरे छात्र इसे सरल तरीके से समझा सकते हैं।
एक और बेहतर संसाधन ओसवाल पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित सामग्री है जहां छात्र पिछले 10 वर्ष के प्रश्न पत्रों को हल कर सकते हैं और उत्तर पुस्तिकाओं तक पहुंच सकते हैं। यह उनकी वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। वेबसाइट पर पहुंचने के लिए यहां क्लिक करें।
1985 में स्थापित, ओसवाल पब्लिशर्स की स्थापना मुकेश जैन ने की थी। इसके पीछे उनका लक्ष्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक संसाधन प्रदान करना था। पिछले तीन दशकों से ओसवाल पब्लिशर्स, गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक सामग्री पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बोर्ड पेपर पैटर्न और सिलेबस का विश्लेषण कर रहे हैं।
मूल लेख: विद्या राजा
संपादन- प्रीति महावर
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